छत्तीसगढ़: वनकर्मियों की हड़ताल की तरह जंगल की आग ने पकड़ी रफ्तार, सरगुजा में हजारों हेक्टेयर जंगल दो दिन में जलकर खाक

उदयपुर/क्रांति रावत। 21 मार्च से वनकर्मियों की हड़ताल शुरू हुई है, इसी दिन से तेज गर्मी की लपटों में वन परिक्षेत्र उदयपुर का जंगल बुरी तरह से जल रहा है, परंतु इसे देखने वाला कोई नहीं है। वन परिक्षेत्र उदयपुर अंतर्गत आने वाले विभिन्न जंगल ग्राम सोन तराई, चकेरी, बासेन, घाटबर्रा, मरैया, केदमा शायद ही ऐसा कोई गांव हो। जहां पर जंगल की आग ने वनकर्मियों के हड़ताल की तरह रफ्तार ना पकड़ी हो।
  
वीडियो और तस्वीर दिखा रहे है कि, किस तरह हजारों हेक्टेयर जंगल दो दिनों में ही जलकर खाक हो गए। वनकर्मियों के मौके पर नहीं रहने से यह आग पूरे जंगल मे विकराल रूप लेते जा रहा है। रामगढ़ पहाड़ी के नीचे लगे आग को जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों, फायर वाचर तथा चौकीदार इत्यादि के माध्यम से बुझाया गया है। सोनतराई मुड़ापार फ्लाई ऐश फैक्ट्री के बगल वाला सैकड़ों एकड़ जंगल जलकर राख हो गया है।
   
डाँड़गांव अंधारझोरखा प्रिंस होटल के बगल वाले जंगल मे भी आग बुरी तरह लगी हुई है, जो काफी तेज गति से पूरे जंगल को अपने चपेट में ले रही है। बासेन से चकेरी मार्ग में हजारों हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आकर सैकड़ों छोटे पेड़ पौधे काल के गाल में समा गए।
  
वन विभाग द्वारा फायर वाचर, चौकीदार इत्यादि से आग बुझाने की बात तो कही जा रही है परंतु इनके प्रयास नाकाफी है। इस बारे में बात करने पर उदयपुर वन परिक्षेत्राधिकारी सपना मुखर्जी ने बताया कि, वन कर्मियों के हड़ताल में जाने के बाद आग बुझाने की जिम्मेदारी फायर वाचर व चौकीदार की है। ग्रामीणों के सहयोग से आग बुझाने के प्रयास जारी है।