किसी भी व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता और सम्मान का अधिकार ही मानव अधिकार है- डॉ रचना झा

अम्बिकापुर। शासकीय राजमोहिनी देवी कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आइ.क्यू.ए.सी सेल के तत्वधान में अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम में राज्य महिला आयोग की सदस्य नीता विश्वकर्मा के मुख्य आतिथ्य में विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ रचना झा ने भी अपनी गरिमामई उपस्थिति दर्ज कराई।

इस मौके पर डॉ रचना झा ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य योनि में जन्म लेने के साथ मिलने वाला प्रत्येक अधिकार मानव अधिकार की श्रेणी में आता है। संविधान में बताए गए अधिकारों से बढ़कर महत्व मानव अधिकारों को माना जाता है। इसका कारण यह है कि ऐसे अधिकार जो सीधे प्रकृति से संबंध रखते हैं। जैसे जीने का अधिकार केवल कानून सम्मत अधिकार नहीं है बल्कि इसे प्रकृति से प्रदान किया गया है। सभी व्यक्तियों को गरिमा और अधिकारों के मामले में जन्मजात स्वतंत्रता समानता प्राप्त है वास्तव में प्रत्येक व्यक्ति को ऐसे जीवन स्तर को प्राप्त करने का अधिकार है, जो उसे और उसके परिवार के साथ कल्याण और विकास के लिए आवश्यक है।

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उन्होंने सभी को मानव अधिकार दिवस एवं उसके संरक्षण के प्रति जागरूक रहने की सलाह दी साथ ही महिला सशक्तिकरण के लिए छात्राओ को अच्छी शिक्षा ग्रहण करना अनिवार्य बताया। डॉ रचना झा ने कोविड-19 के मद्देनजर छात्राओं को अपनी सेहत का ध्यान रखने के साथ अपनी इम्नियुटी बढ़ाने के लिए योगा और ध्यान करने के लिए भी प्रोत्साहित किया बड़ी संख्या में उपस्थित छात्राओं में अनुशासन प्रियता देखकर छात्राओं की खुले दिल से तारीफ भी की और भविष्य में इस तरह के कार्यक्रम जिनसे छात्र-छात्राएं मानव अधिकार के बारे में भी ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त करें ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करते रहने की सलाह दी।