जलाषय का उपयोग मछली पालन, बत्तख पालन में करें – कलेक्टर 

अम्बिकापुर 15 अक्टूबर 2014
  • पानी किसानी बर यात्रा का खैरबार में समापन
पानी किसानी बर यात्रा के अंतिम दिन आज कलेक्टर श्रीमती ऋतु सैन ने ग्राम खैरबार के ग्रामीणों समक्ष में बातचीत की। बांकी जलाषय निरीक्षण गृह में आयोजित ग्रामीणों की एक सभा को संबोधित करते हुए कलेक्टर ने कहा कि पानी है तो जीवन है। यह बताने के लिए ही यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि पहले हम सारे काम खुद कर लिया करते थे। आज छोटी-छोटी सी जरूरतों के लिए शासन-प्रषासन की ओर देखते है। छोटे-छोटे कार्य जो आपसी सहयोग से हो सकते है। उस पर हम दूसरों पर निर्भर होने लगे। कलेक्टर श्रीमती सैन ने कहा कि हम अपने घरों की साफ-सफाई तो कर लेते हैं लेकिन हमारे जलाषयों, नहरों में कुछ हो गया तो कुछ नहीं करते। उन्होंने कहा कि आप अपनी आय के स्रोत बढ़ाने के कार्य शुरू करें उसमें वृद्धि के लिए क्या किया जा सकता है। उसकी मदद प्रषासन द्वारा की जाएगी। उन्होंने घुनघुट्टा समूह की महिलाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां के समूह में मात्र 10 महिलाएं है। जो अतिरिक्त आयअर्जन हेतु सभी काम करती हैं चाहे मछली पालन हो या नौका संचालन, उसी तरह आप लोग भी करें। जो साधन सहायता चाहिए वह दी जाएगी। सभा के दौरान उन्होंने ग्रामीण महिलाओं से उनकी समस्याओं को जानना चाहा। ग्रामवासी श्रीमति क्रिस्टिना केरकेट्टा ने कहा कि रोजगार गारंटी में मुरूम का काम किया गया था। उसका भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। एक अन्य ग्रामीण ने कहा कि गेहूं के सीजन में पानी चाहिए। साथ मे यह भी कहा कि नहर की साफ-सफाई के लिए नहर का एरिया बांट दिया जाए, ताकि साफ-सफाई की जा सके। कलेक्टर श्रीमती सैन ने महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि unnamed (27)महिलाओं के पास खुद का आय का जरिया होना चाहिए। उन्हें पढ़ने-लिखने एवं साक्षर होने के लिए प्रेरित किया। जलाषय के उपयोग के संबंध में उन्होंने ग्रामीणों से इसका उपयोग मछली पालन, प्रान पालन, बत्तख पालन में करने को कहा ताकि आय बढ़े। इस अवसर पर कृषि विभाग द्वारा 13 हितग्राही किसानों को सरसों के मिनीकिट बीज वितरित किए गए।
उल्लेखनीय है कि पानी किसानी बर यात्रा के अंतर्गत जिले के समस्त मध्यम जलाषय, छोटे जलाषय, एनीकट एवं डायवर्सन योजनाओं को इकाई मानते हुए प्रत्येक इकाई अधोसंरचना एवं उसकी नहरों के अंतिम छोर तक भ्रमण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। यात्रा में जन प्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिष्चित की गई।
पानी किसानी बर यात्रा के दौरान के अंतर्गत एक क्षेत्र की यात्रा के समापन तथा दूसरे क्षेत्र में प्रवेष के समय किसान सभा आदि का भी आयोजन किया गया। जिसमें कृषि विभाग तथा अन्य सहयोगी विभागों के द्वारा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कृषि उपकरण तथा खाद, बीज आदि के वितरण का भी कार्यक्रम रखा गया। सभा में किसानों में जागरूकता तथा जल संसाधनों का अधिक से अधिक उपयोग सुनिष्चित किए जाने के संबंध में अवगत कराया गया।
जल संसाधन विभाग द्वारा जिले के प्रत्येक विकासखण्ड, सिंचाई परियोजना का ऐसा रूट चार्ट तैयार किया गया ताकि एक छोर से दूसरे छोर तक सभी योजनाओं का भ्रमण एवं उनमें आवष्यक मरम्म्त तथा सुधार कार्य आदि संभव हो सके। यात्रा के दौरान जलाषयों के निकटवर्ती ग्रामीण किसानों से आवष्यक श्रमदान एवं जन सहयोग प्राप्त किया गया ताकि किसान इन संरचनाओं से जुड़ सके। पानी किसानी बर यात्रा के सहयोगी विभाग कृषि, मत्स्य पालन, उद्यान, वन विभाग एवं अन्य कृषि समूह के विभाग सम्मिलित हुए।