रामगढ़ महोत्सव रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ संपन्न

पुरातात्विक अवशेषों के सरंक्षण की आवश्यकता व्यक्त की अतिथियों ने

अम्बिकापुर  महाकवि कालीदास के अमर कृति मेघदूतम् की रचना स्थली रामगढ़ में दो दिवसीय रामगढ़ महोत्सव रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ संपन्न हुआ। इस समारोह में स्थानीय कलाकारों के साथ ही प्रदेश एवं देश के विभिन्न क्षेत्रों के कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां दी। छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता एवं अम्बिकापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक टीएस सिंहदेव ने कहा कि प्रारंभ में रामगढ़ महोत्सव की शुरूआत छोटे रूप में प्रारंभ किया गया था। हर वर्ष रामगढ़ महोत्सव का स्वरूप बढ़ता गया और रामगढ़ महोत्सव भव्य रूप से मनाया जाता है। श्री सिंहदेव ने कहा कि रामगढ़ में इतिहास के प्रारंभिक स्त्रोत मौजूद हैं। इनके संरक्षण की आवश्यकता है। हजारों साल पहले लोहे को गलाकर जो उपकरण बनाये जाते थे उनके अवशेष के रूप में गड्ढे उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि रामगढ़ की पहाड़ी के साथ ही उसके आसपास के क्षेत्रों में सर्वे कराया जाकर पुरातात्विक अवशेषों को संरक्षित करने की आवश्यकता है। श्री सिंह देव ने कहा कि इतिहास से हमारी संस्कृति, समाज एवं धर्म की उत्पति से जुड़ी हुई जानकारी मिलती है।
सरगुजा संासद कमलभान सिंह ने क्षेत्रवासियों को रामगढ़ महोत्सव की बधाई देते हुए कहा कि रामगढ़ की पहाड़ी सरगुजा जिले की पहचान और धरोहर है। उन्होंने कहा कि आषाढ़ के प्रथम दिवस पर इसका सम्मान और विकास हमारी जिम्मेदारी है। श्री सिंह ने कहा कि रामगढ़ के विकास के लिए शासन द्वारा करोड़ों रूपये की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि रामगढ़ के विकास के लिए राशि की कमी नहीं होने दी जायेगी। लुण्ड्रा क्षेत्र के विधायक चिन्तामणी महराज ने कहा कि सरगुजा जिला प्राकृतिक रूप से बहुत संपन्न है।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने कहा कि रामगढ़ महोत्सव एक ऐसा आयोजन है जिसमें जिला प्रशासन एवं आमजनों की भागीदारी से आज इसके स्वरूप में काफी बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि रामगढ़ महोत्सव में स्थानीय कलाकारों के साथ ही साथ अन्य प्रांतों के अनेक कलाकारों द्वारा आकर्षक प्रस्तुति देकर इसकी ख्याति को पल्लवित कर रहें है। कलेक्टर ने कहा की रामगढ़ साहित्यिक एवं पुरातात्विक महत्व के साथ ही साथ अपनी प्राकृतिक वैभव के लिए भी विख्यात है। उन्होंने कहा कि रामगढ़ की एतिहासिक धरोहर एवं पर्यावरण को सहजने के लिए जिला प्रशासन कटिबद्ध है। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपाल अधिकारी अनुराग पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक आरएस नायक, वन मण्डलाधिकारी मो. शाहिद, उदयपुर के अनुविभागीय दण्डाधिकारी आरके तम्बोली उदयपुर के जनपद अध्यक्ष राजनाथ सिंह, जनपद उपाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह, ग्राम पंचायत पुटा की सरपंच श्रीमती नीला बाई और ग्राम पंचायत रामनगर के सरपंच रोहित सिंह टेकाम, जिला पुरातत्व संघ के सदस्य आलोक दुबे एवं साहित्यकार, लेखक, कलाप्रेमी और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे। अंत में अपर कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने आभार व्यक्त किया।

मनोहारी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की गई प्रस्तुति
रामगढ़ महोत्सव के दूसरे दिन आयोजन स्थल रामगढ़ में स्थानीय दल ने कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय उदयपुर, झरमिटी के विश्वामित्र गोस्वामी एवं सांिथयों द्वारा रामभजन, वियन्नी माध्यमिक शाला झिरमिटी द्वारा करमा नृत्य, सुभाष कॉन्वेट स्कूल के द्वारा नृत्य, कस्तुरबा गांधी अवासी विद्यालय अम्बिकापुर द्वारा मेघदूत से संबंधित यक्ष-यक्षणी गीत एवं नृत्य, उदयपुर साथियों द्वारा समूह नृत्य प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही सरगुजा के संजय सुरीला एण्ड पार्टी, रायगढ़ की सुश्री झरना नायक, अमृतसर के निन्दर एवं नासिर और कोलकाता के अतानु दास, राजनानदगावं के लोक कला मंच दूध मोंगरा तथा रयपुर के पीआनो वादक रजि मोहम्मद ने आकर्षक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी।
रामगढ़ महोत्सव स्थल पर जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फलैगशीप की योजनाएं प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, सौर सुजला योजना आदि सहित पिछले पांच वर्षो में आयोजित रामगढ़ महोत्सव से संबंधित छायाचित्र प्रदर्शनी लगाई गई, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग, सरगुजा वन विभाग, पशुपालन विभाग, उद्यान विभाग, कृषि विभाग, शिक्षा विभाग, साक्षर भारत, सर्व शिक्षा अभियान, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वच्छ भारत मिशन और जनपद पंचायत उदयपुर द्वार भी विकास प्रदर्शनी लगाई गई।