हादसो को रोक नही पाते ,, लेकिन हादसो के बाद भी क्यो रहते है गायब ????

अम्बिकापुर 

बढती जनसंख्या और तेज भागती जिंदगी का असर अम्बिकापुर मे भी होने लगा है, और आय़ दिन शहर मे तेज रफ्तार वाहन किसी ना किसी को अपना निशाना बना रहे है। खैर ये सब आम आदमी के बीच शुरु होकर उन्ही के बीच खत्म हो जाता है। क्योकि खास हो चुकी यातायात पुलिस ,, यातायात व्यवस्था सुधारने के अलावा वो सभी काम कर रही है, जिससे व्यक्तिगत फायदे होते है। आज शहर के यातायात के पिछवाडे निगम के प्रशासनिक भवन के बगल मे भी ऐसा ही कुछ हुआ। जिसमे हादसा भी हुआ, घायल लोगो और घायल करने वालो के बीच छूमा छटकी भी हुई, लेकिन सब हाजिर हुए पर यातायात पुलिस नदारद रही।

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सर मे लगी चोट

 

 

काफी समय पहले पुलिस विभाग द्वारा एक नारा बुलंद किया जाता था, जिसमे लिखा होता था वर्दी भी नही हम दर्दी भी, और यातायात पुलिस सदैव आपके साथ। खैर बदलते वक्त के साथ ही ना ही वो नारा रहा और ना ही नारे का कोई मतलब। दरअसल ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योकि पालिका से निगम और अब छत्तीसगढ के महानगरो मे शुमार अम्बिकापुर हादसो का शहर  बनता जा रहा है ,, और हादसो मे लगाम लगाने वाले आंखो मे पट्टी बांधे शहर से नदारद रहते है। आज इस तथ्य से जुडा एक नजारा देखने को मिला। जब शहर के आकाशवाणी चौक से जोडा पीपल जाने वाली सडक पर एक पाण्डेय साउण्ड एण्ड लाईट की तेज रफ्तार पिकप ने भगवानपुर निवासी मोटरसाईकिल सवार दो लोगो को ठोकर मार दी। जिसमे मोटरसाईकिल सवार को चालक को गंभीर चोटे आई है।

 

 

 

हांलाकि इस हादसे के बाद स्थानिय लोग ने पुलिस और यातायात पुलिस दोनो को फोन पर मामले की जानकारी दी , लेकिन लोगो का कहना था कि कोई नंबर लग नही रहा है तो किसी मे व्यस्त ठोन आ रही है। खैर इस हादसे केब बाद घायलो ने पीकप सवार को गांडी से निकाल कर मारपीट करने का प्रय़ास किया और थोडा मुक्केबाजी भी हुई, लेकिन इसी दौरान पुलिस के स्थान पर आस पास के लोगो ने बीच बचाव कर दोनो को आपस मे समझाईस देकर मामले को शांत करने की कोशिश की और घायलो को अस्पताल भेजने की कारवाही भी की गई । लेकिन हैरत कि बात ये घटना क्रम तकरीबन  15 मिनट तक चलता रहा, लेकिन यातायात पुलिस के परछाई के नीचे घटने वाली इस मामूली घटना की भनक ना ही सफेदवर्दी वाले को लगी। ना ही खाखी वर्दी वाले हादसे के बाद हुए विवाद को सुळझाने पंहुचे।