हंगामे के बाद विपक्ष ने किया सभा का बहिष्कार :

सामान्य सभा में विपक्ष ने की नारे बाजी

अम्बिकापुर

आज नगर निगम के सामान्य सभा की बैठक में दूषित पानी ,राज्य शासन के निर्देश पर संपति कर बढ़ाने व डिप्टी मेयर के पद को लेकर पक्ष विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हो गया । नौबत यहां तक आ गई की विपक्ष के कुछ पार्षदो ने सामान्य सभा में नारे बाजी की । एजेंडा शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष ने सदन पर आरोप लगाया कि हमारी बात अगर सुनी जायेगी तो हमारे यहां रहने का क्या मतलब । यह कहते हुए विपक्ष ने सदन का बहिष्कार कर दिया और बाहर जाकर नारे बाजी करने लगे ।

आज सामान्य सभा के शुरूआत मेे ही विपक्ष ने शहर में दूषित पानी का मुददा उठाया । इसके जवाब में निगम के जल प्रभारी हेमंत सिन्हा ने कहा कि हमारे पास कोई ऐसी शिकायत नही आयी है। और ना कोई दूषित जल के कारण उल्टी दस्त से पीडि़त हुआ हो । बावजूद इसके महापौर डा. अजय तिर्की ने अधिकारियों को शिकायत के निराकरण के निर्देश दिये । सभा में कांग्रेसी पार्षद आलोक दुबे ने संपति कर को 50 प्रतिशत ज्यादा करने राज्य शासन के निर्देश को एक तुगलगी फरमान बताया । उन्होने कहा कि राज्य शासन विभिन्न अनुदानों को देना बंद कर चुकी है। फिर अनावश्यक कर बढ़ाने का यह फरमान नगर वासियों के लिए न्यायोचित नहीं होगा । उन्होने कहा यह अधिनियम मे है कि निगम पहले कर के संबंध में चर्चा करे फिर अगर जरूरत पडे तो शासन के पास अपनी बात भेजे ।

संपति कर को लेकर नेता प्रतिपक्ष जन्मजय मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस ने ये घोषण की थी कि वह 50 प्रतिशत टेस्क कम करेगी । इस बात पर पार्षद अजय अग्रवाल ने कहा हमने तो सहमति पहली बैठक मे ही दी थी । राज्य शासन के पास प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेजा गया है। इस बात पर विपक्ष संपति कर आधा करने की बात को लेकर नारे बाजी करने लगा । डिप्टी मेयर के पद पर उंगली उठाते हुए विपक्ष ने महापौर से सवाल किया कि किस अधिनियम के तहत पिप्टी मेयर का पद बनाया गया है। इस बात पर महापौर डा. तिर्की ने कहा महापौर की अनुपस्थिति में किसी विषम परिस्थति पर कोई निर्णय लेने एमआईसी के एक सदस्य को धारा 25 के तहत नियुक्त किया जा सकता है। इस बात पर भी विपक्ष ने जमकर नारे बाजी शुरू कर दी ।

विपक्ष की इस नारे बाजी को लेकर पार्षद अजय अग्रवाल ने इसे सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली बात कही और इसकी निंदा की । सभापति सफीअहमद ने भी नारे बाजी करने से मना किया । एजेंडे के विषय क्रमांक 2 में मेयर इन कौसिंल की वित्तीय शक्तियो तथा स्वीकृतियों से संबंधित विषयों को लेकर ऐजेंडे का नम्बर आने के पूर्व ही नेता प्रतिपक्ष द्वारा सवाल उठाया जा रहा था । उसी दौरान सभापति ने उन्हे रोका और एजेंडे का नम्बर आने पर अपनी बता रखने को कहा । इस बात पर विपक्ष ने कहा कि हमारी बात नहीं सुनी जायेगी तो हमारे यहां रहने का क्यां मतलब । यह कहते हुए विपक्ष ने सदन का बहिष्कार कर दिया । विपक्ष के जाने के बाद सत्ता पक्ष नें बाकी बिन्दुओं पर विचार विर्मश किया ।

गौरतलब है कि पिछले सामान्य सभा में स्वच्छता अभियान के तहत शहरी क्षेत्र में सुअर पालन पर पाबंदी लगाई थी… साथ ही विकास की कई बातो पर चर्चा हुई थी… लेकिन करोडो रुपए के बकायादारो से वसूली ना कर पाने और अपने ढुलमुल रवैये के कारण निगम प्रबंधन की कोई भी प्रभावी योजना अब तक धरातल में नही आई है.. ऐसे में विपक्षियो द्वारा उनके मुद्दो की अनदेखी और सदन से वाकआउट भी आने वाले दिनो में एक अहम मुद्दा बन सकता है…