जांजगीर चाम्पा। जिला उपभोक्ता आयोग जांजगीर ने 2 मामलों में सुनवाई करते हुए भारतीय स्टेट बैंक शाखा एसबीआई लाइफ इन्सुरेंस को ग्राहकों को सेवा प्रदान करने का फैसला सुनाया है। मिली जानकारी के अनुसार पहला मामला अकलतरा का है जहां रामेश्वरी यदु पति धर्मेंद्र यदु के मामले में सुनवाई करते हुए आयोग ने आवेदक के पति द्वारा कराए गए बीमा की संपूर्ण राशि 500000 लाख मानसिक क्षतिपूर्ति बताओ ₹5000 तथा ₹2000 वाद व्यय स्वरूप भुगतान करने का फैसला सुनाया है। आवेदक रामेश्वरी यदु के पति ने 9 अगस्त 2018 को 500000 का लोन भारतीय स्टेट बैंक की अकलतरा शाखा से लिया था वक्त लोन खाते में एसबीआई जनरल इंश्योरेंस द्वारा किया गया था जिसके एवज में खाताधारक 11186 रुपए प्रीमियम भुगतान करता था। 20 सितंबर 2018 को बीमाधारक की मृत्यु अल्सर से हो गई। रामेश्वरी के बीमा राशि भुगतान दावा को एसबीआई द्वारा अल्सर को उनके गंभीर बीमारियों की सूची में शामिल नहीं होने के कारण खारिज कर दिया। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद उपभोक्ता आयोग की अध्यक्ष श्रीमती तजेश्वरी देवी देवांगन सदस्य मनरमण सिंह तथा मंजू लता राठौर बीमा दावा खारिज करने को सेवा में कवि मानते हुए 45 दिनों के भीतर बीमा की रकम ₹500000 मानसिक क्षतिपूर्ति व वाद व्यय की राशि भुगतान करने का फैसला सुनाया। इसी तरह दूसरे मामले में केरा रोड जांजगीर निवासी मनोरमा पाटेकर पिता जगदीश पाटेकर के पास अननोन नंबर से कॉल आया था जिसमें पेटीएम के माध्यम से ₹5000 केश बेक की बात कही गई थी संबंधित मैसेज को छूने पर ग्राहक के खाते से पांच ₹5000 करके ₹45000 कट गए थे मोबाइल पर S M S की सुविधा ली गयी थी परंतु S M S बाद में आया कि खाते 45000 हजार कट गया जिसकी सूचना मनोरमा पाटेकर द्वारा तत्काल भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा जांजगीर को दी गई और खाता होल्ड कराया गया साथी उसके खाते से कटे राशि भुगतान करने की मांग की। इस पर बैंक ने सारी जवाबदारी ग्राहक कि बताते हुए भुगतान करने से इंकार कर दिया। इस मामले में भी उपभोक्ता आयोग ग्राहक के दावों को खारिज करना बैंक द्वारा सेवा में कमी मानते हुए ग्राहक को ₹45000 के साथ वाद व्यय स्वरूप ₹1000 तथा ₹10000 मानसिक क्षतिपूर्ति भुगतान करने का फैसला सुनाया।
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