आया मौसम गन्ने के रस का: इसके सेवन से जुड़ी जरूरी बातें जरूर जान ले

फटाफट डेस्क. गर्मियों का सुपर एनर्जी ड्रिंक गन्ने का रस पाचन से लेकर पीलिया तक की समस्याओं में फायदेमंद हैं। अद्भुत ऊर्जा बूस्टर गन्ने का जूस न केवल आपको निर्जलीकरण की समस्या से बचाता है साथ ही एक अद्भुत एनर्जी बूस्टर भी है। वजन कम करने में सहायक, पाचन और लिवर के लिए फायदेमंद, पीलिया की समस्या के लिए लाभकारी हैं।

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गन्ने के रस में कौन सा विटामिन होता है?

गन्ने का रस गर्मियों में खूब पसंद किया जाता है। पोषक तत्वों से भरपूर होने के अलावा यह बेहद फायदेमंद भी होता है। इसमें कैल्शियम, क्रोमियम, कोबाल्ट, मैग्नीशियम, मैंगनीज, फास्फोरस, पोटैशियम और जिंक जैसे तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें आयरन, विटामिन ए, सी, बी-कॉम्प्लेक्स, प्रोटीन और फाइबर काफी मात्रा में पाए जाते हैं।

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गन्ने का रस पीने का सही समय क्या है?

गन्ने का जूस पीने का सही समय दोपहर से पहले का होता है। साथ ही गन्ने का जूस हमेशा बैठकर पीना चाहिए। हफ्ते में 3-4 दिन गन्ने का जूस पीने से शरीर को ठंडक मिलती है, डिहाइड्रेशन से भी बचाव होता है।

गन्ने का का जूस कब नहीं पीना चाहिए?

अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो आपको गन्ने का जूस नहीं पीना चाहिए। क्योंकि गन्ने में शुगर की मात्रा बहुत अधिक होती है। ऐसे में अगर आप गन्ने के जूस का सेवन करते हैं तो इससे शरीर में ग्लाइसेमिक लोड बढ़ सकता है। इसकी वजह से शरीर में ब्लड शुगर बढ़ सकता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को गन्ने के जूस से दूरी बना लेनी चाहिए।

क्या रोजाना गन्ने का जूस पीना चाहिए?

रोजाना गन्ने का रस पीने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। नेचुरल लो-कोलेस्ट्रॉल, लो-सोडियम फूड होने के नाते, बिना सैचुरेटेड फैट के, गन्ने का जूस किडनी को टॉप शेप में रखने में मदद करता है। कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन और मैंगनीज की उच्च सांद्रता गन्ने के रस को प्रकृति में क्षारीय बनाती है।

गन्ने के जूस से क्या नुकसान होता है?

इन 5 तरह के लोगों को नहीं पीना चाहिए।
फूड प्वाइजनिंग होने पर अगर आपको फूड प्वाइजनिंग हो जाती है, तो गन्ने का जूस बिल्कुल न पिएं।
सिरदर्द होने पर गन्ने का जूस सिरदर्द को भी ट्रिगर कर सकता है।
ब्लड शुगर बढ़ने पर।
मोटापा होने पर।
सर्दी-जुकाम होने पर।

ध्यान रखने वाली बातें

गन्ने के रस में कुछ पोषक तत्व होते हैं, यदि आप शुगर-फ्री आहार पर हैं तो अपने आप को एक छोटे गिलास तक सीमित करना आवश्यक है। हालाँकि, सप्ताह में दो-तीन बार गन्ने का रस पीना आदर्श है।

गन्ने में मौजूद पोलीकोसानॉल नामक तत्व के अत्यधिक सेवन से अनिद्रा, पेट खराब, चक्कर आना, सिरदर्द और वजन कम हो सकता है। यह रक्त को पतला भी कर सकता है और रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित कर सकता है।

लाल सड़न रोग, कंडुआ रोग, विल्ट और बीज टुकड़ों का गलन रोग कुछ महत्वपूर्ण रोग हैं, जो विभिन्न राज्यों में गन्ना उत्पादन में हानि का कारण बनते हैं।

पेट की गैस से राहत पाने के लिए जीरा, अजवाइन, काला नमक और हिंग के पाउडर से तैयार मिश्रण का सेवन करें। आप मात्र 2 ग्राम चूर्ण को पानी के साथ दिन में 2 बार लें। ऐसा करने से आपको पेट की गैस को बाहर निकालने में बहुत आराम मिलता है।