थाने में शिकायत करने आई युवती से पुलिस ने की अभद्रता, गाली-गलौज और मारपीट की दी धमकी

रांची/झारखंड. झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार राज्य में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटी हुई है. वहीं, झारखंड पुलिस राज्य में बेहतर पुलिसिंग के लिए लगातार प्रयासरत है. मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग को आमजनों के साथ अच्छा व्यवहार करने की हिदायत दी है. लेकिन विभाग में कार्य करने वाले ऐसे भी पुलिसकर्मी शामिल है, जिन्हें पुलिस अनुशासन की थोड़ी सी भी फिक्र नहीं है. इन पुलिसवालों को न तो विभाग के वरीय अधिकारियों का डर है और न ही राज्य के मुखिया के दिशा-निर्देश पर अमल करने की ही परवाह है. वो बिना किसी की चिंता किए लोगों को वर्दी का भय दिखा रहे हैं.

मामला झरिया थाना से जुड़ा है, जहां करकेंद की रहेन वाली शिल्पी कुमारी नाम की युवती ने एक पुलिसकर्मी के खिलाफ शिकायत की है. युवती ने जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) संजीव कुमार से शिकायत करते हुए झरिया थाने में पदस्थापित (तैनात) पुलिसकर्मी संजय शर्मा पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया है. युवती ने दिए गए शिकायत में कहा है कि वह अपने भाई के साथ निजी कंपनी के कर्मियों द्वारा विवाद और बदतमीजी करने की शिकायत को लेकर झरिया थाने पहुंची थी. वहां उपस्थित पुलिस पदाधिकारी संजय शर्मा को आपबीती सुनाते हुए आवेदन सौंप कर न्याय की गुहार लगाई. इस पर जांच किए जाने की बात कहकर संजय शर्मा ने दूसरे दिन थाने आने की बात कह कर उसे वापस भेज दिया.

दूसरे दिन युवती और उसके भाई को जल्द थाने पहुंचने के लिए उक्त पदाधिकारी ने फोन किया. युवती ने कहा कि वो थोड़ी देर में थाना पहुंच जाएंगे. इस बात पर संजय शर्मा ने बिदकते हुए अभद्रता से बात करते हुए मारने-पीटने की बात कही.

पुलिसवाले के मुंह से ऐसी बातें सुनकर युवती और उसका भाई भयभीत हो गया. उन्होंने इसकी शिकायत धनबाद एसएसपी से की. पुलिस से बातचीत की मोबाइल की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी युवती के द्वारा वायरल की गई है. इसमें पुलिस पदाधिकारी और युवती की बातचीत है. पुलिस पदाधिकारी द्वारा युवती से अभद्रतापूर्वक बात की जा रही है.

वहीं, मुख्यालय एसडीपीओ अमर पांडेय ने कहा कि युवती शिल्पी कुमारी द्वारा एक आवेदन वरीय पुलिस अधीक्षक को दिया गया है, जिसमें झरिया थाना में पदस्थापित पुलिस कर्मी संजय शर्मा पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया है. मामले को लेकर वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा मामले की जांच की जाएगी. जांच के बाद दोषी पदाधिकारी के ऊपर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.