बच्चों को कुपोषण से बचाने वाली योजना..खुद कुपोषण का शिकार हो गई है क्या.. तभी तो.?

कोरिया. जिले के खड़गंवा में प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह ने बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए. मध्यान भोजन के साथ-साथ सोया दूध उपलब्ध कराने वाली योजना की शुरुआत की..लेकिन मंत्री जी की यह योजना अब खुद कुपोषण का शिकार होने लगी है. और उसकी वजह क्या है निचे पढ़िए..

दरअसल जिले के मनेंद्रगढ़ विकासखंड के लालपुर में संचालित शासकीय स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्रा को स्कूल से घर पहुँचते ही उल्टी दस्त शुरू हो गया. बालिका की तबीयत बिगड़ती देख परिजनों ने उसे उपचार के लिए तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया. जब बालिका के परिजनों से हमने इस बारे में पूछताछ की.. तो उन्होंने बताया कि उनकी बेटी घर से खाना खाकर स्कूल पढ़ने गई थी. और जब से स्कूल से लौट कर आई है तब से उसके मुंह से झाग निकल रहा है.. और दूध की उल्टी कर रही है. उन्होंने बताया कि स्कूल में उसे पीने के लिए खराब दूध दिया गया. जिसकी वजह से उसकी तबीयत बिगड़ने लगी.

इस बात की जानकारी मिलने पर जब हमने सम्बन्धित स्कूल में जाकर पड़ताल की तो पता चला कि जिस संस्थान से दूध की आपूर्ति होती है. उसके प्रत्येक डिब्बे में 12 पैकेट होते हैं. जिनमें से प्रत्येक डब्बे में से लगभग 3 से 4 पैकेट दूध पूरी तरह खराब रहता है. ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है. कि जब सप्लाई वाला दूध गुणवत्ताहीन है तो उन्हें पीने से बच्चों का पोषण कैसे ठीक होगा. इस बारे में जब हमने स्कूल में मौजूद शिक्षकों से चर्चा करनी चाही तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

जब स्कूल में मौजूद दूध के पैकेट की जांच की तो जिस पैकेट में दूध होना चाहिए. उनमें दूध की जगह जमा हुआ दही जैसा निकलता दिखाई दे रहा था. जाहिर सी बात है पैकेट का दूध पूरी तरह खराब हो चुका था. ऐसे में जिले में यह योजना किस तरीके से संचालित होगी और बच्चों को इसका कितना लाभ मिलेगा. यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन इतना जरूर है कि पैकेट बंद और गुणवत्ताहींन दूध पीकर बच्चों की तबीयत जरूर खराब होगी. इस बारे में जब हमने एसडीएम चर्चा की तो उनका कहना था कि उन्हें इस बारे में जानकारी दी गई है. स्कूलों में जाकर दूध की जांच करेंगे और जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.