अंशदायी पेंशन योजना: पंचायत संवर्ग के शिक्षकों के मूल वेतन से दस प्रतिशत राशि कटौती करने और उतनी ही राशि नियोक्ता द्वारा जमा कराने के निर्देश

रायपुर 09 जनवरी 2014

राज्य शासन द्वारा अंशदायी पेंशन योजना के तहत प्रदेश के शिक्षक (पंचायत) संवर्ग के शिक्षकों के वेतन से मूल वेतन का 10 प्रतिशत राशि अनिवार्य रूप से चालू माह जनवरी 2014 (पेड इन फरवरी 2014) से कटौती करने के निर्देश दिए गए है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कल यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से प्रदेश के सभी जिला और जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को जारी परिपत्र में कहा गया है कि योजना के तहत मूल वेतन से काटी गई राशि के बराबर राशि संबंधित शिक्षक के खाते में नियोक्ता का अंशदान जमा की जाए। परिपत्र में कहा गया है कि चंूकि यह योजना एक अप्रैल 2012 से प्रारंभ की गई है, किन्तु अभी तक राशि कटौती नहीं हुई है। इसलिए माह जनवरी 2014 से वर्तमान माह तथा पूर्व की अवधि का एक माह अर्थात दो-दो माह की राशि कटौती करने एवं उतनी ही राशि नियोक्ता द्वारा जमा की जाए। यह प्रक्रिया तब तक अपनायी जाए जब तक दिसम्बर 2013 तक पुरानी अवधि की कटौती पूर्ण न हो जाए। दिसम्बर 2013 तक की कटौती पूर्ण होने के बाद नियमित रूप से वर्तमान माह की कटौती की जाए।
परिपत्र में कहा गया है कि शिक्षक (पंचायत) संवर्ग के कर्मचारियों के मूल वेतन से 10 प्रतिशत की राशि की कटौती उपरांत योजना से संबंधित नोडल अधिकारी आयुक्त आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास और संचालक लोक शिक्षण संचालनालय से मार्गदर्शन प्राप्त कर आगामी कार्रवाई सुनिश्चित किया जाए। राज्य शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है शिक्षक (पंचायत) संवर्ग के लिए लागू अंशदायी पेंशन योजना के क्रियान्वयन के लिए एन.एस.डी.एल. मुम्बई को जिम्मेदारी सौंपी गई है। एन.एस.डी.एल. मुम्बई द्वारा कार्यरत शिक्षक (पंचायत) संवर्ग के कर्मचारियों का स्थायी लेखा क्रमांक (PRAN NUMBER) आवंटित कर दिए गए हैं। इसी प्रकार योजना के निष्पादन के लिए डी.टी.ओ. के रूप में कार्य करने के लिए संबंधित जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा फार्म भरकर एन.एस.डी.एल. को भेजा जा चुका है। परिपत्र में उल्लेख किया गया है कि उपरोक्त कार्यों का निष्पादन नहीं होने के फलस्वरूप अभी तक योजना के तहत संबंधित शिक्षक (पंचायत) संवर्ग के कर्मचारियों के मूल वेतन से कटौती की कार्रवाई नहीं की जा रही है और न ही नियोक्ता द्वारा अपना अंशदान संबंधितों के खाते में जमा कराई जा रही है। इसलिए राज्य शासन द्वारा चालू माह से अनिवार्य कटौती करने और योजना के तहत दिए गए के निर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए की गई कार्रवाई से राज्य शासन को शीघ्र अवगत कराने कहा गया है।