आॅपरेशन स्माइल अभियान : 2-5 सफलता और 15 गायब

अम्बिकापुर (दीपक सराठे)

बालक, बालिकाओं की गुमशुदगी के बढ़ते आंकड़ों पर काबू पाने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर शुरू किये गए। आॅपरेशन स्माइल 2 अभियान में सरगुजा जैसे क्षेत्र में पुलिस को काई खास सफलता नहीं मिल सकी है। पिछले महीने 1 जनवरी से 31 जनवरी तक पुलिस ने गुमशुदगी की कायमों वाले 3 व 2 घुमंतु बच्चों को उनके घर तक पंहुचाया हैं।

बिडम्बना यह है कि इसी एक माह के आॅपरेशन की अवधी में जिले से 15 लोग गायब हो गये, जिसमें 1 बालक, 1 बालिका सहित 9 महिलाएं व 4 पुरूष शामिल है। इनमे 4 महिलाओं की तो जानकारी मिल गई परन्तु बच्चों व पुरूषों का कोई सुराग नहीं लग सका है। पिछले कुछ साल से बच्चों के गायब होने के मामले तेजी से बढ़ रहे है। मासूम बच्चे अपनों और आस-पड़ोस के खूंखार लोगों के साॅफ्ट टारगेट बने हुये है।

अपने आसपास खेलते-कूदते स्कूल आते-जाते और सामान खरीदने मुहल्ले की दुकानों पर जाने वाले बच्चों को बहला-फुसला कर  उठाना काफी आसान होता है। परिवार और पड़ोस के लोगों की आपराधिक सोच और साजिस का पता लगा पाना किसी के लिए आसान नहीं। सरगुजा पुलिस के आंकड़े बताते है कि वर्ष 2015 में 23 बालक, 46 बालिका, 120 महिलाएं व 65 पुरूषों के गायब होने पर मामला कायम किया गया था। इनमें काफी लोगों का तो पुलिस ने पता लगा लिया परन्तु अभी भी वर्ष 2015 के 6 बच्चे, 39 महिला व 21 पुरूषों का कोई पता पुलिस नहीं लगा सकी है। बच्चों की गुमशुदगी के बढ़ते आंकड़ों पर काबू पाने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर देशभर में शुरू किये गये आॅपरेशन स्माइल के तहत इस वर्ष भी सरगुजा पुलिस ने जनवरी 1 से 31 जनवरी तक यह आॅपरेशन चलाया था। इस माह में सीतापुर में कायमी हुये 2 व गांधीनगर थाने से 1 बच्चों सहित 2 घुुमतु बच्चों को उनके घर तक पहुंचाया गया। आमतौर पर देखा गया है, क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों से अच्छी नौकरी दिलाने का लालच दिखा कर नाबालिग लड़कियों की तस्करी होती है। बाहर लेजाकर ईट भट्ठो व बोरबेल के कामों में महिला-पुरूषों को ढकेल दिया जाता है। पूर्व में कई ऐसे मामलों में यह प्रमाणित हो चुका है। हालांकि गुम हुये बच्चों, युवतियों में कुछ का पता चल जाता है और वे अपने घर-परिवार में लौट भी आते है। लेकिन बड़ी संख्या में गुमशुदा बच्चों का पता नहीं चल पाता। आॅपरेशन मुस्कान के तहत ही दो बच्चे क्षेत्र से लापता हुये जिनका कोई पता नहीं चल सका है। वहीं इस दौरान 4 महिलाओं व 4 पुरूषों का सुराग नहीं लग सका है।