छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने PM और CM से की ये मांग.. दिए ये सुझाव

अम्बिकापुर. छत्त्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ शाखा सरगुजा के जिलाध्यक्ष आनंद सिंह यादव के नेतृत्व में आज कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम महंगाई भत्ते पर रोक हटाने के लिए ज्ञापन सौंपा गया.

ज्ञापन में बताया गया है कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों एवं पेंशनररों का जुलाई 2021 तक महंगाई भत्ते की भुगतान पर रोक लगा दी है. इस संबंध में कोविड-19 के संक्रमण से पूरा देश जूझ रहा है..और इससे देश के नागरिकों के बचाव के लिए स्वास्थ्य कर्मचारी, डॉक्टर, सुरक्षा बल के जवान सहित विभिन्न कैडर के कर्मचारी दिन रात सेवारत है.

प्रधानमंत्री के अपील पर पूरा देश इन कोरोना वायरस योद्धाओं का दीए जला कर, ताली-थाली बजाकर एवं पुष्प वर्षा कर स्वागत किया..और अब इन्हीं कोरोना योद्धाओं के महंगाई भत्तों में कटौती करने का निर्णय असंवेदनशील एवं अमानवीय है. महंगाई-भत्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई से हुई क्षति की प्रतिपूर्ति राशि के रूप में वेतन का हिस्सा है. जुलाई 21 तक इस पर रोक लगाने से 15% तक कम वेतन पर कर्मचारियों को काम करने के लिए बाध्य किया जा रहा है.

इसमें वरिष्ठ नागरिक पेंशनर्स भी शामिल है. संगठन ने विनम्रता पूर्वक आग्रह करते हुए प्रधानमंत्री को उक्त निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है. संगठन ने सुझाव दिया है कि देश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए भारी भरकम बजट के गैर आवश्यक कार्यों को अभी स्थगित रखा जाए. जिनमें मुख्य रूप से बुलेट ट्रेन परियोजना, केंद्रीय विस्टा सौंदर्यीकरण परियोजना, चंद्रयान मिशन आदि शामिल है. केंद्र सरकार की वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बड़े उद्योगपतियों को बैंको द्वारा जो ऋण दिए गए हैं. वह लाखों करोड़ रुपए का है. इस ऋण को बैंकों द्वारा एनपीए घोषित कर बट्टे खाते में डाला जा रहा है. इस पर रोक लगाते हुए डिफॉल्टर उद्योगपतियों से वसूली की कार्रवाई की जाए. इस राशि से देश की जरूरी आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति हो सकती है. सॉफ्ट टारगेट रखते हुए कर्मचारियों को मितव्ययिता का साधन बनाना न्यायोचित नहीं है.

छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने विनम्रता पूर्वक आग्रह किया है कि महंगाई-भत्ते पर रोक लगाने के निर्णय पर केंद्र सरकार पुनर्विचार करे. इसी तारतम्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी विनम्रता पूर्वक अनुरोध किया है कि केंद्र सरकार के कर्मचारी विरोधी, असंवेदनशील एवं अमानवीय निर्णय को किन्ही भी परिस्थितियों में छत्तीसगढ़ राज्य में लागू करने पर विचार न किया जाए. यह उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के मंगाई-भत्ता रोकने के निर्णय को असंवेदनशील, अमानवीय एवं कर्मचारी विरोधी बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है.

मुख्यमंत्री से प्रदेश के अपने कर्मचारियों के प्रति पूर्व की भांति सहानुभूति रखते हुए. राष्ट्रीय नेतृत्व की भावना के अनुकूल जुलाई 2019 से लंबित 5ः महंगाई भत्ता भुगतान करने का आदेश शीघ्र जारी कर प्रदेश के कर्मचारियों को महंगाई से राहत प्रदान करने का आग्रह किया गया है.

ज्ञापन सौंपने के दौरान संघ के संभागीय अध्यक्ष योगेन्द्र तिवारी, जिलाध्यक्ष आनंद सिंह यादव, सचिव इन्दर भगत, विभागीय अध्यक्ष सुधीर राणा, विभागीय अध्यक्ष संतोष दुबे उपस्थित रहे.