Chhattisgarh: धान खरीदी केंद्र में प्रबंधक की मनमानी, किसानों से कराया जा रहा हमाली का काम, निर्धारित वजन से ज्यादा लिया जा रहा है किसानों से धान

अनिल उपाध्याय/सीतापुर. धान बिक्री के दौरान समितियों में किसानों को परेशानियों का सामना करना न पड़े। इसके लिए शासन द्वारा धान खरीदी केंद्रों में काफी व्यवस्था बहाल की गई है। जिसके तहत किसानों को मजदूर से लेकर अन्य कई सुविधाएं प्रदान की गई है। इसके बावजूद किसानो को धान बिक्री के दौरान काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। समिति में किसानों को हमाली से लेकर सारे काम खुद करने पड़ रहे है। जिससे किसानों में धान खरीदी केंद्र प्रभारी के विरुद्ध आक्रोश व्याप्त है।

विदित हो कि, शासन के निर्देश पर धान खरीदी केंद्रों में व्यापक स्तर पर किसानों का धान खरीदा जा रहा है। धान खरीदी के दौरान किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। इसके लिए शासन प्रशासन द्वारा समितियों में काफी सुविधा प्रदान की गई है। जिसके तहत किसानों के लिए हमाल से लेकर अन्य कई सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। ताकि धान बिक्री के दौरान किसानों को समिति में ज्यादा भटकना न पड़े। इसके बावजूद मैनपाट के धान खरीदी केंद्र नर्मदापुर में किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। प्रभारी की मनमानी की वजह से धान खरीदी केंद्र में किसान शोषण के शिकार हो रहे है। धान बिक्री के दौरान हमाली से लेकर सारे काम किसानों को करना पड़ रहा है। इस बारे में अगर किसान खरीदी केंद्र प्रभारी के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराता है। तो खरीदी केंद्र प्रभारी किसान के धान में दुनिया भर की कमी निकाल कर परेशान करने लग जाता है। धान खरीदी केंद्र की दादागिरी के सामने मजबूरी में किसान चुप्पी साध लेता है। खरीदी केंद्र में प्रभारी की मनमानी एवं किसानों की परेशानी से अधिकारी भी अवगत है। इसके बाद भी वो खरीदी केंद्र प्रभारी के विरुद्ध कार्रवाई करने से कतराते है। जिसका नाजायज फायदा उठाते हुए खरीदी केंद्र प्रभारी किसानों की अनदेखी करते हुए जमकर मनमानी कर रहा है। जिससे धान बिक्री करने वाले किसानों में काफी आक्रोश है। उन्होंने खरीदी केंद्र प्रभारी एवं शह देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।

किसानों से लिया जाता हैं निर्धारित वजन से ज्यादा धान-

धान खरीदी केंद्र में प्रभारी की मनमानी का ये आलम है कि, वो शासन प्रशासन के कायदे कानून की धज्जियां उड़ाने से बाज नही आ रहा है। शासन द्वारा धान खरीदी हेतु निर्धारित वजन के बाद भी खरीदी केंद्र प्रभारी किसानों से सूखती के नाम पर ज्यादा धान लिया जा रहा है। शासन ने किसानों से 40 किलो 7 सौ धान लेने की सीमा तय कर रखी है। इसके बाद भी खरीदी केंद्र प्रभारी किसानों से 41 किलो 2 सौ धान ले रहा है। जिससे किसान काफी आहत एवं दुःखी है। इस मामले में अधिकारियों द्वारा बारीकी से जाँच करने पर सारी सच्चाई सामने आ जायेगी।

फर्जी धान खरीदी के मामले में भी सुर्खियों में नर्मदापुर धान खरीदी केंद्र –

फर्जी पट्टा के आड़ में धान खपाकर सरकार को मोटी चपत लगाने के मामले में भी नर्मदापुर धान खरीदी केंद्र सुर्खियों में रहा है। इस कारनामे को अंजाम देने वाला कोई और नही बल्कि धान खरीदी केंद्र का एक कर्मचारी है। सहायक प्रबंधक के पद पर पदस्थ रहते हुए उस कर्मचारी ने फर्जी पट्टा के आड़ में सालो से धान खपाते चला आ रहा था। इस बारे में उसके विरुद्ध शिकायत के बाद भी कोई उसका बाल भी बांका नही कर पाया था। जिससे उसका हौसला काफी बढ़ गया था। कार्रवाई के अभाव में सहायक प्रबंधक ने फर्जी पट्टा के आड़ में कई साल तक धान खपाते हुए सरकार को मोटी चपत लगाई है। यह सब प्रशासन के अधिकारियों को पता होने के बाद भी उसके विरुद्ध कोई कार्रवाई नही की गई। आज भी वो धान खरीदी केंद्र नर्मदापुर में सहायक प्रबंधक के पद पर काम करते हुए प्रशासन को मुँह चिढ़ा रहा है।