बारिश शुरू होते ही बदहाल हो गए सरगुजा से होकर गुजरने वाले दो नेशनल हाइवे.. समझ नहीं आता सड़क में गड्ढे है..या गड्ढों में सड़क

अम्बिकापुर. अगर आप बरसात के दिनो मे सरगुजा जिले के किसी जगह या जिला मुख्यालय अम्बिकापुर आना चाहते हैं… तो अपने प्रोग्राम की तारिख आगे बढा लेना ही ठीक होगा.. क्योकि सरगुजा जिले मे पहुंचने के लिए आपको सडको से नहीं बल्कि खेत औऱ गड्ढो मे तब्दील हो गई सडको से गुजरना पडेगा.. जबकि जिले की सडको की दुर्दशा को लेकर केबीनेट मंत्री अमरजीत भगत ये कहते नहीं थकते हैं कि बरसात के पहले जिले की सडके चलने योग्य बन जाएगीं..

सरगुजा जिले से गुजरने वाली कटनी गुमला राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण पिछले पांच साल से चल रहा है.. लेकिन उसके बावजूद भी जिला मुख्यालय अम्बिकापुर से सीतापुर तक की स़डक मे निर्माणाधीन पुल पुलियो औऱ रास्ते मे पडने वाले बस्तियो मे अधूरे सडक निर्माण की वजह से.. इस सडक पर आय दिन जाम लगा रहता है.. जाम की वजह से बडे वाहनो से लेकर छोटे वाहन चालक कई घंटो तक जाम मे फंसे रहते हैं.. इतना ही नही सडक की दुर्दशा के कारण कई वाहन रास्ते मे ही खराब हो जाते हैं.. औऱ अगर सही सलामत निकल भी गए.. तो फिर 1 घंटे के रास्ते मे 4 घंटे का सफर तय करना पडता है.

खेती बाड़ी करते हैं. टायर ज्यादा दिन नहीं चल पा रहा है. दो चार दिन में खराब हो जाता है. भाजपा सरकार था. तबसे बनता आ रहा है. कांग्रेस सरकार आ गई.. फिर भी नहीं बन पा रहा है. बहुत दिक्कत होता है. इस रास्ते मे आने जाने में 3-4 घंटे लग जा रहे हैं. कभी कभी जाम में फंस जाते हैं.

सवल साय, सब्जी उत्पादक किसान

रायगढ़ से आ रहे हैं. रास्ता तो है ही नहीं. फतेहपुर जा रहे हैं. बहुत दिक्कत है. रातभर इसी में मर रहे हैं. गड्ढा में. अभी गाड़ी बनवा कर आ रहे हैं. लुचकी घाट में सुबह से खड़े थे. इसी तरह अभी चार बार मिस्त्री लेकर गए आये.. और गड्ढा तो पूछिये ही मत, एनएच 43 का ये हाल है.

श्री नाथ, ट्रक ड्राइवर

जिले की सडको की दुर्दशा का ये आलम सिर्फ एनएच 43 मे नहीं है.. बल्कि राजधानी रायपुर को अम्बिकापुर से जोडने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 130 का भी यही हाल है.. इस सडक मे अम्बिकापुर से उदयपुर तक अधूरे सडक निर्माण की वजह से लोग सडक मे नही बल्कि खेत मे वाहन चलाने का अनुभव लेते हैं.. इतना ही नही एनएच 130 मे वर्षो पुराने कई पुल पुलिया क्षतिग्रस्त होने की कगार पर हैं.. पर इनकी सुध लेने वाला विभाग आंख मे पट्टी बांधकर बैठा है… लेकिन इससे अलग बरसात के ठीक पहले प्रदेश के केबीनेट मंत्री औऱ सीतापुर विधायक अमरजीत भगत ने ये दावा किया था कि बरसात के पहले जिले की सडके चलने लायक बन जाएगीं..

सड़क को लेकर हम पहले भी गंभीर थे.. और आज भी है. आगे भी हमारी प्राथमिकता सड़क रहेगी. अम्बिकापुर से सीतापुर मार्ग को एनएच-43 है. इसको बनवाने के लिए हम बहुत गंभीर है.. और समय समय पर हम इसका मोनिटरिंग भी करते रहते हैं. जाकर मौके पर जांच भी करते हैं. निर्देश भी देते हैं.. और जो समस्या आता है. उसका निराकरण भी करते हैं. काम चल रहा है.. और उनको हिदायत दी गई है कि इस बरसात में कहीं भी ट्रैफिक जाम न हो. इसका विशेष ख्याल रखा जाए.

अमरजीत भगत, कैबिनेट मंत्री, छत्तीसगढ़

सरगुजा जिले की सडको की हालत उस वक्त भी ऐसी ही थी.. जब मंत्री जी विपक्ष के विधायक थे औऱ सडको के लिए सडक पर बैठकर कई बार प्रदर्शन किए थे.. और अब विधायक जी मंत्री भी बन गए हैं.. औऱ सत्ता भी उन्ही की है… खैर बरसात के दिनो मे भी सडक की बदतर हालत इस बात की गवाही हैं कि मंत्री जी तब ही अच्छे थे.. जब खराब सडको के लिए प्रदर्शन करते थे…