जिला अस्पताल में मरीजों को मिल रहा दूषित पानी

District hospital patients being contaminated water
District hospital patients being contaminated water

टंकियां खुली पड़ी , गोदाम में भरे है ढक्कन

अम्बिकापुर (दीपक सराठे) 

खुली और गदंगी युक्त टंकियों से जिला अस्पताल में मरीजो को पेयजल सप्लाई की जा रही है।  अस्पताल के विभिन्न वार्डो के उपर पेयजल सप्लाई के लिए लगी टंकियां खुली रहने से कचरे व काई का भंडार लगा हुआ है। इन खुली टंकियों को सुरक्षित करने नये ढक्कन तो मंगाये गये है परन्तु वे आज तक गोदाम से बाहर नहीं निकले । अस्पताल प्रबंधन के द्वारा इस ओर अभी तक सोंचा भी नहीं गया है। या फिर यह कहें कि इस गंभीर विषय की ओर सोंचने की जहमत किसी ने नहीं उठाई है। एक ओर स्वच्छता का डंका सारे ओर पीटा जा रहा है बीमारी से बचने स्वच्छ परिवेश में जीवन को ढालने कवायद की जा रही है।

दूसरी ओर देखे तो संभाग के सबसे बडे़ अस्पताल रघुनाथ चिकित्सालय में मरीजोें को स्वच्छ पेयजल की भी सुविधा प्रबंधन के लिए नागवार गुजर रही है। खुली टंकियां और उनके टंकियों में वर्षो से जमे काई कचरे से भरे पानी  को मरीज व उनके परिजन पी रहे है। अभी से खुली टंकियो की साफ सफाई नहीं हुई तो मरीज व परिजन ना चाहते  हुए भी उल्टी दस्त व पीलिया जैसी बिमारियों के शिकार हो सकते है।  गंदगी व अव्यवस्था को लेकर जिला अस्पताल वैसे भी हमेशा से सुर्खियों मे रहा है। एक ओर मडिकल काॅलेज खोले जाने को लेकर कई प्रकार की कवायदें की जा रही है। दूसरी ओर  इस गंभीर समस्या को लेकर इतनी लापरवाही बरतना किस प्रकार का प्रबंधन है।  काई लगी टंकी से गंदा पानी मरीजों तक पहुंचाया जा रहा है ।अभी भी कई टंकियां खुली पडी है। और तो उसे जिन टंकियों में ढक्कन लगे है उन्हे भी साफ करने की जहमत कोई नहीं उठाया। कहा जा सकता है कि जब धरातल पर ही गंदगी हो तो छत के उपर देखने वाला है कौन ? कुछ यही हाल जिला अस्पताल का है। भोले – भाले ग्रामीण मरीज व उनके परिजन इस स्थिति को समझ नहीं पाते और बेहिचक उस पानी को पेयजल के रूप से मेे इस्तेमाल करते दिखते है।  इसे विडम्बना कहेंगे कि दूषित पेयजल इतने बडे अस्पताल में मरीजो को नसीब हो रहा है।