एक परिवार वर्षो से झेल रहा समाजिक बहिष्कार : दबंगो ने की 10 हजार और 10 बकरो की मांग

अम्बिकापुर

अम्बिकापुर के दरिमा थाना क्षेत्र मे आने वाले कुसू गांव निवासी एक परिवार पिछले कई वर्षो से समाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहा है,, गांवो के दबंगो और समाज के ठेकेदारो द्वारा सुनाई गई  इस सजा से परेशान मां बेटे ने थक हार कर ,, समाजिक बहिष्कार की शिकायत जिला प्रशासन से की है…..

जिला प्रशासन से शिकायत के बाद भी उस परिवार को इस सामाजिक बहिष्कार से मुक्ती नही मिल रही हैं ,, परिवार पर पंचायत द्वारा जो दंण्ड लगाया गया था ,उसे पीङिता के पति ने पूर्ण कर दी थी बावजूद इसके उस परिवार को सामाजिक परिवेश में शामिल नही किया गया हैं ,, दरअसल कंवर समाज के बङे बुजुर्ग उस पीङित परिवार पर कई सामाजिक आरोप लगा कर उसे सामाजिक रीति रिवाज से दूर रखे हुए हैं ,, किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में न तो कोई उस घर में जाता हैं और न ही उस परिवार के किसी सदस्य को किसी कार्यक्रम में बुलाया जाता हैं , पीङित महिला और उसका परिवार कुछ भी बताते हुए बस केवल आंसू ही बहाता हैं ,, पीङिता मुनगामती और उसके पुत्र सोनसाय पंचायत unnamed (2)द्वारा लगाये गए दंण्ड की पूर्ती करने को तैयार हैं ,,पंचायत ने उन पर 10 हजार रुपये नगद , तीन बकरा  और पूरे गांव को एक वक्त का भोजन कराने का फरमान जारी किया हैं,, इस फरमान को स्वीकार करने के बाद भी समाज इन पर तरस नही खा रहा है,,ं अपने ही घर और समाज में परायों जैसा व्यवहार झेल रहा ये परिवार समाज के ठेकेदारो की रहनुमाई का इंतजार कर रहा हैं ,,,,,,,

ग्रामीण क्षेत्रो में सामाजिक परम्पराओ के पालन के संदर्भ 1में इस तरह की घटनाये आज भी देखने को मिल रही हैं ,, 21 वी सदी में विकास के दौङ में लम्बा रेस लगाने की होङ तो गांवो में दिखती है पर दूसरी तरफ रुढीवादी परम्पराओ की जकङ आज भी मजबूत हैं ,, बार –  बार पूछे जाने पर भी समाज के ठेकेदार यह नही बता पाये कि उस पीङित परिवार को इस दंण्ड से कब मुक्ति मिलेगी ,, उस परिवार के मुखिया मोहरसाय की मौत हो चुकी हैं ,,, उसका पुत्र सोनसाय समाज द्वारा लगाये गए दंण्ड की पूर्ती के लिए तैयार है , किन्तु समाज के कर्णधार न जाने क्यो उस परिवार को समाज की मुख्य धारा में शामिल नही करना चाहते, ,,

इधर अत्यधिक समाजिक दबाव और अपने आपको अकेला महसूस कर रहे परिवार ने तंगआकर प्रशासन का दरवाजा भी खटखटाया पर उन्हे कोई राहत नही मिली ,, हालाकि दरिमा पुलिस ने शिकायत को संज्ञान में लेते हुए जांच तो शुरु की हैं पर इस के बाद भी समाज अपनी बात पर अङा हुआ हैं,, पुलिस ने शिकायत में शामिल नामो पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही भी की हैं ,, लेकिन उसका कोई डर या फर्क समाज के कर्णधारो पर नही पङा हैं ,, फिलहाल परिवार न्याय की गुहार लगाते हुए हर दंण्ड की पूर्ती कर सामाजिक परिवेश में शामिल होना चाहता हैं पर उसकी सुनने वाला कोई नही हैं ,,,,,

बहरहाल उस परिवार को समाज से क्या न्याय मिलेगा ये अभी कह पाना मुश्किल हैं ,, न्याय के आस में उस परिवार की पीङा दिन ब दिन बढती ही जा रही हैं ,, समाज से रहनुमाओ को उस परिवार पर कब तरस आयेगी इसका भी कोई अता पता नही हैं ,, एक तरफ उनका समाज भी कई लोगो द्वारा संचालित किया जा रहा हैं ,, जिसमें एक गुट उन्हे समाज में शामिल करने का पक्ष धर हैं तो वहीं दूसरा गुट उसका विरोध कर रहा हैं , इस सामाजिक संघर्स में पिस रहा परिवार केवल आंसू बहाकर ही अपनी पीङा बया कर देता हैं ,,,,,