निजी नर्सिंग होम में आपरेशन के दौरान हुई मौत..और बिना PM के ही हो गया अंतिम संस्कार.!

कोरिया 

सोनू केदार 

बैकुण्ठपुर में एक आदिवासी महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई लेकिन महिला की मौत के बाद उसका पोस्टमार्टम भी नहीं कराया गया, परिजन शव को लेकर गांव चले जाते हैं और गाँव में  कुछ लोगों को इस घटना की जानकारी मिलती है और फिर वे शव को लेकर पोस्टमार्टम करने बैकुण्ठपुर पहुंचते हैं। इस दौरान कई घंटे तक शव गाडी में पडा पडा न्याय की प्रतिक्षा करता रहा लेकिन फिर एक बार पुनः बिना पोस्टमार्टम के शव को वापस गाँव ले जाना पडा।बंजारीडांड निवासी 35 वर्षीय हिरमनिया बाई को परिजनों ने पेट दर्द होने के कारण उपचार के लिए बैंकुठपुर के डा0 शर्मा नर्सिंग होम मे भर्ती कराया था.. जहां उसकी आपरेशन के दौरान मौत हो गई। महिला की मौत के बाद डा0 ने परिजनों को शव को गांव ले जाने को कहा जिसके बाद परिजन शव को लेकर अपने गांव चले गए। इस बात की जानकारी लगने के बाद बंजारीडांड के कुछ लोग एक गाडी में मृतिका का शव रखकर फिर बैकुण्ठपुर पहुंचे जहां काफी देर तक मृतिका का शव गाडी में ही रखा रहा,  फिर परिजन न तो एफआईआर कराये और न कोई लिखित शिकायत थाने में दिए और कुछ देर बाद फिर शव को लेकर परिजन उल्टे पांव बंजारीडांड चले चले गए। बंजारीडांड लाने के बाद मृतिका का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया।

सवाल यह उठता है कि कई घंटो तक पुलिस थाना के सामने मृतिका का शव आखिर गाडी में ही क्यों रखा रह गया। जब उपचार के दौरान हिरमनिया बाई की मौत हुई तो आखिर शव का पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया गया। आखिर ऐसा कौन सा दबाव था कि जिले के जिम्मेदार अधिकारी मुंह पर पटटी बांधे रहे और आदिवासी महिला का शव न्याय की गुहार लगाता भटकता रहा।