जारा सी अनदेखी जीवनभर का संकट : खतरे के मुहाने पर बनाए मकान

चिरमिरी से रवि कुमार सावरे की विशेष रिपोर्ट

  • खतरे के मुहाने पर बनाए मकान
  • नलों के के उपर कर लिए पक्के व कच्चे निर्माण नहीं कोई रोकने व टोकने वाला

जारा सी अनदेखी जीवनभर का संकट,ऐसा ही हाल हो रहा हैं शहर के कई ईलाको में। चैबीस घण्टें घरो के नींव व दीवारों से पानी बहता रहता हैं, लेकिन बेपरवाह लोगों को अनहोनी का भी भय नही। बड़ी संख्या में शहर के लोगों ने नालो की जद में मकान बना लिए हैं। नालो के उपर बने मकानों में हादसे का अदेंषा बना हुआ हैं, लेकिन किसी को कोई चिंता नहीं है। स्थानिय प्रषासन को भी नालो के उपर बने अवैध मकानों व टापरों का पता है। फिर भी समूचा प्रषासन बेबस नजर आ रहा है। जानकारी के अनुसार शहर के हद्य स्थल हल्दी बाड़ी के बीच से गुजर रहें नालों के उपर बाड़ी संख्या में लोगों ने कच्चे व पक्के निर्माण करा लिए है। जबकि इन नालोें मे बारहों महिने पानी बहता रहता है। बरसात के दिनों में तो हालात और भी विकट हो जाते है, लेकिन नालों के उपर बसने वाले लोगों को रोकने के सख्त प्रयास नहीं किए जा रहे है।

यहां है बुरा हाल
जानकरी के आनुसार षहर का सबसे अधिक अबादी वाला इलाका हल्दी बाड़ी का सरा गंदा पानी मुख्य नाला के माध्यम से पुराना पयल टाॅकीज से लेकर मुकेष हाडवेयर दुकाने की ओर होते हुए नगर निगम के द्वारा निर्मित साडा कम्पलेक्स तक जाता है। इन नालो के उपर शहर के जाने माने लोगों ने बीम को उचा कर बड़ी बड़ी दुकान बीमं के सहारे बनाए गए हैं और इन बीम को बने करीब 30 सालो से उपर हो चुका हैं जो कि किसी भी वक्त धरासही होने के कगार में है।

तो बिगड़ेगे हालात unnamed (14)
हल्दी बाड़ी के मुख्य नालों का अस्तित्व लगभग समाप्त होने के कगार पर है। वर्तमान में नालों की जगह पर नालियां नजर आने लगी है। मुल चैड़ाई समाप्त होकर नालियां बन कर गई है। बतौर उदाहरण देखें तो हल्दी बाड़ी नाले का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। नाले की कुल चैडाई लगभग 20 फीट बताई जाती है। लेकिन वर्तमान में 5 फीट ही नजर आती है। ऐसे में बरसात के दिनों में पानी अधिक आने पर नाला ओवर फ्लो हो जाता है। इसका पानी लोगों के दुकानो व मकानों के बाहर तक पहुंच जाता है।

कौन करे कार्रवाही
शहर मेें अवैध रुप से बस रही आबादी पर रोक लगाने में स्थानीयय प्रषासन नाकाम साबित हो रही है। लोग नालों व पहाड़ो की जद में जाकर कच्चे व पक्के निर्माण कर रहें है। जिन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। नगर निगम प्रषासन अवैध रुप से सरकारी जगहों पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाही नहीं कर रहा है। ऐसे में प्राकृतिक आपदा आने पर इन लोगो की जान खतरे में पड़ जाती है तो जवाबदार कौन होगा।

 

इस विषय में जब हमने क्षेत्र के अनुविभागिय अधिकारी अमृत लाल ध्रुव से जानना चहा तो उनका कहना था अवैध रुप से बसने वाले लोगो का नगर निगम से सर्वे कराएंगे। नालों व पहाडो पर बसने वाले लोगों को चिन्हकीत करने के लिए कार्य योजना तैयार करेगें।