कोयलांचल क्षेत्रो में बन्दरों का आतंक, आए दिन लोग हो रहे बन्दरों के शिकार

कोरिया (J.S.ग्रेवाल की रिपोर्ट)
कोयलांचल क्षेत्रो में बन्दरो का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और निजात मिलने की संभावना नहीं दिख रही है जबकि कई बार बन्दरों से छुटकारा दिलाने का मांग उठाई गई इसके बावजूद इस पर कोई पहल नहीं हुआ और इसका नतीजा यह है कि बन्दरों द्वारा लोगों को काटने की घटनाएं आए दिन सामने आ रहे हैं। धीरे-धीरे बन्दर आदमखोर रूप में ढल रहे हैं।MONKEY ATTACK PROBLEM IN KORIA CG 1
कोरिया जिले के कोयलांचल क्षेत्रो में जैसे मालवीय नगर और कटकोना काॅलरी में बन्दरों का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है घर से सड़कों तक लोग सुरक्षित नहीं हैं। घर के अन्दर दरवाजा बंद कर और घर के बाहर हांथों में डंडा लेकर मजबूरी बन गया है। बन्दर महिलाएं हो या पुरूश किसी को नहीं बख्ष रहे हैं यहां तक कि बाईक चालकों को भी बन्दर छोड़ नहीं रहे। चलती बाईक पर बन्दर कुद जाते हैं जिससे वाहन से गिरने वालों की संख्या भी बढ़ने लगी है। पर इस संबंध में विभाग कोई पहल नहीं कर रहा है जबकि इस बात की जानकारी समस्त अधिकारियों को भी है।
बन्दरो से बच्चों का खतरा बढ़ा – बन्दरों की तादात बढती जा रही है और बन्दर भी खुखांर रूप लेने लगे हैं जिस वजह से बच्चांे को घर से बाहर निकलना व खेलना दूभर हो गया है और प्रतिदिन कोई न कोई बच्चे बन्दर के काटने का षिकार हो रहे हैं। यहां तक कि बच्चों के माता पिता हाथ में डंडा लेकर स्कूल के लिए छोड़ने व लोने जाते हैं। बन्दरों की बढती आतंक व काटने की डर से बच्चों को बाहर खेलने से मना किया जा रहा है।
MONKEY ATTACK PROBLEM IN KORIA CG 3नुकसान करते बंदर – सैंकड़ों बन्दरों की फौज जब कालोनियों में धावा बोलते हैं तो काफी नुकसान कर जाती है। ये फौज काटते ही नहीं बल्की घरों के अन्दर प्रवेष कर खाद्यान्न जैसे सामानों को नश्ट करते हैं और सामान लेकर छतों में चढ़ जाते हैं यदि सामानों को बन्दरों से छुड़ाने का प्रयास किया जाता है तो खुखांर रूप लेकर काटने को दौड़ाते हैं जिस वजह से कई लोग बन्दरों के काटने से घायल हो चुके हैं। बन्दरों को मारने में वन विभाग के कानून का खतरा बना रहता है इसलिए लोग बन्दरों को मारने से भी डरते हैं।
नहीं हुई कोई पहल – लोगों की शिकायत के बावजूद अभी तक इस दिषा में कोई पहल नहीं की गई है। पहले यह कहा जाता रहा कि बन्दरों को पकड़ने के लिए बाहर से विषेशज्ञों को बुलाया जाएगा लेकिन आज तक कहीं से किसी को नहीं बुलाया गया। यही कारण है कि आज भी कटकोना वासी परेषान हैं।
cleardot