विकास की बाट जोह रहे जिले की सीमा से लगे ग्राम

  • बरसात के बाद भयावह हो गया छतरंग ओड़गी मोहर सोप मार्ग चार पहिया वाहनों का प्रवेश बंद 

  • दो पहिया वाहनों को हर पल दुर्घटना का डर विकास के राह में सड़क बनी सबसे बड़ा रोड़ा

कोरिया (सोनहत से राजन पाण्डेय की रिपोर्ट)

विकासखंड सोनहत से 25 किलोमीटर दूर सूरजपुर सीमा पर स्थित ग्राम छतरंग कैलाशनगर भुसकी समेत आस पास के गांवों में शासन की योजनाएं नहीं पहुंच पा रहीं है आलम है की ग्रामवासी मूल भूत सुविधा  के लिये तो तरस ही रहे हैं उनके नसीब में बिजली, सडक और शुद्ध पानी भी मयस्सर नहीं है । पहुंच मार्ग तो इस कदर जर्जर और खतरनाक हैं की जान जोखिम में डाल कर ही वहां तक पहुचा जा सकता है। पिछले साल विभाग ने रास्ते में मिटटी डलवाया था लेकिन बरसात के दौरान मिटटी बह गई और अब सिर्फ पत्थर ही पत्थर शेष बचे है जिससे चार पहिया वाहनों का प्रवेश बंद हो गया है और दो पहिया वाहन चालकों को किसी भी समय दुर्घटना होने का डर बना रहता है। ऐसे मार्ग से ग्राम वासी कैसे आवाजाही करते होंगे ये सोच का विषय है। बेहद खराब सड़क होने के कारण कोई अधिकारी भी इन ग्रामों में जाना नही चाहते यदि एक बार कोई अधिकारी पहुच भी गया तो दुबारा उस ग्राम में जाने की सोच कर भी घबरा जाते है। छतरंग ग्राम के आगे स्थित ग्राम कैलासनगर में पानी की समस्या व्याप्त हैं साथ ही बिजली की समस्या से पूरे ग्राम जूझ रहे हैं । ग्रामीण श्यामलाल सुंदरसाय govt bhawanएवं अन्य ने जानकारी देते हुए बताया की कई बार शासन प्रशासन को क्षेत्र में विकास कार्य कराने मांग किया गया लेकिन पिछले 15 सालों से स्थिती जस की तस है  महज कुछ दूर तक प्रधान मंत्री सड़क के अलावा किसी प्रकार का कोई विकास कार्य नही कराया गया है। सरकार हो या पंचायत प्रतिनिधि आए और गए पर कुछ बदला नहीं  आज भी ये पुराने ढर्रे पर ही जीवन गुजर बसर करने को मजबूर हैं।

स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित 
सूरजपुर जिले में स्थित ग्राम छतरंग घुईडी पाल केवरा कैलासनगर भुसकी मोहरसोप स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है आलम है की किसी तरह नीम हकिमी व्यवस्थाओं से ग्राम वासी अपना इलाज करा रहे है। अपातकालीन परिस्थिती में भी शासकीय एम्बुलेंस अथवा संजीवनी एक्सप्रेस का लाभ नही मिल पाता किसी तरह चारपाई पर लिटा कर अथवा दो पहिया वाहनों पर मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य लाया जाता है। कई स्थानों पर तो विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के लिये विभिन्न योजनाओं का संचालन भी महज कागजों तक ही सिमित है, आलम है की ग्राम वासीयों को इन योजनाओं की कोई जानकारी नहीं है वर्तमान समय में ग्राम वासी ढोंढी एवं प्राकृतिक तुर्रे का पानी पीने मजबूर है। 

 

पगडंडी से होता है आवागमन
छतरंग ओडगी मार्ग बलमाघाट के बाद से खस्ताहाल है, जिससे निकलने में ग्रामवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पडता है इन मार्गो में कई स्थानों पर पहुंच मार्ग में पुलिया का आभाव है साथ ही पुलिया विहीन इस मार्ग बरसात के दिनों में चार पहिया वाहन नही जा पाते मात्र दु पहिया वाहन किसी तरह से पहुच पाते है जिससे आपातकालीन परिस्थितीयों में कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है । road in koreaवर्तमान समय में  आने जाने वाले लोग इन रास्तों में सफर न करके पगडंडियों का सहारा लेते है । 

मुख्य मार्ग भी बदहाल
ओडगी से बिहारपुर मार्ग छत्तीसगढ से मध्यप्रदेश बैढन सिहरौली एवं उत्तर प्रदेश को जोड़ता है लेकिन इस मार्ग की बदहाली को देख कर ऐसा लगता जैसे किसी बिहढ़ ग्राम की सड़क हो ग्राम वासीयों ने कई बार मुख्य मार्ग के मरम्मत की मांग किया लेकिन ग्रामीणों की सुध लेने वाला कोई नही है ।