चिरमिरी के लाहिडी कालेज मे ABVP का कब्जा : छात्र संघ चुनाव

Student union elections 2014 Chirmiri, चिरमिरी के लाहिडि कालेज मे छात्र संघ चुनाव
Student union elections 2014 Chirmiri

चिरमिरी से रवि कुमार सावरे 

शासकीय लाहिड़ी कालेज चिरमिरी के छात्र संघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का दबदबा रहा।  एनएसयूआई किसी भी पद के लिए अपना कोई प्रत्याशी खड़ा कर पाने में  नाकाम रही ।  जिसके परिणाम स्वरूप छात्र संघ के 10 पदो पर आभाविप की ने निर्विरोध जीत का परचम लहराया है। छात्र संघ चुनाव मे मिली ऐसी जीत से जहां आभाविप व भाजपा खेमे में खुशी का माहौल है । वहीं एनएसयूआई व कांग्रेस खेमें में मायूसी छायी हुई है।

आभाविप के सदस्य इस शानदार जीत का सेहरा मनेन्द्रगढ़ विधायक श्यामबिहारी जायसवाल के सर बांध रहे है। क्योकि विधायक के द्वारा लाहिड़ी महाविद्यालय के लिए नये भवन की स्वीकृति दिलाना, कालेज में प्रध्यापक की नियुक्ति कराना तथा महाविद्यालय में दो नये फैकल्टी खुलवाने जैसे बड़े काम कराए गए है। जिसका नतीजा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के रुप मे देखी जा रही है। और यही कारण है कि महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने खुलकर आभाविप का साथ दिया। वहीं एनएसयूआई के लोग इस बड़ी हार का कारण भाजपा के लोगो का द्वारा सत्ता का दुरूपयोग कर दबाव की राजनीति करने तथा कांग्रेस के बड़े नेताओ द्वारा छात्र संघ चुनाव की ओर अनदेखी करने को मान रहे है।

बीते 21 अगस्त को नामांकन भरने के अंतिम दिन आभाविप की ओर से कालेज छात्र संघ के अध्यक्ष के लिए रूखसार बानो, उपाध्यक्ष के लिए सीमा गुप्ता, सचिव के लिए सुरूचि सिंह, सह सचिव के लिए देवनीत कलेर तथा छात्र संघ कक्षा प्रतिनिधि में बीए प्रथम से मनीसा दिवाकर, बीएसी प्रथम से विश्वजीत दास गुप्ता, बीकाम प्रथम से आर्दश राज मौर्य, बीकाम अंतिम से बेबी साहिन, एमएससी पूर्व रसायन से शाईस्ता अंजुम व एमकाम अंतिम से नागराज सिंह नें अपना नामांकन दाखिल किया जबकि एनएसयूआई से केवल एक पद सह सचिव के लिए सुनील कुमार नें अपना नामांकन दाखिल किया लेकिन उसे कोई प्रस्तावक नही मिलने के कारण निरस्त कर दिया गया।

ज्ञात हो कि अब से तीन माह बाद ही नगरीय निकायो के चुनाव होने वाले है। ऐसे में कालेज के छात्र संघ चुनाव में एनएसयूआई की यह बड़ी विफलता कांग्रेस संगठन की क्षमता पर ही सवालिया निशान लगा रहे है साथ ही अब यह सवाल भी उठ रहे है कि आगामी नगरीय निकायो के चुनाव में गुटबाजी से जूझ रही कांग्रेस अपने कमजोर संगठन के भरोसे कैसे भाजपा का मुकाबला कर पायेगी।