ओरछा.. जहांगीर महल, राजमहल, राय प्रवीण महल, रामराजा मंदिर की नगरी
ओरछा
ओरछा राज्य की स्थापना 16वीं सदी में बुन्देला राजपूत रूद्रप्रताप ने की थी। ओरछा के प्रांगण में अनेक छोटे मकबरे और स्मारक हैं। इनमें...
भोजपुर तथा भीमबेटका.. महान सम्राट राजा भोज ने की थी स्थापना
भोजपुर तथा भीमबेटका
भोजपुर : जनश्रुतियों और किंबदन्तियों के रूप में अमरता प्राप्त धार के महान सम्राट राजा भोज ने इसकी स्थापना की थी। यहां का...
शिवपुरी…. सिंधिया राजाओं की ग्रीष्मकालीन राजधानी
शिवपुरी
ग्वालियर रियासत के सिंधिया राजाओं की ग्रीष्मकालीन राजधानी रह चुकी शिवपुरी आज भी अपने सुन्दर राजप्रासादों तथा संगमरमर से निर्मित अलंकृत छतरियों के द्वारा...
उज्जैन… महाकाल और कालभैरव
उज्जैन
पुण्य-सलिला क्षिप्रा के पूर्वी तट पर स्थित भारत की महाभागा नगरी उज्जयिनी को भारत की सांस्कृतिक-काया का मणि-चक्र माना गया है। पुराणों में उज्जयिनी,...
विदिशा.. सम्राट बनने के पूर्व अशोक यहां के रह चुके है राज्यपाल
विदिशा, उदयगिरी गुफाएं, ग्यारसपुर तथा उदयपुर
भोजपुर : विदिशा, बेसनगर तथा भेलसा के नाम से प्रसिद्ध यह क्षेत्र प्राचीन इतिहास की समृद्ध धरोहर के रूप में...
मांडू(मांडव)गढ.. विंध्य पर्वतमाला मे बसा हिंडोला और जहाज महल…
मांडू(मांडव)
प्रकृति की मनोहारी छटा ने मांडू के सौंदर्य को निखार दिया है। सैकड़ों फुट नीचे नर्मदा का विशाल पाट फैला है जिसकी सोंधी गंध...
खजुराहो.. मध्य युगीन भारत की शिल्प एवं वास्तुकला के सर्वोत्कृष्ट नमूने
खजुराहो
पत्थरों पर तराशी गई सुंदर कला की नगरी है खजुराहो। यहाँ के विश्वप्रसिद्ध मंदिरों का निर्माण चन्देल राजाओं 950-1050 ईस्वी के मध्य करवाया था। इन...
कान्हा… साल और बांसों से भरा कान्हा का जंगल
कान्हा
साल और बांसों से भरा कान्हा का जंगल, झूमते-लहराते घास के मैदानी और टेड़ी-मेढ़ी बहने वाली नदियों की निसर्ग भूमि है। सन् 1955 में...
ग्वालियर.. अनेक राजवंशों का आश्रय स्थल
ग्वालियर
ग्वालियर राज्य की यह पुरातन राजधानी आज भी अपने प्राचीन वैभव की कहानी कह रही है। ग्वालियर शहर सदियों तक अनेक राजवंशों का आश्रय...
ओंकारेश्वर….. ऊँ की पवित्र आकृति स्वरूप..द्वादश जयोतिर्लिंगों में से एक
ओंकारेश्वर तथा महेश्वर
ओंकारेश्वर:-ऊँ की पवित्र आकृति स्वरूप यह द्वीप सदृश मनोरम स्थल अनंतकाल से तीर्थ के रूप में मान्य है। यहां नर्मदा-कावेरी के संगम पर...