ओंकारेश्वर….. ऊँ की पवित्र आकृति स्वरूप..द्वादश जयोतिर्लिंगों में से एक

 

ओंकारेश्वर तथा महेश्वर

ओंकारेश्वर:-ऊँ की पवित्र आकृति स्वरूप यह द्वीप सदृश मनोरम स्थल अनंतकाल से तीर्थ के रूप में मान्य है। यहां नर्मदा-कावेरी के संगम पर ओंकार मांधाता के मंदिर में स्थापित ज्योतिर्लिंग पुराण प्रसिद्ध द्वादश जयोतिर्लिंगों में से एक है।Sanchi Stup (www.mpinfo.org)

दर्शनीय स्थल

ओंकार मांधाता, सिद्धनाथ मंदिर, चौबीस अवतार, सप्त मातृका मंदिर तथा काजल रानी गुफा आदि यहां है।

 

महेश्वर:- इतिहास प्रसिद्ध सम्राट कार्तवीर्य अर्जुन की प्राचीन राजधानी महिष्मति ही आधुनिक महेश्वर है। इसका उल्लेख रामायण तथा महाभारत में भी मिलता है। रानी अहिल्याबाई होलकर ने यहां की महिला को चार चांद लगाए। महेश्वर के मंदिर तथा दुर्ग परिसर के सौंदर्य में अपार आकर्षण विद्यमान है।

 

दर्शनीय स्थल

राजगद्दी और राजवाड़ा, घाट तथा मंदिर दर्शनीय हैं। महेश्वर की साड़ियाँ अतीव प्रसिद्ध है।

 

कैसे पहुंचे

 

वायु सेवा:- ओंकारेश्वर तथा महेश्वर के लिए निकटतम हवाई अड्डा इंदौर क्रमश: 77 तथा 91 कि.मी. है जो मुंबई, दिल्ली, भोपाल तथा ग्वालियर से सीधी विमान सेवा से जुड़ा है।

रेल सेवा:- ओंकारेश्वर के लिए पश्चिम रेलवे का ओंकारेश्वर रोड (12 कि.मी.) तथा महेश्वर के लिए बड़वाह (39 कि.मी.) निकटतम रेलवे स्टेशन हैं। पश्चिमी रेलवे के बड़वाह, खंडवा, इंदौर से भी यहां पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग:-इंदौर, उज्जैन, खण्डवा, ओंकारेश्वर रोड से आंकारेश्वर तथा बड़वाह, खण्डवा, इंदौर, धार और धामनोद से महेश्वर के लिए बस सेवा उपलब्ध है।

ठहरने के लिए:- गैस्ट हाऊस, रेस्ट हाऊस तथा धर्मशालाएं उपलब्ध हैं।