शिवपुरी…. सिंधिया राजाओं की ग्रीष्मकालीन राजधानी

 

शिवपुरी

ग्वालियर रियासत के सिंधिया राजाओं की ग्रीष्मकालीन राजधानी रह चुकी शिवपुरी आज भी अपने सुन्दर राजप्रासादों तथा संगमरमर से निर्मित अलंकृत छतरियों के द्वारा विगत राजसी विरासत की याद दिलाती है। दुर्लभ वन्य प्राणियों ओर पक्षियों के लिए यहां के आकर्षक अभ्यारण्य ने शिवपुरी के शानदार अतीत को अत्यंत स्पंदनशील बना दिया है।

दर्शनीय स्थल

माधव राष्ट्रीय उद्यान: 156 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला यह उद्यान विभिन्न प्रकार की वनस्पति एवं विविध प्राणियों से समृद्ध है। हिरण की बहुलता वाले इस क्षेत्र में चिंकारा, भारतीय कलपूंछ और चीतल सहज ही दृष्टिगोचर हो जाते हैं। इसके अलावा नीगाय, सांभर, चौसिंघा, कृष्णमृग, रीछ, चीता ओर बंदर प्रमुख हैं।

राष्ट्रीय उद्यान के अतिरिक्त सिंधिया राजवंश की कलात्मक छतरियां, गुलाबी रंग का माधव बिलास प्रसाद, अभ्यारण्य के बीच उसके सर्वोच्च बिन्दु पर स्थित कगूरेेदार जार्ज कैसल, सख्या सागर, बोट क्लब, भदैया कुण्ड तथा वीर तात्या टोपे की विशाल मूर्ति यहां के अन्य दर्शनीय स्थल है।

 

कैसे पहुंचे

 

वायु सेवा:- निकटतम हवाई अड्डा ग्वालियर (112 कि.मी.) है। यहां के लिए दिल्ली भोपाल, इंदौर और मुंबई से उड़ाने उपलब्ध है।

रेल सेवा:- दिल्ली-मुंबई एवं दिल्ली-मद्रास रेल मार्ग पर झांसी (101 कि.मी.) एवं ग्वालियर (112 कि.मी.) प्रमुख नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं।

सड़क मार्ग:- ग्वालियर, इंदौर, भोपाल, झांसी और उज्जैन से शिवपुरी के लिए नियमित बसें चलती हैं।

ठहरने के लिए:- म.प्र. पर्यटन विकास निगम होटल तथा इसके अलावा गैर सरकारी होटल और लॉज उपलब्ध हैं।