EXCLUSIVE : प्रदेश के एकलौते निर्दलीय विधायक से फटाफट न्यूज की ख़ास बातचीत

महासमुंद कृष्ण मोहन कुमार की ख़ास रिपोर्ट 

फटाफट न्यूज संवाददाता कृष्ण मोहन कुमार ने प्रदेश के एकलौते निर्दलीय विधायक विमल चोपड़ा से की ख़ास मुलाक़ात इस मुलाक़ात में विधायक महोदय ने फटाफट न्यूज के सवालो के जवाब भी फटाफट अंदाज में दिए, आगे पढ़िए पूरी खबर…

सन 1978 में छात्र संघ चुनाव से सक्रिय राजनीति में कदम रखने वाले पेशे से चिकित्सक विमल चोपड़ा,वर्तमान समय मे छत्तीसगढ़ राज्य विधान सभा में एक मात्र निर्दलीय विधायक है, तथा वे अपने निष्पक्ष कार्यशैली को लेकर समूचे प्रदेश में जाने जाते है,यह ही नही डॉक्टर साहब निर्दलीय होने के बावजूद भी सरकारी योजनाओं की नब्ज टटोलने जनता तक पहुँचते, और यही वजह की विधायक महोदय तक महासमुंद जिले के लोग अपनी समस्या लेकर पहुचते है।

डॉक्टर साहब के भाजपा प्रवेश की कई बार अफवाह भी फैलाई गई,और इन तमाम अफवाहों के बावजूद डॉक्टर साहब तेजी से निरन्तर आगे बढ़ते रहे,और इसी का परिणाम है कि आज डॉक्टर साहब के पास अपार जन समर्थन है,उनके हर आंदोलनों में जनसैलाब बढ़चढ़ कर हिस्सा लेता रहा है।

अखिल भारतीय छात्र संगठन में डॉक्टर विमल अविभाजित मध्य प्रदेश में महासचिव भी रह चुके है,इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के शिर्ष स्तर के नेतृत्व कर्ताओ के बीच गहरी पैठ भी है,डॉक्टर विमल शुरू से ही भाजपा की विचार धारा से जुड़े रहे है।
वर्ष 2000 यह वह दौर था जब विमल चोपड़ा को नगरीय निकाय चुनाव का हिस्सा बनने का मौका मिला उन्हें महासमुंद नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद का टिकट भाजपा ने दिया,और विमल ने  भारी मतों से जीत दर्ज की ,तथा बतौर नगर पालिका अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने पंचवर्षीय कार्यकाल पूर्ण किया।

चल पड़ी डॉक्टर की गाड़ी

वर्ष 2004-05 में क्षेत्र की जनता ने दोबारा डॉक्टर विमल को नगर का प्रथम नागरिक बनाने की मुहिम छेड़ी ,लेकिन भाजपा के जातिगत समीकरण के चलते विमल चोपड़ा की टिकट कट गई,तब क्षेत्र के जनता जनार्दन की अपील पर विमल निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे और हर तरफ उनका निर्दलीय चुनाव चिन्ह गाड़ी दौड़ने लगा,और इस बार भी विमल की गाड़ी चल पड़ी और उन्होंने शानदार वोटों से जीत दर्ज कर ली,इस दौर में दोनों प्रमुख राजनैतिक दलों के नगर पालिका अध्यक्ष पद के दावेदारों को मुंह की खानी पड़ी थी,वे अपनी जमानत तक नही बचा पाए थे,यह वह समय था,जब विमल चोपड़ा पर हमले भी हुए,और स्थिति तनावपूर्ण थी,बावजूद इसके डॉक्टर साहब खुद भी संयमित तो रहे ही ,इसके अलावा अपने कार्यकर्ताओं को भी संयमता के साथ काम करने की सलाह दी।

मजदूरों को दिलाया उनका हक…
अपने 10 वर्षो के नगर पालिका अध्यक्ष के कार्यकाल के बाद डॉक्टर साहब किसी भी राजनैतिक पार्टी में नही गए,और वे मजदूरों के हित के लिए लड़ते गए,उन्होंने हजारो मजदूरों का श्रम विभाग में पंजीयन कराया सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं को क्रियान्वित करने में सरकार की मदद की।

समर्थको की जिद पर लड़े चुनाव

डॉक्टर विमल चोपड़ा आज किसी पहचान के मोहताज नही है,वे ऐसी शख्शियत है,जिन्हें समूचा प्रदेश जानता है।
साल 2013 में विमल चोपड़ा को उनके समर्थकों ने जिद करके विधान सभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप चुनाव लड़ने के लिए मना लिया,और एक बार फिर विमल विधानसभा चुनाव लड़ने तैयार हुए,इस बार भी उन्हें अपार जन समर्थन मिला,और वे विधान सभा चुनाव जीत गए,यही नही उन्होंने वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनावों में नया कीर्तिमान स्थापित किया,वे छत्तीसगढ़ के 90 विधानसभा सीटो मेसे एक मात्र निर्दलीय विधायक है।
  
लड़ेंगे विधानसभा,चुनाव

अगले साल छत्तीसगढ़ राज्य विधान सभा के लिए चुनाव होने वाले है,और विमल इस बार फिर चुनाव मैदान में उतरेंगे,लेकिन वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या किसी पार्टी से? इस सवाल का जवाब उन्होंने बड़े ही सधे हुए शब्दों में कहा कि वे भाजपा के विचारधारा से जुड़े है,और यह तब तय होगा जब उस समय के हालात क्या होंगे।

विधायक जी ने कहा, बहुमत के बाद सोचेंगे…

डॉक्टर विमल से जब पूछा गया जब वे दोबारा विधानसभा पहुचेंगे तो किसे मुख्यमंत्री के रूप में चुनेंगे?
तो उन्होंने अपनी कुटिल मुस्कुराहट के साथ जवाब दिया कि भविष्य में क्या हो सकता है,यह एक कल्पना मात्र ही है,स्थिति परिस्थितियों को देखते हुए मुख्यमंत्री चुनने की प्रकिया में वे शामिल होंगे।

भाजपा की विचारधारा ने प्रभावित किया….

विमल चोपड़ा वर्षो से भाजपा में रहे और भाजपा की विचार धारा ने उन्हें प्रभावित किया है,लेकिन अभी वे किसी भी राजनैतिक दल में नही है,और ना ही अभी उनका किसी राजनैतिक पार्टी में जाने का कोई प्लान नही है।

एक आदमी को मिले ,एक पाव शराब…

पेशे से एमबीबीएस चिकित्सक विमल चोपड़ा यह बखूबी जानते है कि सेहत के लिए शराब कितना हानिकारक है,और इसी बात की चिंता लिए वे जनजागरण अभियान चला रहे है,और क्षेत्र के गावो में सक्रिय शराब कोचियों को पकड़ने में भी अहम भूमिका अदा कर रहे है।
वे प्रदेश सरकार के द्वारा शराब दुकान कम करने के निर्णय का स्वागत करते है,इसके साथ ही विमल मांग भी करते है कि शराब बिक्री को भी आधार लिंक से जोड़ा जाए ,और एक दिन में एक आदमी को एक पाव शराब ही मिले,यही नही बिहार की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी पूरी तरह से शराब बिक्री बन्द कर दी जाए

हो रही हैं, जांच

हाल ही में छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री को जमीन खरीद फरोख्त के मामले में विपक्ष ने घेरा था,और यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है,यही नही जिस जगह की जमीन की बात आज सियासी गलियारों में गूंज रही है,वह डॉक्टर विमल चोपड़ा के विधानसभा क्षेत्र का ही है,और इस मामले में विमल कहते है कि जांच हो रही है,जांच के बाद कार्यवाही होगी।