मुख्यमंत्री कन्या विवाह में 75 वर वधु जोड़ो ने 7 की जगह 8 वचन लेकर अग्नि के साथ फेरे लिए…एक दिव्यांग, अंतर जाति विवाह सहित एक ईसाई समाज जोड़े दांपत्य सूत्र में बंधे…

जांजगीर-चांपा..मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत आज जिला मुख्यालय जांजगीर के हाईस्कूल मैदान में सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया। योजना अंतर्गत आज 75 वर-वधू के जोड़े एक ही मंडप के नीचे दांपत्य सूत्र में बंधे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राजस्व एवं आपदा प्रबंधन पुर्नावास, पंजीयन, स्टाम्प एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री जय सिंह अग्रवाल ने सभी वर-वधू को खुशहाल और सुखमय जीवन का आशीर्वाद दिया। सामूहिक विवाह कार्यक्रम सामाजिक, धार्मिक रीति रिवाज और उल्लासपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा कि राज्य के किसान, मजदूर, गरीब परिवार सहित अन्य जरूरतमंद लोगों की शादी की चिंता को दूर करने के लिए राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना संचालित किया जा रहा है। जिसका लाभ सभी जरूरतमंद लोगों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जरूरतमंदो को ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित करने के लिए नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना, राजीव गांधी न्याय योजना, रीपा जैसे विभिन्न योजना सहित वर्तमान में प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी करने की घोषणा भी की गई है। उन्होंने कहा कि विवाह कार्यक्रम में दहेज लेना और दहेज देना दोनो ही समाजिक बुराई है। विधानसभा अध्यक्ष ने सभी दांपत्य जोड़ो के खुशहाल संपन्नता और बेहतर भविष्य की प्रार्थाना करते हुए उपहार भी भेंट किए। आज आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में 75 जोड़ो में पामगढ़ परियोजना के एक दिव्यागं जोड़े सोनु कुमार रात्रे और नीलम तान्डे का विवाह सहित नवागढ़ परियोजना के पास्टर किशन और निकिता के एक ईसाही धर्म के जोड़े का विवाह उनके धर्म एवं ईच्छानुसार उनके धार्मिक रीति रिवाज में किया गया।

25 हजार के जगह 50 हजार की घोषणा…

राजस्व मंत्री ने मंत्री ने शासन द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत 25 हजार रुपए के स्थान पर 50 हजार रुपए दिए जाने की घोषणा की गई है जिसका लाभ आने वाले समय में जरूरतमंद लोगो को मिलेगा। उन्होंने सभी जोड़ो को विवाह के बंधन में बधने की बधाई व शुभकामनाएं देते हुए उपहार भी भेंट किए।

विवाह का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सहायता करना…

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की कन्याओं के विवाह के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के माध्यम से शासन द्वारा 25 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। ताकि, कन्याओं का विवाह सुव्यवस्थित करवाया जा सके। इसके अलावा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का उद्देश्य सादगीपूर्ण विवाह को बढ़ावा देना, सामाजिक स्थिति में सुधार लाना तथा विवाह में दहेज के लेनदेन का रोकथाम करना भी है।

विधानसभा अध्यक्ष, मंत्री, वर-वधु द्वारा बाल विवाह रोके जाने ली शपथ…

हाई स्कूल मैदान जांजगीर में आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष, प्रभारी मंत्री, वर-वधु, जनप्रतिनिधियों सहित उपस्थित सभी लोगो ने 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के की शादी नहीं कराने, बाल विवाह में सम्मिलित न होने और बाल विवाह होता देखे जाने पर इसकी रोकथाम के लिए शासन प्रशासन का सहयोग करने दहेज का लेन-देन न करने तथा सड़क जैसी परिस्थितियों में पाए जाने वाले बच्चों के पुनर्वास के लिए हरसंभव प्रयास करने की शपथ ली।

75 जोड़े बंधे परिणय सूत्र में ..

आज आयोजित सामूहिक कार्यक्रम में परियोजना बलौदा से 15 जोड़े, अकलतरा से 15 जोड़े, पामगढ़ से 10 जोड़े, नवागढ़ से 15 जोड़े तथा बम्हनीडीह और जांजगीर से 10-10 जोड़ो का विवाह कराया गया है।

दिव्यांग, अंतर जाति, ईसाई समाज के जोड़ों का हुआ विवाह…

सामूहिक विवाह में एक दिव्यांग दंपत्ति एवं अंतर जाति सहित ईसाई समाज के जोड़ों का विवाह हुआ साथ ही 75 जोड़ों के साथ सभी ने हिंदू एवं ईसाई रीति रिवाज के अनुसार विवाह कराए गए सभी को उपहार सहित 1000 नगद भेंट किया गया।

विभाग की दिखी अव्यवस्था…

महिला एवं बाल विकास विभाग की के द्वारा आयोजित कन्या विवाह में अव्यवस्था दिखी । पंडाल स्थल पर भारी गर्मी के चलते वर वधु सहित आए परिजन पसीने से लथपथ रहे ।वहीं अतिथियों के लिए भी विभाग द्वारा किसी तरह पंखे एवं कूलर का व्यवस्था नहीं किया गया था जिसके चलते काफी लोगों को गर्मी का सामना करना पड़ा। वही खाने-पीने से लेकर कई व्यवस्थाएं में कमी दिखी।

विधानसभा अध्यक्ष ने व्यक्त की चिंता..

छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने सामूहिक विवाह में हुए फर्जीवाड़े का जिक्र करते हुए फर्जी जोड़ों का शादी होने को रोकने की बात कही। कि किसी तरह विभाग द्वारा फर्जी जोड़ों का शादी ना कराया जाए। इसी बात को लेकर बाद में महिला बाल विकास अधिकारी ने अध्यक्ष को अस्वस्थ कराया कि इस जोड़ों में किसी प्रकार की फर्जी जोड़े शादी नहीं कराया गया है। पूरी जांच के बाद ही जोड़ों को शादी कराया गया जा रहा है।