अजीत जोगी को हलके मे मत लेना…. क्योकि शहडोल ने तय करा दी मरकाम और जोगी की दोस्ती

शहडोल 

शहडोल लोकसभा उपचुनाव इस बार सुर्खियों मे है। वैसे तो ये लोकसभा सीट आरक्षित है और अमूमन आरक्षित सीटों में चुनावी माहौल गर्म नहीं होते है लेकिन शहडोल लोक सभा का यह चुनाव बेहद हाईप्रोफाइल हो गया है। इस चुनाव में जहाँ भाजपा के  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बाहूबली मंत्री संजय पाठक को अकेले तैनात किया है तो कांग्रेस ने अपने उद्द्योगपति सांसद कमलनाथ, ग्वालियर राजघराने के ज्योतिरादित्य सिंधिया, और विन्ध्य क्षेत्र में दाऊ साहब कहे जाने वाले स्व.अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह राहुल को लाज बचाने शहडोल की कमान सौंपी है । लेकिन ऐसे मे हर चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाने वाली गोंडवाणा गणतंत्र पार्टी इस हाईप्रोफाईल उपचुनाव मे अपनी प्रोफाईल बनाने मे कैसे पीछे रह जाती ।  लिहाजा चुनाव प्रचार मे गोंडवाना ने भी अपना दम दिखाया… और इस इस दम दिखाने की रस्मअदायगी के नायक रहे छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी । गौरतलब है कि अजीत जोगी शहडोल कलेक्टर भी रहे चुके है, और शहडोल लोक सभा से कांग्रेस की टिकट पर लोक सभा चुनाव हार भी चुके है जिसके बाद वो छ.ग.के मुख्यमंत्री बनाए गए थे….. शहडोल से इनका पुराना रिश्ता है,,, ऐसे मे छग के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की नीतियो और नेताओ से परेशान श्री जोगी द्वारा छत्तीसगढ जनता कांग्रेस(जोगी) पार्टी बनाने के बाद गोंणवाणा गणंतंत्र पार्टी की चुनावी सभा मे उपस्थित रहना ,,, छग मे उनके पार्टी कार्यकर्ताओ के लिए एक सुखद खबर हो सकती है।

दरअसल कभी कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे छग के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के कद और समझ को समझने वाले की छत्तीगढ मे भरमार है। ऐसे मे पिछले दिनो छत्तीसगढ की कुछ विधानसभा मे निर्णायक भूमिका निभाने वाली गोंडवाणा गणतंत्र पार्टी से उनके अंदुरुरी समझौते की चर्चा भी गाहे बगाहे की जाती रही है, गोणवाणा के मुखिया हीरा सिंह मरकाम के घर उनकी और उनके घर हीरा सिंह की आमदरफ्त भले ही अखबारो की सुर्खिया ना बनी हो लेकिन इसकी चर्चा सार्वजिन मंच पर होती रही है। ऐसे मे छत्तीसगढ की सीमा से लगे मध्यप्रदेश की शहडोल विधानसभा मे गोंडवाना के लिए अजीत जोगी का स्टार प्रचारक की भूमिका निभाने के बाद छत्तीसगढ मे जोगी के बढते कद की चर्चा और तेज हो गई है। इतना ही नही अटकलों के गर्म इस बाजार मे राजनैतिक पंडित ये कयास लगा रहे है कि हो ना हो शहडोल के इस प्रचार के पहले हीरा और अजीत के बीच जिस जुगलबंदी के कयास लगाए जा रहे है वो अंतिम रूप ले चुकी है।

गौरतलब है की छत्तीसगढ़ में छजका के गठन के बाद से ही पार्टी के बढ़ते ग्राफ के पीछे राजनैतिक जानकारों ने पहले ही इस गठबंधन के संकेत दिए थे। लेकिन छजका और गोंडवाना इतनी जल्दी एक मंच पर नजर आएंगे ये नहीं सोचा गया था। फिलहाल शहडोल से गोंडवाना प्रत्याशी हीरासिंह मरकाम के चुनाव प्रचार में छजका सुप्रीमो अजीत जोगी भी पंहुच चुके है और अब ये प्रमाणित दोस्ती छत्तीसगढ़ के अगले विधानसभा  चुनाव में क्या रंग लाएगी ये तो वक्त के लिहाफ में कैद है ।  खैर इतना ही नही खबरो औऱ तस्वीरो के मुताबिक इस चुनावी सभा मे गोंडवाना के इस मंच पर अजीत जोगी के बगल में जनता दल यूनाइटेड में रहे सिकंदर खान भी नजर आए,, जिसके भी मायने अलग है। बहरहाल शहडोल विधानसभा चुनाव भले ही हीरा और अजीत के पक्ष मे परिणाम ना दें….. लेकिन इस चुनाव ने ये तो तय कर दिया है कि छत्तीसगढ की राजनीति मे जिस घडी का इंतजार था,, उसने इस दस्तक के साथ अपना समय शुरु कर दिया है।

शहडोल की सभा में जोगी को देख लोग जोगी के दोबारा सी एम् बनने की चर्चा कर रहे है, अनुमानों को मानाने वालो का कहना है की शहडोल लोकसभा से स्व.दलपत सिंह परस्ते से चुनाव हारने के बाद अजीत जोगी का कद घटा नहीं बल्की और बढ़ गया, अजीत जोगी छ.ग. के मुख्य मंत्री बन गए,वही शहडोल की राजनीती में जोगी की दोबारा सक्रियता एक बार फिर अजीत जोगी के छत्तीसगढ़ का सी एम बनने के संकेत दे रहे है।