नाम जीवन ज्योति अस्पताल … काम जीवन की ज्योति बुझाना

अम्बिकापुर

सरगुजा जिले की लचर शासकीय चिकित्सा व्यवस्था का फायदा निजी अस्पताल प्रबंधन भरपूर उठा रहे है… आलम ये है कि मोटे मुनाफे की धुन में ये निजी चिकित्सालय इलाज के नाम पर घर बार बिकवा कर भी आदिवासियो की जिंदगी झीनने पर आमादा है… मामला शहर के जीवन ज्योति अस्पताल है , जंहा जहर सेवन करने वाले युवक का इलाज तब तक किया गया,, जब तक उसके पास रुपए थे… बाद में अस्पताल से निकाल दिया,, लिहाजा जिला चिकित्सालय में पीडित की मौत हो गई…
नाम जीवन ज्योति अस्पताल…काम नाम के विपरीत..मतलब लोगो की जीवन ज्योति को बुझाना… ये हम नही बल्कि पिछले कुछ वर्षो से अम्बिकापुर में संचालित इस अस्पताल में घटित कुछ मामले खुद बंया करते है.. मौजूदा मामला भी कुछ ऐसा ही है….दरअसल जिले के लुण्ड्रा विकासखण्ड के उदारी में रहने वाला युवक कलिंदर एक्का नें रक्षाबंधन के दिन शराब के साथ ईनो डालने की जगह भूलवस कीटनाशक डाल लिया था,, जिसको पीने के बाद उसकी तबियत खराब हुई,, तो परिजनो नें अपने बच्चे को बचाने के लिए उसे शहर के टीप टाप दिखने वाले unnamed (11)जीवन ज्योति अस्पताल में भर्ती कराया.. जिसके बाद कलिंदर के इलाज के लिए परिवार वाले नें पिछले 15 दिनो में घर के मवेशी ,माकान, खेत सब बेंचकर इलाज कराया,, लेकिन सब बेंचने के बाद मिले रुपए इलाज के बाद जब खत्म हो गया तो जीवन ज्योति अस्पताल प्रबंधन नें उन्हे जिला अस्पताल रेफर कर दिया.
कल शनिवार को कलिंदर को जिला अस्पताल में भर्ती कराते ही 10 मिनट बाद उसकी मौत हो गई.. जिसके बाद परिजनो नें जीवन ज्योति अस्पताल प्रबंधन पर ना केवल इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है,, बल्कि इलाज के नाम पर धन दौलत जमीन जायदाद भी लूटने का आरोप लगाया है… हांलाकि इस पूरे मामले में फिलहाल पुलिस नें मर्ग कायम किया है..
इधर आदिवासी परिवार के युवक की इस तरह की आकाल मृत्यु की खबर मीडिया के माध्यम से जब जिला प्रशासन को लगी,, तो प्रशासन की टीम जांच के लिए जिला अस्पताल पंहुची.. और परिजनो की बयान भी लिया गया..
आदिवासी युवक कलिंदर की मौत नें अम्बिकापुर में चिकित्सा के नाम पर निजी अस्पतालो के चल रहे काले कारनामे का पर्दाफाश तो कर दिया है,, लेकिन सवाल ये है कि मौत की नींद सो चुके कलिंदर को क्या प्रशासन की ओर से इंसाफ मिलेगा,, क्या कलिंदर की मौत लोगो के लिए सबक बनेगी,, क्या इस निजी अस्पताल के खिलाफ कोई कार्यवाही होगी.. और क्या इलाज में अपनी चल अचल संपत्ति बेंच चुके कलिंदर के परिजनो को वो सब वापस मिलेगा… जो नापाक इरादा रखने वाले इस अस्पताल ने इलाज के नाम पर हजम कर ली है..

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