महात्मा गांधी पर टिप्पणी आजादी की लड़ाई में त्याग और बलिदान करने वाले हजारों लोगों का अपमान.. कांग्रेस

 माफी मांगें अमित शाह और नरेंद्र मोदी: कांग्रेस
रायपुर 
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की महात्मा गांधी पर की गई टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्ति करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि यह राष्ट्रपिता और स्वतंत्रता संग्राम में त्याग और बलिदान करने वाले हजारों लोगों का अपमान है और इसके लिए अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव ने कहा है कि यह टिप्पणी आरएसएस और भाजपा की फासीवादी विरासत का परिचायक है।

कांग्रेस ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की महात्मा गांधी पर टिप्पणी से कांग्रेस को आश्चर्य नहीं है क्योंकि नाथूराम गोडसे के उपासकों से इससे अधिक की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। आरएसएस और भाजपा को गांधी के हत्या के बाद भी यह अफसोस बचा हुआ है कि हत्या के बाद भी वे दुनिया भर में एक विचार बन चुके गांधी को खत्म नहीं कर सके। इसलिए वे अब भी उनकी चरित्र हत्या का असफल प्रयास करते रहते हैं।
कांग्रेस ने कहा है कि महात्मा गांधी के बारे में भाजपा अध्यक्ष का अपमानजनक टिप्पणी करना उस ‘रंगा सियार’ की पोल खुलने जैसा है, जो गांधी का राजनीतिक इस्तेमाल तो करना चाहती है लेकिन दिल से उसे स्वीकार नहीं कर सकती।

‘फासीवादी सोच की संतानें’

कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि रायपुर में बुद्धिजीवियों के बीच अमित शाह ने जो महात्मा गांधी और कांग्रेस पर टिप्पणियां की हैं वो दरअसल विरासत में मिली सोच का परिणाम है। यह ऐतिहासिक सत्य है कि आरएसएस के प्रणेता और हिंदू महासभा के प्रमुख बालकृष्ण शिवराम मूंजे और विनायक दामोदर सावरकर दोनों फासीवाद के प्रशंसक थे। इसी फासीवाद से प्रेरित भाजपा और संघ के नेताओं ने ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ को अपना मूलमंत्र बनाया। आरएसएस और भाजपा दोनों महात्मा गांधी को और कांग्रेस को इसलिए बर्दाश्त नहीं कर सकते क्योंकि दोनों ने ही भारतीय समाज में समरसता और सभी धर्म-जातियों को साथ लेकर चलने की बात की है।

‘कांग्रेस को वे कभी समझ नहीं सकते’
कांग्रेस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का कांग्रेस को अंग्रेजों का क्लब कहना दरअसल आजादी की पूरी लड़ाई, हजारों लोगों के बलिदान और त्याग का अपमान है। अकेले जवाहर लाल नेहरू ने आजादी की लड़ाई के लिए लगभग दस साल जेल में बिताए। गांधी जी कितनों ही बार जेल गए।
अमित शाह दरअसल वी.डी. सावरकर की सोच से आते हैं जिन्हें एक बार सजा मिली तो दर्जनों बार अंग्रेजों को चिट्ठी लिख-लिखकर माफी मांगते रहे कि उन्हें रिहा कर दिया जाए तो वे आजादी की लड़ाई भूलकर अंग्रेजों के साथ काम करेंगे। इतिहास गवाह है कि आरएसएस के नेता अंग्रेजों के लिए मुखबिरी करते रहे और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सजा दिलवाते रहे। कांग्रेस ने कहा है कि अमित शाह कांग्रेस का सिद्धांत पूछ रहे हैं, जो बलिदान और त्याग, सामाजिक समरसता और धार्मिक सहिष्णुता को नहीं समझते वे कांग्रेस का सिद्धांत भी नहीं समझ सकते।
जिन्होंने अपनी उंगली से भी खून निकलता नहीं देखा है वो नहीं जान सकते कि देश के लिए इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे दो-दो प्रधानमंत्रियों का गंवाने का मतलब क्या होता है।
बयान में कहा गया है कि उनका यह कहना भी उनको अनपढ़ और अशिक्षित साबित करता है कि कांग्रेस ने देश को सिर्फ तीन योजनाएं दी। जिस देश में एक सुई तक नहीं बनती थी वह देश आज यदि अंतरिक्ष में 104 उपग्रह छोड़ पा रहा है। उसके पास अपना परमाणु हथियार है, परमाणु ऊर्जा संपन्न है. देश से से बच्चे निकलकर आईटी सेक्टर में अपना झंडा बुलंद किए हुए हैं और गूगल जैसी कंपनी के प्रमुख का पद संभाल रहे है। आज बच्चे बच्चे के हाथ में मोबाइल है। आज देश खाद्यान्न के मामले में आत्म निर्भर है. तो क्या यह भाजपा के समाज को बांटने वाले सिद्धांतों से आया है? जब भाजपा का जन्म भी नहीं हुआ था और वह जनसंघ के नाम से राजनीति कर रही थी तब इंदिरा गांधी हरित क्रांति से लेकर श्वेत क्रांति का नारा दे चुकी थीं, पाकिस्तान का विभाजन कर बांग्लादेश को दुनिया के नक्शे पर जगह दिला चुकी थीं, गरीबी हटाओ का नारा दे चुकी थीं और परमाणु परीक्षण करके दुनिया का चैंका चुकी थीं।
कांग्रेस नेताओं ने कहा है, “जो पार्टी देश में कंप्यूटर लाने के विरोध में संसद में बैलगाड़ी लेकर पहुंचती है उसकी सोच कितनी पिछड़ी और संकीर्ण है यह समझा जा सकता है।”

“भाजपा के अध्यक्ष इतिहास और उनकी सोच”
कांग्रेस के बयान में कहा गया है कि तथ्य है कि अमित शाह को गुजरात में गृहमंत्री रहते हुये फर्जी एनकाउंटर के मामले में जेल भेजा गया और अदालत के आदेश पर उन्हें गुजरात से तड़ीपार कर दिया गया था। यहां यह बताना भी उचित होगा कि अमित शाह जी स्वतंत्र भारत के इतिहास में किसी राज्य के ऐसे पहले और अभी तक के अंतिम गृहमंत्री है जिन्हें गृहमंत्री के पद पर रहते हुये जेल भेजा गया है। उन्हें दो साल तक गुजरात में घुसने तक की पाबंदी थी। अगर सरकार बनने के बाद सीबीआई का दुरुपयोग नहीं किया जाता तो वे भाजपा अध्यक्ष की कुर्सी में बैठने की बजाय जेल की चक्की पीस रहे होते।
यह भी सर्वविदित है कि उन्होंने गृहमंत्री रहते हुए, पुलिस का दुरुपयोग करके साहेब के लिए एक महिला की जासूसी करवाई। इस जासूसी की पूरी रिकॉर्डिंग यू-ट्यूब जैसे सोशल साइट पर भी उपलब्ध है। मीडिया रिपोर्ट्स और अदालतों में मौजूद दस्तावेजों के अनुसार साहेब और कोई नहीं, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी थे, जो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
बयान में कहा गया है कि इस समय सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष हैं और अगले अध्यक्ष राहुल गांधी होंगे। इस पर कांग्रेस को सौ बार गर्व है। जिस परिवार ने अपने दो-दो सदस्यों की शहादत दी हो, वह परिवार यदि कांग्रेस की बागडोर संभाले तो इससे अच्छा क्या हो सकता है। कांग्रेस नेहरू-गांधी परिवार के त्याग और बलिदान का सम्मान करता है और उनके सक्षम नेतृत्व में देश को एक लोकतांत्रिक सरकार फिर से देने के लिए प्रतिबद्ध है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा है, हम कम से कम भाजपा की तरह तो नहीं हैं ना जो पार्टी को खड़ा करने वाले लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे नेताओं को हाशिए पर पटक दें और कहें कि आप मार्गदर्शक बन गए। हम एक लाख रुपए की घूस लेने वाले, फर्जी एनकाउंटर के आरोपी रहे और महिला की जासूसी करने वाले अध्यक्षों के साथ पार्टी नहीं चला सकते।

“छत्तीसगढ़ का सच भी बताएं”
बयान के अनुसार अमित शाह जी छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के बारे में भी दर्जन भर झूठ बोल गए। वे अगर बता देते कि पिछले 13 साल में यदि राज्य में गरीबी 37 प्रतिशत से बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई तो ये कैसा विकास है, 36000 करोड़ का राशन घोटाला, उसमें सीएम मैडम का नाम, मुख्यमंत्री के पते पर विदेश में खाता खोलकर रखा हुआ कालाधन और प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले में उनके मंत्रियों के नाम एक-एक करोड़ कौन सा सुशासन है तो ठीक होता।
कांग्रेस ने कहा है कि अमित शाह को विश्वास है कि राज्य में चैथी बार सरकार बनेगी, यह दिवा-स्वप्न अगले साल टूट जाएगा। जनता को आंकड़ों और झूठ से बहलाया नहीं जा सकता।

 

पीसी की प्रेस विज्ञप्ति से