जैजैपुर विधानसभा में जिला निर्वाचन आयोग की लापरवाही, जोगी कांग्रेस के चुनाव चिन्ह से निर्दलीय प्रत्याशी ने लड़ा चुनाव….

 

जांजगीर चांपा। छत्तीसगढ़ राज्य विधानसभा चुनाव में जोगी कांग्रेस व बसपा के गठबंधन ने राज्य में जहां त्रिकोणीय मुकाबला के आसार पैदा किया जिससे चलते भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टी की चिंता बढाई है वैसे में जांजगीर-चाम्पा जिले की जैजैपुर विधानसभा में जोगी कांग्रेस के चुनाव चिन्ह हल जोतता किसान चिन्ह पर एक निर्दलीय प्रत्याशी के चुनाव लड़ने का मामला सामने आया है। हांलाकि राज्य में जोगी कांग्रेस व बसपा ने गठबंधन किया है जिसके चलते जांजगीर चाम्पा जिले की सभी छः विधानसभा क्षेत्र बसपा को ही मिली है, ऐसे में जोगी कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर एक निर्दलीय प्रत्याशी रेषम लाल खुंटे का चुनाव लड़ना कही प्रष्नों को जन्म देता है। कि आखिरकार निर्दलीय प्रत्याशी हल जोतता किसान के चुनाव चिन्ह पर चुनाव कैसे लड़ा ? क्या यह जोगी कांग्रेस के मुखिया अजीत जोगी का कोई मोहरा है या इसको चुनाव आयोग की गलती से हल जोतता किसान चुनाव चिन्ह आबांटन प्राप्त हुआ है, अगर जिले के रिटर्निंग आॅफीसर की लापरवाही के चलते रेषम लाल खुंटे को हल जोतता किसान चुनाव चिन्ह आबांटन किया गया है तो यह घोर लावरवाही होगी कि किसी पार्टी को आबांटन चुनाव चिन्ह किसी अन्य निर्दलीय प्रत्याशी को चुनाव में कैसे आबांटन हुआ। अब देखना है कि इसका चुनाव परिणामों पर कितना असर पढता है यह तो 11 दिसंबर को ही पता चलेगा कि जैजैपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी जो हल जोतता किसान चिन्ह पर चुनाव लड़ा है उसको कितना वोट मिला, और ये वोट किसको मिलना था, क्योंकि निर्दलीय प्रत्याशी जोगी कांग्रेस को आबांटन चुनाव चिन्ह पर हल जोतता किसान पर चुनाव लड़ा है। इस मामले में जोगी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष इब्राहिम मेमन का कहना है कि किसी पार्टी को आबांटित चुनाव चिन्ह किसी निर्दलीय प्रत्याषी को आबंाटित करना समझ से परे है पार्टी के मुखिया अजीत जोगी से इस पर चर्चा की जायेगी, हांलाकि कि प्रदेष में हमारा बसपा के साथ गठबंधन है और जैजैपुर विधानसभा क्षेत्र में बसपा के वर्तमान विधायक केषव चन्द्रा व भाजपा से कैलाष साहू के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही है ऐसे में हल जोतता किसान चिन्ह जो चुनाव आयोग द्वारा जोगी कांग्रेस को आबांटित किये चिन्ह पर एक निर्दलीय प्रत्याशी रेषम लाल खुंटे के चुनाव लड़ने पर मतदाताओं को भ्रम में जरूर डाला होगा। जिसका प्रभाव 11 दिंसबर को मतगणना में देखने को मिल सकता है।