CG News: यहां से गुजर रहे थे भगवान राम तभी लगी मां सीता को प्यास, रायगढ़ के इस झरने का नाम क्यों पड़ा ‘रामझरना’?

रायगढ़. भगवान श्रीराम से जुड़ी एक पौराणिक कथा हम सब ने सुनी है कि वनवास के दौरान प्यास से व्याकुल पत्नी सीता के लिए उन्होंने धरती भेदकर पानी की धारा बहाई थी। क्या आपको पता है कि ये पवित्र स्थल कहाँ है? यह स्थल छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में हैं। शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर खरसिया ब्लॉक के भूपदेवपुर में राम झरना एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। घने जंगल के भीतर एक प्राकृतिक जलकुंड है जो लगातार बह रहा है और लगभग डेढ़ किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है। मान्यता है कि यहाँ के कुंड का पानी पीने से आंतरिक और बाहरी शारीरिक रोगों से राहत मिलती है। आइए जानते हैं राम झरना के बारे में!

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रायगढ़ जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल राम झरना का स्थान बहुत खास है। यह झरना प्रकृति प्रेमी और धार्मिक व्यक्तियों को विशेषकर लुभाता है। यह स्थान भगवान श्री राम के वनवास काल से भी जुड़ा हुआ है। आसपास के लोग छुट्टी के दिन पिकनिक मनाने और घूमने के लिए राम झरना जाना बहुत पसंद करते हैं। आइये राम झरना और इससे जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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राम झरना

रायगढ़ शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर खरसिया ब्लॉक के ग्राम भूपदेवपुर में राम झरना स्थित है। करीब डेढ़ किलोमीटर के दायरे में बसे रामझरना का आकर्षण मुख्य द्वार से लंबा रास्ता होते हुए घने जंगल के अंदर प्राकृतिक रूप से बना जल कुंड है जिसमें लगातार पानी बह रहा है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान श्री राम ने अपने 14 वर्षों के वनवास में करीब दस साल का समय दंडकारण्य या छत्तीसगढ़ में बिताया था। ऐसा माना जाता है की राम झरना उन्ही में एक स्थान है जहाँ भगवान राम आये थे। इस जगह को देखने आसपास के लोग हर साल भारी संख्या में पहुंचते हैं। साथ ही मुख्य जल कुंड से निकलने वाला पानी आगे चलकर बड़े जलाशय में समाहित हो जाता है। जिससे प्रतिवर्ष सैकड़ों एकड़ खेतों की सिंचाई भी होती है।

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रामझरना की पौराणिक मान्यता

पौराणिक मान्यता है कि भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास काल में पत्नी सीता व भाई लक्ष्मण के साथ यहां आये थे। तब चलते-चलते माता सीता का कंठ प्यास से सूखने लगा। उन्होंने प्रभु श्री राम से आग्रह किया कि वे पानी का प्रबंध करें। दूर-दूर तक भटकने के बावजूद भी श्री राम को जब पानी नहीं मिला तब उन्होंने बाण से धरती में छेद कर दिया। धरती माता ने भी तत्काल अपनी पुत्री की प्यास बुझाने को अपनी गोद से जल की धारा बहा दी। उस पानी से माता सीता ने अपनी प्यास बुझाई और आशीर्वाद दिया कि इस झरने से हमेशा लोगों और जीव-जंतुओं की प्यास बुझती रहे। यह धारा आज भी लगातार बह रही है और इसे ही राम झरना के नाम से जाना जाता है। रामझरना हिंदुओं की आस्था व विश्वास का प्रतीक स्थान है और इसे जिले का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल माना जाता है।

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रामझरना राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 5 में स्थित है जो की रायगढ़ से खरसिया एवं बिलासपुर से होकर जाती है। रायगढ़ से बिलासपुर के मध्य बस सेवाएं बहुत अच्छी हैं जो कि भूपदेवपुर एवं रामझरना से होकर जाती हैं। रायगढ़ शहर से निजी वाहन अथवा नियमित परिवहन बसों द्वारा राम झरना तक सड़क मार्ग से आसानी से पंहुचा की जा सकता है। यहाँ आने के लिए आपको पक्की सड़क आसानी से मिल जाएगी। यह रायगढ़ शहर से लगभग 20 किलोमीटर व बिलासपुर शहर से लगभग 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।