रिसर्च का दावा, खबरों की दुनिया में भी होता है महिलाओं से भेदभाव

वॉशिंगटन

हाल ही में आए एक शोध में सामने आया है कि खबरों की दुनिया में भी महिलाओं से भेदभाव किया जाता है। यह शोध तमाम प्रमुख खबरों की वेबसाइट्स को कई महीनों तक पढ़कर किया गया है।

खबरों की वेबसाइट्स पर उपलब्‍ध तकरीबन 20 लाख से भी अधिक लेखों की जांच करके शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि ज्‍यादा से ज्‍यादा लेखों में महिलाओं को तस्‍वीरों में ही सीमित कर दिया जाता है। वहीं इन लेखों में पुरुषों की राय व उनके विचारों को ज्‍यादा तरजीह दी जाती है। यह शोध ब्रिस्टल और कार्डिफ विश्‍वविद्यालय द्वारा कराए गए हैं।

शोधकर्ताओं ने इस शोध के माध्‍यम से दावा किया है कि महिलाएं फैशन व मनोरंजन से जुड़े लेखों में ज्‍यादा प्रकाशित की जाती हैं। लेकिन जब भी कोई लेख राजनीति, खेल आदि से जुड़ा होता है तो वहां महिलाओं की संख्‍या काफी कम है।

इस संदर्भ में अब तक किए गए तमाम शोधों में यह सबसे बड़ा शोध है। इसमें लगभग 950 विभिन्‍न खबरों की वेबसाइट्स से लेखों को शामिल किया गया है।

एक शोधकर्ता ने कहा, ‘इस रिसर्च के जरिए से यह तो तय हो गया है कि खबरों की दुनिया में भी महिलाएं पुरुषों के मुकाबले काफी पीछे हैं। जब भी विचारों, राजनीतिक टिप्पणियों की बात होती है तो पुरुषों को ही ज्‍यादा तरजीह दी जाती है।’

कार्डिफ विश्‍वविद्यालय से जुड़ी डॉ सिंथिया कार्टर ने भी अपनी राय दी है। उन्‍होंने बताया कि उम्‍मीद है कि इस शोध के परिणामों के सामने आने के बाद भविष्‍य में महिलाओं की स्थिति में सुधार आएगा।