कोरबा-रेनुकूट-अम्बिकापुर रेलमार्ग का सर्वेक्षण पूरा, सरगुजा अंचल का सपना होगा साकार..

सरगुजा वासियों के लगातार मांग के बाद आखिरकार “कोरबा से रेनुकोट बरास्ता अम्बिकापुर नई रेल लाइन विस्तार” का सर्वेक्षण कार्य पूरा होगा है। जिसकी अंतिम रिपोर्ट केंद्रीय रेल बोर्ड को भेज दी गई है। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक बीते साल 2020 में 14 जनवरी को “कोरबा से रेनुकोट बरास्ता अम्बिकापुर नई रेललाइन 351 किलोमीटर” का सर्वेक्षण रिपोर्ट केंद्रीय रेलवे बोर्ड को भेज दिया गया जिसकी अनुमानित लागत 4973 करोड़ बताई गई है, इसके अलावा “भटगांव से प्रतापपुर, वाड्रफनगर, रेनुकोट नई रेललाइन लगभग 106 किलोमीटर” का सर्वेक्षण रिपोर्ट 17 अप्रैल 2020 को भेजा जा चुका है जिसकी अनुमानित लागत 1500 करोड़ रुपए है ।

क्षेत्र के लोगों का प्रशासनिक,राजनीतिक, व्यापारिक, शिक्षा व स्वास्थ्य संबधी ज्यादातर कार्य इन्ही दोनों दिशाओं के जिलों व नगरों से होता है। क्षेत्र की जनता सरगुजा संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर को कोरबा व रेनुकोट रेलमार्ग से जोड़ने की मांग बीते कई दशकों से कर रही है। जिससे क्षेत्र की जनता इस रेलमार्ग से राज्य व प्रदेश की राजधानी से सीधे जुड़ जाएगी
सरगुजा संभाग व आसपास के क्षेत्रों समेत छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती राज्यों (उत्तरप्रदेश, उड़ीसा, झारखंड, मध्यप्रदेश) के कुल 30 से ज्यादा जिलों की आबादी इस रेलमार्ग से लाभान्वित होगी। जहाँ से बड़ी संख्या में लोग बसों, टैक्सी, निजी वाहनों से आना जाना करते हैं। सरगुजा से सुस्थापित रेल प्रणाली का विस्तार हो जाने क्षेत्र की बड़ी आबादी का देश के दूरतम स्‍थानों तक सुविधाजनक अवागमन संभव हो जाएगा साथ ही उधोग, व्यापार, पर्यटन, तीर्थ और शिक्षा व स्वास्थ्य तक जरूरी पहुंच संभव हो जाएगी, क्षेत्र में उद्योग और कृषि को अधिक बढ़ावा मिलेगा।

स्थानीय नेतृत्व के पहल की दरकार
क्षेत्र की जनता बीते कई दशकों से लगातार रेल विस्तार की मांग कर रही है, अब स्थानीय नेताओं के प्रयासों पर सारी उम्मीदें टिकी हुई हैं जिनमें सरगुजा सांसद व केंद्र में जनजातीय कार्य राज्यमंत्री रेणुका सिंह, राज्यसभा संसद रामविचार नेताम, छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार में टीएस सिंहदेव, अमरजीत भगत, प्रेमसाय सिंह टेकाम कैबिनेट मंत्री हैं, कई स्थानीय नेता विभिन्न बोर्ड के अध्यक्ष, विधायक संसदीय सचिव, सभी दलों के राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर के दिग्गज पदाधिकारी हैं । ऐसे में स्थानीय नेताओं से क्षेत्र की जनता को बहुत ज्यादा उम्मीदें है । लोगों द्वारा कई बार सोशल मीडिया में हैशटैग #सरगुजामांगेरेल_विस्तार ट्रेंड कर जनप्रतिनिधियों व नेताओं का ध्यानाकर्षण कराया जाता रहा है ।

सरगुजा सांसद ने लिखा पत्र – बीते दिनों केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री रेणुका सिंह ने तत्कालीन रेलमंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर इसे स्वीकृत करने की मांग की थी, इससे पहले भी उन्होंने सरगुजा से रेल विस्तार को मंजूरी दिलाने की बाते कहीं थी। राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने भी बीते वर्ष में तारांकित प्रश्न के माध्यम से जानकारी मांगी थी।

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इस मार्ग का चयन बजट को लगभग आधा कर देगा –
इस रेलमार्ग के अंतर्गत “अम्बिकापुर से बिश्रामपुर होते हुए भटगांव” तक तथा दूसरी ओर “सूरजपुर रोड से परसा केते माइंस” तक क्रमशः 55 व 60 किलोमीटर तक कोल परिवहन के लिए रेल लाइन परिचालन मौजूद में है। इसके साथ ही कटघोरा से कोरबा लगभग 35 किलोमीटर नई रेललाइन बिछाने का काम चल रहा है । ऐसे में “भटगांव से म्योरपुर-रेनुकोट लगभग 106 किलोमीटर और परसा केते से कटघोरा-कोरबा लगभग 70 किलोमीटर जोड़ देने से यह संभाग दोनों दिशाओं के मुख्य रेलमार्ग से जुड़ जाएगा ।

इस रेल लाइन विस्तार से होगा फायदा-
देश व प्रदेश की राजधानी समेत उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा, महाराष्ट्र तक सीधे रेलमार्ग द्वारा पहुँच सम्भव होगी। इस क्षेत्र में सफ़र करने वाले यात्रियों की संख्या काफी ज्यादा है। यहां मध्यवर्ग के मजदुर, किसान, नौकरीपेशा, व्यवसायी, पर्यटक समेत कई दशकों से रह रहे लोगों को लाभ मिलेगा।

स्वास्थ्य व शिक्षा के प्रमुख संस्थानों तक सीधे जुड़ाव होगा तथा कुछ ही घंटो की दुरी पर एम्स, बीएचयू, अपोलो, पीज़ीआई की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी । दूसरी ओर तकनीकी व स्वास्थ्य शिक्षा, कानून व सिविल सेवा की तैयारी वाले उच्च शिक्षा के केंद्र दिल्ली, बनारस, इलाहबाद, पटना, रायपुर, बिलासपुर, भिलाई समेत उत्तर व दक्षिण भारत के प्रमुख शिक्षा केन्द्रों तक सीधे पहुंच होगी।