ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोतो में सौर ऊर्जा की महती भूमिका 

अम्बिकापुर
वर्तमान मानव जीवन में विद्युत की आवश्कताएं दिनो दिन बढ़ती जा रही है। जिसके कारण जल विद्युत एवं ताप विद्युत से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा की मांग में भी लगातार वृद्धि हो रही है। इन्ही बातों को दृष्टिगत रखकर वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों पर विषेष ध्यान दिया जा रहा है। ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत के रूप में सौर ऊर्जा की महती भूमिका है। शासन द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा अभिकरण के द्वारा वैकल्पिक ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
कलेक्टर श्रीमती ऋतु सैन ने वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के रूप में सौर ऊर्जा एवं बायो गैस को उपयोगी बताते हुए कार्यपालन अभियंता श्री बी.बी. तिवारी को पहाडि़यों पर स्थित बसाहटों, हाट-बाजारों, छात्रावास एवं आश्रमों में पेयजल की उपलब्धता के लिए सोलर पम्प लगाने के निर्देष दिये हैं। उन्होंने पालतु पषु रखने वाले किसान परिवारों को गोबर गैस की उपयोगिता के बारे में बताते हुए लगवाने हेतु समझाईष देने निर्देषित किया है। कलेक्टर ने छात्रावास एवं आश्रमों में भी सौर ऊर्जा एवं बायो गैस के संयंत्र लगाने कहा है। बतौली विकासखण्ड अन्तर्गत आने वाले करदना ग्राम में सोलर पम्प के माध्यम से संचालित नल-जल योजना के प्रयोग को अन्य ग्रामों में भी लागू करने के निर्देष दिये गये है।
कार्यपालन अभियंता श्री बी.बी. तिवारी ने आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में अक्षय ऊर्जा के तहत वर्तमान में संचालित संयंत्रों एवं योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने कहा कि ऊर्जा संरक्षण को दृष्टिगत रखते हुए वर्तमान में नवीनीकृत ऊर्जा का विषेष महत्व है। श्री तिवारी ने बताया कि क्रेडा के माध्यम से ग्रामीण विद्युतीकरण, सोलर हैण्डपम्प, आश्रम, छात्रावासों, प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा अन्य भवनों में सौर ऊर्जा विद्युतीकरण सिंचाई हेतु सोलर पम्प, घरेलू बायो गैस संयंत्र, जगमग रोषनी हेतु सोलर हाईमास्ट, सोलर लैम्प सहित अन्य उपकरण उपलब्ध कराये जा रहे है।
ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत विद्युत विहीन ग्रामों में सोलर पावर प्लान्ट के माध्यम से प्रत्येक हितग्राही के घर में दो एलईडी बल्ब लगाया जाता है तथा गलियों में भी स्ट्रीट लाईट लगाई जाती है। सोलर हैण्डपम्प के द्वारा 600 वाट का सोलर पैनल एवं आधा हार्सपावर का डी.सी. सोलर पम्प लगाकर 5 हजार लीटर की क्षमता का टैंक लगाते हुए पेयजल उपलब्ध कराया जाता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 2 किलोवाट तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 8 किलोवाट क्षमता का सोलर सिस्टम लगाकर विद्युत व्यवस्था सुनिष्चित की जाती है। सरगुजा जिले के 9 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 18 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सौर संयंत्र स्थापित कर विद्युत व्यवस्था सुनिष्चित की गई है।
सिंचाई पम्प
किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए भी 2,3 एवं 5 हार्सपावर का सोलर पम्प उपलब्ध है। इन सोलर पम्पो में शासन द्वारा अनुदान दिया जाता है। 2 हार्सपावर के सोलर सिंचाई पम्प में शासन द्वारा 1 लाख 65 हजार 600 रूपये का अनुदान देते हुए यह पम्प किसान को 80 हजार रूपये में, 3 हार्सपावर के सोलर सिंचाई पम्प में शासन द्वारा 2 लाख 47 हजार 200 रूपये का अनुदान देते हुए यह पम्प किसान को 90 हजार रूपये में तथा 5 हार्स पावर के सोलर सिंचाई पम्प में शासन द्वारा 3 लाख 62 हजार रूपये का अनुदान देते हुए यह पम्प किसानो के लिए 1 लाख रूपये में स्थापित किया जाता है।
क्रेडा द्वारा 4 से 6 मवेषी रखने वाले किसान परिवारों के घरों में 2 घन मीटर की क्षमता का संयंत्र लगाया जाता है। इसमें राज्य शासन द्वारा 10 से 12 हजार रूपये का अनुदान दिया जाता है। क्रेडा के द्वारा ही आर.ओ. तथा यू.व्ही. आधारित जल  शोधन संयंत्र की स्थापना भी की जाती है। इसके तह ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल प्राप्त होता है। इस संयंत्र में 1 हजार लीटर के टैन्क के साथ आधा हार्स पावर क्षमता का सबमर्सिबल पम्प लगाया जाता है। सोलर नल-जल योजना के तहत 900 वाट का सोलर पैनल लगाते हुए 1 हार्स पावर का सबमर्सिबल पम्प लगाया जाता है जिससे 5-5 हजार लीटर क्षमता का पानी टैंक लगाया जाता है। चैक-चैराहों पर क्रेडा द्वारा सोलर हाईमास्ट बल्ब लगाकर जगमग रोषनी की जाती है। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री आर.एस.नायक, वनमण्डलाधिकारी मोहम्मद शाहिद, अपर कलेक्टर श्री एस.एन.राम, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आर.एक्का सहित अन्य जिलाधिकारी तथा क्रेडा की सहायक अभियंता सना परवीन एवं राजेष सिंह उपस्थित थे।