देखिए Video: जान हथेली पर रखकर मौज-मस्ती: जल जीवन मिशन के निर्माणाधीन पानी टंकी पर चढ़ रहे बच्चे, कई महीनों से बंद है काम; जरा सी चूक पड़ सकती है महंगी

सूरजपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर घर जल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत देशभर के ग्रामीण इलाकों में रहने करोड़ों लोगों को नल के माध्यम से जल मिलेगा। छत्तीसगढ़ में भी जल जीवन मिशन योजना के तहत पाइपलाइन बिछाए जा रहे है, घरों में पानी के लिए प्लेटफॉर्म बनाए जा रहे है। वहीं गांव-गांव मे लाखों रुपए की लागत से पानी टंकी का निर्माण कराया जा रहा है। जिसके माध्यम से जल आपूर्ति की जाएगी, लेकिन सूरजपुर जिले में इस योजना के क्रियान्वयन में अधिकारी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है।

ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि रामनगर, रामपुर गांव में जल जीवन मिशन योजना के तहत जो पानी टंकी का निर्माण किया जाना था वह अब तक निर्माणाधीन है। लगभग दो महीने से ज्यादा का समय हो गया है पानी टंकियों के निर्माण का काम बंद है, और अब निर्माणाधीन पानी टंकी में छोटे-छोटे बच्चे चढ़कर मौज मस्ती कर रहे है। ऐसे में किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता है। वहीं पीएचई विभाग के अधिकारी से पानी टंकी का निर्माण कार्य बंद होने का कारण जानने के लिए जब मोबाईल से संपर्क करने का प्रयास किया जाता है, तो उनके द्वारा कॉल रिसीव नहीं किया जाता। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इस योजना का लाभ कब तक मिल सकेगा, ये कहना मुश्किल है।

बता दें कि, जिला मुख्यालय सूरजपुर के नजदीक रामनगर, रामपुर गांव में जल जीवन मिशन योजना के तहत पाइपलाइन बिछाए गए है, घरों में नल प्लेटफॉर्म भी बना दिया गया है। अब पानी टंकी का निर्माण कार्य बचा है, जो काफी दिनों से बंद है। रामपुर गांव में पिछले दो महीने से जल जीवन मिशन की पानी टंकी का निर्माण कार्य बंद है। टंकी निर्माण में लगे मजदूर अपने प्रदेश लौट गए है। ऐसे में अब आधे-अधूरे पानी टंकी का निर्माण कार्य कब शुरू होगा, इसका कोई पता नहीं है। रामपुर में पानी टंकी का लगभग 60 प्रतिशत काम बचा हुआ है। सीढ़ियों में रेलिंग नहीं लगाया गया है, पेंट पुताई और अन्य काम बचे हुए है। ढलाई के दौरान लगाए गए बांस-बल्लियां जस की तस पड़ी हुई है। इस निर्माणाधीन पानी टंकी में छोटे-छोटे बच्चे चढ़कर खेलते नजर आते है।

बुधवार की सुबह भी ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला। लगभग 10 से 12 साल की उम्र 5-6 बच्चे पानी टंकी के ऊपर बैठकर मौज मस्ती कर रहे थे। जबकि सीढ़ियों में सुरक्षा के लिए किसी भी तरह का काम नहीं हुआ है। इतना ही नहीं ढलाई के लिए जो सेट्रिंग प्लेट और बांस लगाए गए हैं, वो अब तक नहीं खोला गया है। ऐसे में अगर कोई ऊपर चढ़कर किसी लकड़ी के सहारे खड़ा है या कोई भी लकड़ी खिसक गई तो टंकी में लगी पूरी लकड़ियों का सिस्टम बिगड़ सकता है। जिससे किसी हादसे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस ओर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को ध्यान देने की आवश्यकता है।

इस संबंध में सूचना देने के लिए पीएचई विभाग के ईई एसबी सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।

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