बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से मुसीबत में किसान, हरी सब्जियों के पौधे हुए बर्बाद; कर्ज कैसे पटाएंगे, सता रही टेंशन

Surajpur News: छत्तीसगढ़ के उत्तरी इलाके सरगुजा संभाग में सब्जियों की बंपर पैदावार होती है। ग्रामीण परिवेश के ज्यादातर लोगों का मुख्य पेशा कृषि ही है। ऐसे में सालभर किसान अलग-अलग सब्जियों का उत्पादन करते है और अपनी जीविका चलाते है, लेकिन इन दिनों मौसम मार ने किसानों को परेशान कर दिया है। सरगुजा संभाग के जिलों में रविवार से रुक-रुककर बारिश हो रही है और यही सिलसिला लगातार चल रहा है। बारिश के साथ ही ओले गिर रहे है। उत्तरी छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में ओले ही नहीं गिरे, इससे किसानों के कुचल गए, तो कई किसान कर्जदार हो गए। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कई किसानों ने इस मौसम में इसलिए खेती की थी कि इससे मिलने वाले पैसों को वह शादी में खर्च करेंगे, तो कई किसान बैंक से लोन लेकर खेती किए थे, ट्रैक्टर खरीदे हैं, उनका किस्त भरेंगे। लेकिन किसानों के हाथ मायूसी लगी और अधिकतर किसानों को इस बात की चिंता सता रही है कि आखिर वे कर्ज को कैसे चुकता करेंगे।

सरगुजा संभाग के सूरजपुर जिला मुख्यालय के नजदीक के गांव में रविवार और सोमवार की रात जमकर बारिश के साथ ओले गिरे। इस बारिश ने किसानों के ना सिर्फ़ खीरा, बल्कि करेला, तरबूज और मिर्च के पौधों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है। खीरा के पौधों की पत्तियां और फूल ओले की चपेट में आकर बुरी तरह टूट चुकी है, जो अब फल देने की स्थिति में नहीं है। इसके साथ ही मिर्च और तरबूज के ज्यादातर पौधे भी ओलावृष्टि की वजह से गल गए और मुरझा गए है। इस आफत की बारिश और ओलावृष्टि ने ना सिर्फ सब्जी के पौधों को नुकसान पहुंचाया, बल्कि किसान का मुनाफा भी चौपट कर दिया। रामनगर के युवा किसान शिवनारायण सिंह ने का कहना है कि वह अपने घर की बाड़ी में करीब डेढ़ एकड़ में खीरा, मिर्च, टमाटर, प्याज, करेला और तरबूज की खेती की है। इससे मिलने वाले पैसे को वह खुद की शादी के लिए सेव रखना चाहते थे इसके साथ ही ट्रैक्टर का किस्त भरते, लेकिन सभी सब्जियों को नुकसान हुआ है, इससे उनके सामने मुसीबत खड़ी हो गई है।

इसे भी पढ़िए- देखिए Video जान हथेली पर रखकर मौज-मस्ती: जल जीवन मिशन के निर्माणाधीन पानी टंकी पर चढ़ रहे बच्चे, कई महीनों से बंद है काम; जरा सी चूक पड़ सकती है महंगी

रामनगर इलाके में कई किसान बैंक से लोन लेकर खेती किसानी का काम करते है। ऐसे में बारिश और ओलावृष्टि ने जिस तरीके से सब्जियों की खड़े पौधों को नुकसान पहुंचाया है। इससे किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। अब कर्ज पटाने के लिए रुपयों की टेंशन उन्हे सता रही है। क्षेत्र के एक और किसान शिवप्रसाद सिंह का कहना है कि उन्होंने एक एकड़ में खीरा, करेला और लौकी की खेती की थी। जो शुरुआती चरण में था फूल निकल रहे थे, लेकिन रविवार को हुई बारिश और ओलावृष्टि से खीरा के लगभग 80 फीसदी पौधे बर्बाद हो गए, जो पौधे अब ग्रोथ नहीं कर सकेगा। किसान शिवप्रसाद का कहना है कि खीरा ही नहीं बल्कि लौकी और करेले के पौधों को भी नुकसान हुआ है, पत्ते, फूल और तने बुरी तरह टूट गए है। जिसके रिकवर होने की गुंजाइश कर दिख रही है। उनका कहना है कि उन्होंने लाखों रुपए लोन लेकर खेती करना शुरू किया था और मौसम की मार ने फसलों को तहस-नहस कर दिया। ऐसे में लोन कैसे चुकाया जाएगा, ये परेशानी खड़ी हो गई है।

इसे भी पढ़िएकॉलेज में ABVP कार्यकर्ताओं पर मुस्लिम छात्र को पीटने का आरोप, Video Viral, प्राचार्य ने छात्रों को पहचाने से किया इंकार

ठंड, गर्मी और बरसात में मेहनत कर खेती-किसानी कर जीवन यापन करने वाले इन किसानों के साथ प्रकृति ने अन्याय कर दिया है। क्षेत्र के नए-नए युवाओं ने लोन लेकर किसानी में हाथ आजमाना शुरू किया था, ऐसे में शरुआत में ही उन्हें नुकसान का मुंह देखना पड़ा है। जिससे वे निराश, हताश और परेशान हैं। किसान अब इस प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई में मदद के लिए सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं।

इन्हें भी पढ़िए – CG-दसवीं, बारहवीं बोर्ड परीक्षा की Time Table बदली, अब इस दिन से होगी एग्जाम्स, इस वजह से हुआ बदलाव

Petrol-Diesel Prices Today: छत्तीसगढ़ के इन जिलों में पेट्रोल की दामों में बदलाव…जानिए आज का पेट्रोल-डीजल की ताज़ा भाव

Wether Update: आज भी छत्तीसगढ़ में तेज हवाएं की चेतावनी, रायपुर समेत कई जिलों में भारी बारिश का आसार, जानिए कब तक होगा बारिश

UPSC की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को झटका: सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा स्थगित, सामने आई ये वजह

Liquor Shop closed: छत्तीसगढ़ के सभी शराब दुकान रहेंगे बंद, प्रशासन ने जारी किया आदेश, इस वजह से लिया ऐसा निर्णय