SECL में नौकरी लगाने के नाम पर लाखों की ठगी… ज़मीन के पेपर दिखाकर.. लोगों को ऐसे बनाता था शिकार

सूरजपुर. 8 सितंबर को ग्राम करतमा निवासी विनोद दास ने थाना जयनगर में रिपोर्ट दर्ज कराया कि 20 मई 2018 को राजापुर लकड़ापारा निवासी शिवरतन प्रजापति ने एसईसीएल में नौकरी दिलाने के नाम पर 35 हजार रूपये एवं सुरेन्द्र सोनवानी से करीब 70 हजार रूपये लेकर धोखाधड़ी किया है. रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 202/20 धारा 420 भादसं. का अपराध पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया।

धोखाधड़ी के मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक सूरजपुर राजेश कुकरेजा ने जयनगर पुलिस को मामले की सूक्ष्मता से जांच करने तथा इस मामले में फरार आरोपी की पतासाजी कर जल्द पकड़ने के निर्देश दिए।

मामले की जांच के दौरान फरार शिवरतन प्रजापति जो जगद बदल-बदल कर लुकछिप कर रहता था. जिसके बारे में मुखबीर से प्राप्त सूचना के आधार पर उसे उदयपुर में घेराबंदी कर हिरासत में लिया गया। पूछताछ पर आरोपी ने बताया कि विनोद दास के साथ वर्ष 2013 से 2015 तक कमलपुर अदानी कोल साईडिंग में गार्ड की नौकरी के दौरान जान-पहचान हुई थी, गार्ड की नौकरी छोड़ने के बाद एसईसीएल के एक कंपनी में गार्ड का काम करने के दौरान 2018 में विनोद दास मिला. जिसे एसईसीएल में नौकरी लगाने हेतु 4 लाख रूपये लगेगा कहा इसके बाद विनोद से 30 रूपये, विनोद के दोस्त सुरेन्द्र से 60 हजार रूपये, सतीश रजक से 30 हजार रूपये तथा सतेन्द्र राजवाड़े से 30 हजार रूपये लिया जाना स्वीकार किया।

आरोपी इनता शातीर था कि उसने सांवरटिकरा के एक व्यक्ति जिसकी जमीन एसईसीएल में फंसा था. उसी जमीन के कागजात को दिखाकर नौकरी लगाने के नाम पर पैसा लेता और अपने हिस्से का रकम रखकर अपने एक सहयोगी मित्र के खाते में जमा करता। यहीं नहीं आरोपी अपने दामाद के नौकरी के लिए भी पैसा लेकर अपने सहयोगी के साथ बंटवारा किया। धोखाधड़ी से हासिल किए रकम को अपने जिस सहयोगी के खाते में जमा किया था उसकी माह अगस्त 2020 में मृत्यु होना एवं अपने हिस्से में प्राप्त किए रकम को खर्च कर देना बताया।

मामले में आरोपी शिवरतन प्रजापति पिता स्व. ललका राम उम्र 50 वर्ष निवासी राजापुर, लकरापारा, थाना जयनगर हाल मुकाम पउआपारा विश्रामपुर के विरूद्व अपराध सबूत पाए जाने पर उसे विधिवत् गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

इस कार्यवाही में थाना प्रभारी जयनगर दीपक पासवान, एएसआई विराट विशी, आरक्षक अनिल, सुरेश तिवारी व शिव राजवाड़े सक्रिय रहे।