19 हाथियो की चहलदकमी से फसल चौपट : इंसानी जान भी सुरक्षित नही

Sumatran elephant, (Elephas maximus sumatrensis) a member of Flying Squad in Tesso Nilo National Park, Riau, Indonesia

भटगांव

प्रतापपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम बंशीपुर के पंडोपारा मेें स्थित घोघड़ा के भीतरी इलाके के रास्ते 19 हाथियों के दल ने गांव के अंदर बीती रात घुस जमकर उत्पात मचाया ।गांव के मंगल यादव के घर हाथियों के दल ने हमला कर घर को खंड़हर में तब्दील कर दिया । गांव के सात किसानो के 30 हेक्टेयर से भी अधिक के रकबे में लगी धान , आलू मटर सहित अन्य फसलों को रौंद बर्बाद कर दिया ।

लगातार गांव में हाथियों के घुस जाने के कारण ग्रामीणजन अपने बच्चों को ले इस कड़ाके की ठण्ड़ में खुले आसमान के नीचे रतजगा करने मजबूर है। मिली जानकारी के अनुसार प्रतापपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम बंशीपुर के पंडोपारा स्थित घोघड़ा जंगल के रास्ते 19 हाथियों  के दल ने शुक्रवार की देर शाम पांच बजे घुस जमकर उत्पात मचाने लगे ।इसी बीच गांव के अन्य लोग सहित वन विभाग को भी हाथियों के दल को गांव में घुसने की खबर मिली है। खबर मिलते ही वन विभाग के शैलेष गुप्ता व हाथी दल प्रभारी भी मौके पर पहुंच हाथियों को जंगल की ओर भगाने का प्रयास करने लगे । लेकिन हाथियों के दल ने उन्हे चकमा दे  गांव के भीतरी इलाके में हमला कर कुछ देर में घर को खंण्डहर में तब्दील कर दिया । घर में रखे घरेलू समान को भी अपने चपेट में तहस नहस कर बर्बाद कर दिय एवं दैनिक उपयोग में ली जाने वाली अनाज को भी पूरी तरह चट कर गए ।

हाथियों के दल ने गांव के खुठनपारा निवासी मुन्ना पिता रामप्रसाद बरगाह के पांच एकड़ मे लगाए गए जीराफूल धान , बलदेव पिता दादु  गोड़ की दो एकड़ मेे लगे धान , महेन्द्र पिता मोहन गोंड़ के एक एकड़ में लगे धान , मोटे पिता रामभरोस  गोड़ के 60 डिसमिल में आलू की फसल, रामप्रसाद पिता दादु गोड़ के छह एकड़ में धान शंकर के सात एकड़ मे लगे धान की फसल व पूरन गोंड़ की दो एकड़ में लगे जीराफूल धान की फसल को रौंद पूरी तरह से चट कर बर्बाद कर दिय । हाथियों की मूवमेंट गांव की तरफ आता देख वनपाल बंशीपुर के निर्देश पर गांव के सैकड़ों ग्रामीण देर रात ही अपना – अपना घर खाली कर अम्बिकापुर – बनारस मुख्य मार्ग की ओर भाग खडे हुए एवं रात भर वन विभाग की चली सर्चिंग कें दौरान हाथियों के दल को जंगल की ओर नहीं भगाया जा सका ।जिसके कारण सैकडों ग्रामीण शीतलहर के बीच खुले आसमान के नीचे रतजगा करने मजबूर रहे । दूसरे दिन शनिवार की सुबह क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों में बच्चों की संख्या  नाममात्र रही । जिसके कारण स्कूल के शिक्षक – शिक्षिकाएं स्कूल परिसर में गप्पे लडाते नजर आए ।

गांव के सरपं राजाराम ने कहा कि पिछले कुछ सालो से इन क्षेत्र में लगातार हाथियों का कहर बढ़ा है।  साल भर के दरमियान छह नरबलि होने के बाद भी शासन प्रशासन से कोई मदद नहीं मिलता दिख रहा है।  वन विभाग की टीम रातभर हाथियों का लाकेशन व दूसरे दिन क्षतिपूर्ति  का आंकलन कर क्षतिपूर्ति  की नाममात्र राशि ग्रामीणों को पकड़ा चलता कर देती है । लेकिन आखिर कब तक हम अपने घर छोड़ खुले आसमान के नीचे रात बितायेंगे । अगर इस ओर कोई पहल नहीं करता है तो हम जल्द ही एक बडे़ आंदोलन  करने मजबूर होंगे । जिसमें सारी जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी । इस अवसर पर जेपी गुप्ता , देवेन्द्र शास्त्री , हंसलाल , तेजनारायण , पंकज पैकरा , राकेश बरगाह , सोमार साय , रामखिलावन , धनसाय  पूरन राम , सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित थे ।