छात्राओ नें विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में किया हंगामा

  • विश्वविद्यालय कुलसचिव से धक्का मुक्की , अंदर जाने से रोका
  • मांगों को लेकर गल्र्स काॅलेज की छात्राओं ने अभाविप के साथ की जमकर नारेबाजी

अम्बिकापुर

फाइनल परीक्षा व सेमेस्टर में मात्र एक दिन अवकास मिलने व सेमेस्टर का शुल्क 1120 रूपये लेने सहित अन्य मांगों को लेकर आज गल्र्स काॅलेज की छात्राओं ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में सरगुजा विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन परिसर में जमकर नारेबाजी की। छात्र इतने आक्रोशित हो कि उन लोगों ने बाहर निकले कुल सचिव को दोबारा अंदर जाने नहीं दिया। कुल सचिव पीछे के रास्ते से जाने लगे तो छात्रों ने उनका हाथ पकड़ कर न सिर्फ उन्हे रोका बल्कि इस दौरान उन से धक्का मुक्की तक की। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद किसी तरह कुल सचिव प्रशासनिक भवन के  अंदर जा सके।

कुल सचिव का कहना था कि अपनी मांग चार पांच सदस्य अंदर लेकर आये परंतु छात्र उन्हे बाहर छात्राओं के सामने अपनी बात रखने पर अडिग थे। हद तो तब हो गई जब यूडीटी प्रभारी एमएम रंगा जो कुलपति के प्रभार में भी थे, उन्होने छात्रों की इस बदसलूकी व तेज आवाज में अपनी बात रखने पर जब कहा कि आप लोगों की ज्ञान शील एकता क्या यही है, जवाब में अभाविप के एक पदाधिकारी ने कुलसचिव की ओर इशारा करते हुये कह डाला कि इनकी कितनी ज्ञानशीलता है कि सिगरेट पीने भी चपरासी के साथ जाते है। काफी देर तक छात्र अपनी मांगों को लेकर बहस करते रहे। नारेबाजी के दौरान गल्र्स काॅलेज की छात्राओं ने कहा कि अगर परीक्षा में तीन दिन का अवकाश नहीं मिलता है तो वे लोगों परीक्षा का बहिष्कार कर देेंगे। ABVP 1

आज गल्र्स काॅलेज की काफी संख्या में छात्राएं अखिल भारतीय परिषद के पदाधिकारियों के साथ सरगुजा विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन अपनी मांगों को लेकर पहुंची थी। गल्र्स काॅलेज की अध्यक्ष आकृति कश्यप ने बताया कि सेमेस्टर में हर छः माह में 1120 रूपये परीक्षा शुल्क लिये जाते है। जो काफी ज्यादा है। ऐसे में शासकीय काॅलेज का क्या मतलब। सेमेस्टर में एक दिन का समय मिलने से हमारी परीक्षा की तैयारी कैसी हो सकेगी। अभी तक पे्रटिक्ल भी शुरू नहीं हो सका है। और न ही कोर्स पूरा हुआ है। इसके अलावा छात्राओं की मुख्य मांग थी कि एक बैंक में चालान जमा करने की प्रक्रिया को आॅफ लाईन किया जाये। क्योंकि छात्राओं को लाईन में छात्रों के साथ खड़ा रहना पड़ता है। व्यवस्था ऐसी बनाये जाये की कम से कम छात्राओं को काॅलेज में ही चालान की फीस जमा करनी पड़े। छात्राओं ने यह भी कहा कि परीक्षा के बाद सात दिन की छुट्टी मिलनी है। उस छुट्टी रद्द कर परीक्षा के समय अवकास ज्यादा बड़ा दिया जाये। यहीं नही बीए, बीएससी सहित अन्य विषयों के पुनः मुलयाकन का रिर्जट अभी तक नहीं आने से कई छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार मय होने पर भी छात्रों ने सवाल उठाया।

काफी गहमा-गहमी के बाद सरगुजा विश्वविद्यालय का अध्यक्ष मार्केण्य तिवारी सहित गल्र्स काॅलेज के अध्यक्ष आकृति कश्यप, उपाध्यक्ष लता जायसवाल, सचिव प्रियंका गुप्ता, सह सचिव साजदा खातून कुल सचिव के कक्ष में लगभग एक घंटे तक चर्चा किये। कुल सचिव ने उनकी मांगों पर चर्चा के उपरांत जवाब देने की बात कहीं। पूरे मामले में कुलसचिव ने कहा कि परीक्षा शुल्क अन्य महाविद्यालय से कम है फिर भी उसे और कितना कम किया जा सकता है उस पर विचार किया जायेगा। उनके साथ हुये दुव्र्यवहार के सवाल पर उन्होने कहा कि छात्र हमारे अपने है। उनसे चर्चा कर हम समस्या का निराकरण करेंगे। उन्हे अनुशासन में लाने का प्रयास किया जायेगा। ताकि भविष्य में ऐसी बातो की पुर्नावृत्ति न हो सके।