‘मेरी पत्नी गंदी राजनीति छोड़े’…पति ने अपनी पत्नी विधायक अंबिका सिंहदेव से की आखिरी अपील

Korea: संसदीय सचिव औऱ विधायक अम्बिका सिंहदेव के पति ने फिर फेसबुक पोस्ट किया हैं औऱ लिखा कि आखिरी पोस्ट हैं ये। फेसबुक पोस्ट के जरिये पति अमिताभ घोष ने बताया कि उनकी पत्नी अंबिका सिंहदेव को राजनीति क्यो छोड़ना चाहिए। अपने आखिरी पोस्ट में उन्होंने स्पष्ट लिख दिया है कि “मेरी पत्नी गंदी राजनीति छोड़े” पोस्ट में लिखा या वो राजनीति चुने या मुझे। अमिताभ घोष द्वारा किये पोस्ट को आप भी पढ़िए।

#मुझे_भी_कुछ_कहना_है – 5th / last & final post

लिखा था Monday 6th February आखिरी पोस्ट करूंगा
क्षमा करना थक गया हूं Sahab
एकदिन पहले ही अंत कर रहा हूं यह पोस्ट का सिलसिला

आप जब ऐसा कुछ देखे नही तो मैं कहाँ किया हूं ❗️

कास Sushant Singh Rajput और अन्य अनेक लोग चुप chap चले जाने से पहले थोड़ा हिम्मत करके मेरे ही तरह कुछ किए होते

जिंदगी से भाग के जाओगे कहाँ …..

अब मतलब पर –

मैं क्यूँ चाहता हूं Ambica ji राजनीति छोड़ दे ❓️

छोटी सी उत्तर है – ” राजनीति नही गंदी राजनीति “
इस विषय में बिस्तार से मैं कुछ और नही लिखूँगा क्यूँकी चोरी-छुपे तो कुछ नही होता नहीं है
जो भी होता है खुले आम होता है।

आपको दिखाई नहीं देता ❓️

देता है – पर आप कहोगे ‘ राजनीति तो आइसा ही होता है ‘
सही बात है,
इसीलिए तो मैं कभी नहीं चाहा के मेरी पत्नी राजनीति में आए या रहें
आप आपने पत्नी को छोड़ दोगे इस राजनीति के मैदान में?
नही न – तो हमसे यह उम्मीद क्यूँ रखते हों सहाब?

आप में से बहुत लोग मुझे पहले से जानते है कुछ पीछे दो साल से
एक जन भी तो आगे हो कर हमसे बोले नही के ‘ आप उन्हें समझाये इस सियासी मैदान से बहार आ जाये ‘
उल्टा आप अपने स्वार्थ और मतलब से Ambica ji का साथ दिये
क्यूँ Ambica ji विधwa है – मैं मर गया हूं – divorcee है- मैं छोड़ के भाग आया हूं ??????

Ambica ji के साथ मेरा नाम हर जगह पर जुड़ा है यहां तक के उनके सरकारी bunglow के हर एक bills पर –
आपका नही

मैं Ishwar पर भरोसा रखता हूं
🙏 माँ Ramdaiya से प्रार्थना रहा के जो जो इस अपराध से जुड़े है सबका संसार आइसा ही उजरe
पूरा नामों का लिस्ट मैं माँ के चरणों में रख के आया हूँ
वो इंसाफ करें
जब आप पर बितेगा तब आपको समझ में आएगा हम पर क्या गुजरा

Ambica ji के राजनीति का पहले दो साल मैं सब समझ रहा था इंग्लैंड से
2021 से अब तक देखा – सुना – समझा – सबूत इकठ्ठा kiya एक एक कर के इंडिया में

Ghabraiyein मात – मैं न ही किसी का नाम लेने वाला हूं, न ही कोई सबूत jansamksh में लाने वाला हूं आगार मजबूर न किए गए तो

मुझे Saab किसी से कुछ लेना देना नहीं
बस मेरा Biwi मुझे वापस मिल जाये

जो हुआ बहुत हुआ

मैं उनको पीछle 4 साल से तो समझा ही रहा था
वो नहीं सुने
फिर मैं उन्हें कहा के मैं क्या करूंगा
वो सोचे के – यह सिर्फ बोल रहे है कुछ करेगा नहीं

नहीं Huzoor –

कौन सीखा है सिर्फ बातों से
सबको एक हादसा जरूरी है

कर दिया न मैं – ” हादसा ”

अब फैसला Ambica ji को लेना है –

” या तो वो राजनीति चुने या मुझे “
🟰🟰🟰🟰🟰🟰🟰🟰🟰

Option दे दिया
Decision वो ले
Shakshi – ” आप “

वो जो भी फैसला लेंगे मुझे स्वीकार है
एक शब्द भी और नहीं लिखूँगा इस विषय में

चलते चलते सिर्फ आखिरी दो लाइन –

मोहब्बत है इसीलिए जाने दे रहा हूं
Zid होती तो कहीं का नहीं रहती