जदूई पेड से होता है बीमरियो को ईलाज

कोरिया से सोमेश पटेल की रिपोर्ट

 

  • संजीवनी की तरह काम करता है ” दहीमन “
  • संसद भवन दिल्ली तक भेजा गया है  ” दहीमन “
  •  ” दहीमन ” मे के पत्ते पर लिखा शब्द उभरता है..

 

राजा दधीचि के बारे में आपने सुना ही होगा वे दूसरों की जान बचाने के लिये जिया करते थे और अपना जीवन दूसरों के लिये समर्पित कर दिया, ठीक इसी तर्ज पर एक वृक्ष अपना सारा जीवन मानव की रक्षा के लिये अर्पण कर देता है, सुनने में आपको विचित्र लगेगा लेकिन वास्तविकता यही है इस वृक्ष की एक-एक शाख एक-एक पत्ती मनुष्य के जीवन को बचाने के लिये संजीवनी बूटी की काम करती है।रामायण में लक्ष्मण जी के घायल होने पर संजीवनी बूटी लाकर हनुमान जी ने उनकी जान बचाई थी, ठीक ऐसी ही संजीवनी बूटी अगर हमे इस युग में मिल जाये तो उसके क्या कहने हेै जी हां आपको यह बाते भले ही काल्पनिक लगती होगी लेकीन वास्तविकता यही है कोरिया जिले में पाये जाने वाला यह दुर्लभ प्रजाति का वृक्ष जिसे दहीमन कहा जाता हैं। और हम इसी दहीमन के वृक्ष की बात हम कर रहे है, अब आप सोच रहे होगे यह मामूली वृक्ष कैसे किसी की जान बचा सकता है, तो सुनिये इस दहीमन वृक्ष की सच्चाई और इसका दहीमन नाम कैसे ये भी जानिए।DAHIMAN TREE 1

 

इस पेड़ के फायदे के बारे में सुनकर आप शायद सोच रहे होगे कि यह सब बातें काल्पनिक होगी लेकिन यही वास्तविकता है, रामलाल झाा जो कि बिहार से आये हुये है और इस पेड़ की खूबी जानकर यह भी हतप्रभ है।आपके घर में कोई ब्लडप्रेसर का पीड़ित है या कोई पीलिया से पीड़ित हो यहा कोई किसी शराब खोरी लिप्त हो या कोई कैंसर से पीड़ित हो या किसी दुर्घटना में रक्त स्त्राव हो रहा हो या कोई भी मानसिक पीड़ा हो तो यह पेड़ संजीवनी का काम करता है। साथ ही इसके पत्तों पर आप कुछ भी लिखेगे तो उसका अक्षर उभर कर आ जायेगा। इसके पीछे यह भी कहा जाता है कि आदि काल में गुप्तचरों द्वारा इस पत्ते पर संदेष अदान-प्रदान किये जाते थे, जिसे आप प्रत्यक्ष रूप में देख सकते है, वन विभाग के अधिकारी भी इस बात को पूरी तरह जानते है और इसके संरक्षण का उपाय भी विभाग द्वारा किये जा रहे है और खास बात यह है कि पूर्व वित्त मंत्री रामचन्द्र सिंह देव द्वारा इस वृक्ष के पौधो को संसद भवन दिल्ली तक भेजा गया है, कोरिया जिले में इस दुर्लभ प्रजाति के पौधो को अभी कई लोग पूरी तरह वाकिफ नही है इसलिये यह वृक्ष अभी बचे हुये है व्यापक प्रचार-प्रसार भी विभाग द्वारा इसलिए नही किया जाता कि लोगों के द्वारा इस वृक्ष को कोई नुकसान नही पहुचाया जा सके।