बोर्ड परीक्षा के वास्तविक नियम और कायदो का खुलासा सूचना के अधिकार से…

raj kumar mishra
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चिरमिरी  से रवि कुमार सावरे की रिपोर्ट
चिरमिरी निवासी आरटीआई कार्यकत्र्ता राजकुमार मिश्रा ने छत्तीसगढ़ माध्यामिक शिक्षा मण्डल रायपुर से सूचना का अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी कि प्रदेश में हाई स्कुल, हायर सेकेन्डरी स्कूलों में नियमित व प्राईवेट छात्रों के लिए परीक्षा भवन में किन-किन प्रकार की वस्तुएं प्रयोग की जा सकती है। इस संबंध में आरटीआई कार्यकत्र्ता को शिक्षा मण्डल द्वारा जानकारी प्रदान किया गया है। आरटीआई कार्यकत्र्ता श्री मिश्रा का कहना है कि इस तरह की जानकारी परीक्षा में बैठे विद्यार्थीयों और शिक्षकों को अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
माध्यामिक शिक्षा मण्डल छ0ग0 द्वारा सूचना का अधिकार पर आरटीआई कार्यकत्र्ता राजकुमार मिश्रा को प्रदान की गयी जानकारी के अनुसार हायर सेकेण्डरी स्कुलों में बुक कीपिंग के प्रश्न पत्र के समय परीक्षार्थी को लाल स्याही यदि वे मांगें तो दी जायेगीं। गणित तथा भूगोल विषय के प्रष्न पत्र के लिए ग्राफ पेपर्स व नक्षे मण्डल द्वारा दिये जाते है। ड्राइंग व पेस्टल पेपर मण्डल कार्यालय से परीक्षा केन्द्रों पर उपयोग हेतू नही दिये जाते। परीक्षा भवन में इस प्रकार के पेपर की व्यवस्था केन्द्राध्यक्ष की जिम्मेदारी होती है। इस परीक्षा में परीक्षार्थी ड्राइंग बाक्स का प्रयोग कर सकते है। भूगोल, भौतिक षास्त्र व रसायन षास्त्र के विषय में छात्र स्टेंसिल का प्रयोग कर सकते हैं। भौतिक षास्त्र के प्रष्न पत्र के लिए छात्र लाँग बुक का प्रयोग कर सकते हैं। साधारण कलकुलेटर, साइंटिफिक कलकुलेटर, पेजर, सेल्युलर फोन, किसी भी प्रकार का कम्प्युटर व कलकुलेटर परीक्षा भवन में सर्वथा वर्जित है। परीक्षा केन्द्र मे परीक्षार्थी क्या-क्या सामान ला सकता है यह बताने की जिम्मेदारी केन्द्राध्यक्ष की होती है।

प्रायोगिक परीक्षा जैसे विषयों की सूचना केन्द्राध्यक्ष द्वारा कई बार दी जानी चाहिए व इसकी सूचना काफी दिन पहले नोटिस बोर्ड पर चिपकाना चाहिए। स्वाध्यायी परीक्षार्थियों की प्रायोगिक परीक्षा संपन्न करने हेतु वाह्य परीक्षक मंडल द्वारा नियुक्ति नहीं किये गये है और केन्द्राध्यक्ष को बाह्य परीक्षक नियुक्ति करने हेतु अधिकृत किया गया है। इस विषय पर परीक्षक नियुक्ति हेतु यह आवष्यक है कि हाई स्कुल परीक्षा हेतु षिक्षक संबंधित विषय में कम से कम स्नात्कोत्तर हो, तथा उन्हें संबंधित कक्षायें पढ़ाने का कम से कम 5 वर्ष का अनुभव हो। इससे कम अनुभव वाले षिक्षक का इस तरह का ड्युटी नही लगायी जा सकती।