आयुष्मान भारत प्रोत्साहन राशि वितरण मे भारी गोलमाल: BMO & BPM की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल, CMHO को ज्ञापन सौंपकर जांच की मांग

अनिल उपाध्याय/सीतापुर- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आपातकालीन सेवा के दौरान ड्यूटी देने वाले चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मियों को दिया जाने वाला प्रोत्साहन राशि मे भारी गड़बड़ी का मामला सामने आया हैं। इस मामले में चिकित्सकों ने बीएमओ एवं बीपीएम के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। चिकित्सकों ने BMO & BPM पर पद का दुरुपयोग कर प्रोत्साहन राशि मे गड़बड़ी करने का आरोप लगाया हैं। इस संबंध में उन्होंने CMHO को ज्ञापन सौंप BMO & BPM द्वारा की गई अनियमितता की जांच की मांग की हैं।

प्राप्त जानकारी अनुसार, आयुष्मान भारत के तहत सन 2020-21 एवं 2021-22 में प्रोत्साहन राशि के रूप में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को चौदह लाख दो हजार तीन सौ चौदह रुपये आवंटित हुए थे। जिसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इमरजेंसी ड्यूटी के दौरान मरीजों का उपचार करने वाले चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मियों के बीच प्रोत्साहन के तौर पर बांटा जाना था। किंतु बीएमओ अमोष किंडो एवं बीपीएम दिलीप कुमार चंद्रा ने बाबुओं के सांठगांठ से इस राशि का बंदरबांट कर दिया। इन्होंने इमरजेंसी ड्यूटी करने वाले चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मियों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में कटौती कर दी। बीएमओ ने चिकित्सकों को पूरी राशि न देकर 50 से 60 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के नाम पर थमा दिया। इसके अलावा स्वास्थ्यकर्मियों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि मे भी भारी अनियमितता बरती गई। हद तो तब हो गई जब बिना इमरजेंसी ड्यूटी किये बीएमओ ने अपने खाते में 4 लाख 30 हजार रुपये जमा करा लिए। यह बात जब इमरजेंसी ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों को पता चला तो उन्होंने इसका पुरजोर विरोध किया। उन्होंने प्रोत्साहन राशि वितरण में धांधली का आरोप लगाते हुए बीएमओ के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया। उन्होंने बीएमओ की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि, बिना इमरजेंसी ड्यूटी किये बीएमओ ने हमारे हिस्से की राशि गलत तरीके से अपने खाते में जमा करा लिया।

इस संबंध में चिकित्सकों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए बीएमओ से अपने हिस्से की प्रोत्साहन राशि देने की मांग की। जिसका बीएमओ पर कोई असर नही पड़ा और उन्होंने चिकित्सकों की मांग एक सिरे से खारिज कर दी। बीएमओ के इस रुख से इमरजेंसी ड्यूटी करने वाले चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मी खुद को ठगा सा महसूस करने लगे। इस संबंध में चिकित्सकों ने पात्रता अनुसार प्रोत्साहन राशि वितरण कराने की मांग करते हुए सीएमएचओ को ज्ञापन सौंपा। इसके साथ ही उन्होंने इस मामले की जांच करा दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की हैं।

आयुष्मान भारत के अलावा अन्य योजनाओं की राशि का भी किया गया हैं दुरुपयोग-

आयुष्मान भारत प्रोत्साहन राशि के अलावा हॉस्पिटल को मिलने वाली अन्य योजनाओं की राशि मे भी भारी धांधली की गई हैं। हॉस्पिटल का रख रखाव हो या स्वास्थ्य सेवा का विस्तार समेत मरीजो को बेहतर सेवा उपलब्ध कराने की बात हो। इसके लिए केंद्र एवं राज्य सरकार योजनाओं के तहत हॉस्पिटल फंड में काफी पैसा देती हैं। ताकि, हॉस्पिटल की बुनियादी जरूरतों को पूरा करते हुए मरीजो को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। किंतु सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि का हॉस्पिटल प्रबंधन जमकर दुरुपयोग करती हैं। कागजो पर सब पूरा बता सरकारी पैसों का बंदरबांट कर लिया जाता हैं। जबकि कागजो पर पूर्ण योजना का जमीनी स्तर पर सच्चाई कुछ और होता हैं। इन सब की जांच अगर बारीकी से कराई जाए तो सारा काला चिट्ठा खुलकर सामने आ जाएगा।

इस संबंध में बीएमओ अमोष किंडो ने बताया कि, प्रोत्साहन को लेकर चिकित्सकों द्वारा शिकायत की गई हैं।इसकी जांच हेतु जिले में टीम भी बनाई गई हैं। मैंने इस संबंध में जिले में सारी जानकारियां उपलब्ध करा दी हैं।

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