भू-माफियाओं के चंगुल से मुक्त हुआ पर्यटन स्थल जलकेश्वरनाथ

[highlight color=”red”]राजस्व विभाग के मिलीभगत से नहीं हो सका एफआईआर[/highlight]

[highlight color=”black”]कलेक्टर ने शासकीय मद में दर्ज करने दिये आदेश[/highlight]

 

[highlight color=”red”]बलरामपुर/रामानुजनगर[/highlight]

नगर के धरोहर माने जाने वाली पर्यटन स्थल वार्ड क्रमांक-01 में स्थित जलकेश्वरनाथ की जमीन को फर्जी तरीके से पट्टा बनाये जाने की आखिरकार बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने शासकीय मद में दर्ज करने आदेशित किया है। जिसे नगर के भू-माफियाओं व अवैध पट्टाधारियों में खलबली मची हुई है। नगरीय निकाय क्षेत्र में पर्यटन स्थल जलकेश्वरनाथ की 10 एकड़ व वार्ड क्रमांक 6 के समीप कब्रिस्तान के समीप लगभग 3 एकड़ की जमीन को नगर के गोपाल श्रीवास्तव के द्वारा फर्जी पट्टा बनवा लिया गया था, जिसमें नगर के बैजनाथ केशरी ने उठाते हुये शासन और प्रशासन के समक्ष रखा जो आठ वर्षों के प्रयत्न के बाद यह उपलब्धि नगरवासियों को प्राप्त हुई है।

उल्लेखनीय है कि गोपाल प्रसाद श्रीवास्तव शासकीय कर्मचारी रहते हुये रामानुजगंज की धरोहर माने जाने वाली वार्ड 1 में स्थित पर्यटन स्थल जलकेश्वरनाथ की 10 एकड़ व वार्ड 6 में स्थिति कब्रिस्तान के समीप लगभग 3 एकड़ की जमीन को फर्जी पट्टा इसके तहत बनवाया था कि जलकेश्वरनाथ में कई वर्ष पूर्व से ही पक्का कुओं, पक्का मकान व वहां पर निवासरत है बताकर गोपाल प्रसाद श्रीवास्तव ने फर्जी पट्टा बनवा लिया था।  जबकि सर्व विदित है कि आज जलकेश्वरनाथ में कही कोई निर्माण और न ही कोई खेती किया गया है। वर्तमान स्थिति देखे तो आज वहां पर 100 से 150 वर्ष पुराने साल के वृक्ष लगे हुये हैं। नगर के बैजनाथ केशरी ने इस मामले को उछालते हुये रामानुजगंज अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को आवेदन के रूप में शिकायत किया, परंतु वहां पर किसी भी तरह का कोई सहायता नहीं मिलने के कारण जिलाधीश के समक्ष इसकी शिकायत की गई। पूर्व कलेक्टर एलेक्स पाल मेनन के समक्ष शिकायत किया गया, जिससे कलेक्टर ने तत्परता से रामानुजगंज के पूर्व एसडीएम रितेश कुमार अग्रवाल को फर्जी बनाये गये पट्टे की जांच हेतु निर्देशित किया था।  रितेश  अग्रवाल ने राजस्व कर्मचारी व अधिकारी सहित वन विभाग के अमलो के द्वारा इसकी जांच प्रारंभ की। जांच में यह पाया गया कि प्रारंभ से ही जलकेश्वरनाथ में न तो पक्का मकान रहा है और न ही पक्का कुआं रहा है।  यहां पर तो 100 से 150 वर्ष पुराने सिर्फ साल वृक्ष ही देखे जा रहे हैं। एसडीएम ने उक्त अवैध पट्टे को आनन-फानन में खरीदी करने वाले नगर के सुनिल अग्रवाल, रामचंद्र गुप्ता व तत्कालीन तहसीलदार आरएस लाल की पत्नी सोरठी देवी ने रजिस्ट्री करवा लिया। तत्पश्चात कैबियेट दायर करने के बाद पूर्व कलेक्टर डॉ. सीआर प्रसन्ना ने उक्त सभी नामंतरण पंजी व रजिस्ट्री को जप्त कर लिया। रितेश अग्रवाल ने भी अपनी जांच में यहां पाया कि तत्कालीन तहसीलदार आरएस लाल अपने पद रामानुजगंज में  रहते हुये फर्जी पट्टे को बढ़ावा दिया, जिसे उक्त सभी रजिस्ट्री कराने वाले लोगों को शासकीय भूमि को क्रय करने के संबंध में नोटिस देकर जवाब देेने कहा।

[highlight color=”blue”]एसडीएम ने किया था एफआईआर की अनुशंसा[/highlight]

गोपाल प्रसाद श्रीवास्तव के द्वारा बनाये गये फर्जी पट्टे को लेकर जांच के बाद एसडीएम एवं आईएएस प्रशिच्छु रितेश कुमार अग्रवाल ने यहां पाया कि प्रथम दृष्टया हल्का पटवारी द्वारा अनावेदको को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिये न्यायालय को गुमराह करने के लिये गलत प्रतिवेदन दिया। अतरू उसका यह कृत्य अपराधिक श्रेणी में आता है। इसी तरह तत्कालीन तहसीलदार आरएसलाल द्वारा उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार जांच न करते हुये अनावेदक के पक्ष में नामांतरण किये जाने के परिणाम स्वरूप उक्त वाद भूमि में से आरएस लाल द्वारा अपनी पत्नी सोरठी देवी के नाम पर क्रय किया जाना कही न कही उनका कृत्य को संदेह की परिधि मं लाता है। जिसे इस बात पर बल मिलता है कि क्रेता सोरठी देवी के द्वारा विक्रय पत्र में वैवाहिक तथ्य को छुपाते हुये पत्नी आरएल लाल न कहकर सोरठी देवी ने आत्मज गणेश लाल के रूप में आवेदन किया गया है। इस लिये तहसीलदार एवं पटवारी के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित करते हुये प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाने की अनुशंसा तथा फर्जी पट्टाधारी गोपाल प्रसाद श्रीवास्तव द्वारा उच्च न्यायालय के पारित निर्णय गत 22 जून 2006 का गलत व्याख्या कर अपने पक्ष मे वाद भूमि नामांतरण कराने के कारण गोपाल प्रसाद श्रीवास्तव को भी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज का अनुशंसा कलेक्टर एलेक्स पाल मेनन से किया था।

रामानुजगंज के एसडीएम रितेश कुमार अग्रवाल ने जांच के दौरान जिलाधीश एलेक्स पाल मेनन का एफआईआर दर्ज कराने गत 17 अगस्त 2015 को दिया था। इस जांच रिपोर्ट के तहत एलेक्स पाल मेनन ने गत 19 अक्टूबर 2015 को रामानुजगंज के अनुविभागीय अधिकाीर को तत्कालीन तहसीलदार आरएल लाल, पटवारी व फर्जी पट्टाधारी गोपाल प्रसाद श्रीवास्तव के विरूद्ध रामानुजगंज में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश दिया था, परंतु भू-माफिया एवं राजस्व विभाग की मिली भगत के कारण आज पर्यन्त तक एफआईआर नहीं हो सका है।

[highlight color=”blue”]होगी सख्त कार्यवाही-कलेक्टर[/highlight]

अवैध पट्टाधारियों व भू-माफिया को लेकर बलरामपुर-रामानुजगंज के कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने कहा कि यदि जिलावासी फर्जी पट्टा की शिकायत उनसे करते हैं तो तत्काल उस पर कार्यवाही करते हुये जांच करा शासकीय मद में दर्ज कराया जायेगा व फर्जी पट्टाधारियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराया जायेगा। रामानुजगंज में कई पट्टा फर्जी होने की शिकायत मिली है। जिसकी जांच कराया जा रहा है। जांच उपरांत दोषियों पर सख्त कार्यवाही किया जायेगा।

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