छत्तीसगढ़ : अंतर्राज्यीय साइबर अपराध के सरगना को मध्य प्रदेश के बीहड़ से दबोचा गया, दिव्यांग व्यक्ति से 4 लाख से अधिक की रकम ठगने वाले मुख्य आरोपी के साथ सहयोगी गिरफ्तार

करीबन 7 लाख की रकम विभिन्न खातो में सीज की गयी एवं अन्य प्रकरणों में इसकी संलिप्तता की जाँच की जा रही है

आरोपियों से घटना में प्रयुक्त मोबाइल, सिम, कम्प्यूटर सिस्टम, प्रिंटर बरामद किया गया

आरोपियों के विभिन्न खातो की जानकारी से अन्य तथ्यों के आधार पर ग्रुप के अन्य सदस्यों की पतासाजी जारी है

पुलिस द्वारा 5000 रु आरोपियों के खाते में डालकर आरोपियों को झासे में लेकर ट्रेस किया गया

बिलासपुर : वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार झा के निर्देशन में साइबर अपराध पर लगाम कसने के लिए चलाये जा रहे अभियान साइबर क्लीन के अंतर्गत जिले में लगातार कार्यवाही जारी है।
इसी क्रम में 23 अगस्त को रिपोर्ट प्राप्त हुई कि ग्राम अमसेना के दिव्यांग सरजूदास मानिकपुरी उम्र 40 वर्ष को 25 लाख रूपये लाटरी लगने का झांसा देकर  पिछले 1.8 वर्षो से माह फ़रवरी 2020 में 4.18 लाख रूपये ठग लिए और अभी भी नम्बर बदल बदल कर प्रार्थी को झांसा दे रहे है।

जिसकी रिपोर्ट पर अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार झा के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) रोहित कुमार झा एवं सीएसपी चकरभाठा सृष्टि चन्द्राकर के मार्गदर्शन में टीम बनाकर झाँसी रवाना किया गया। जहाँ पहुचकर तकनिकी साक्ष्यो द्वारा आरोपियों की पतासाजी प्रारम्भ की गयी परन्तु मामला ज्यादा पुराना होने से आरोपियों को ट्रेस करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था।

पुलिस द्वारा योजनाबद्ध तरीके से प्रार्थी के माध्यम से अज्ञात आरोपी जिससे लगातार संपर्क जारी था को पैसा डालने का लिये खाता की जानकारी मांगी गयी। जो आरोपी झांसे में आकर खाते की जानकारी दिया। जिसमे 5000 रूपये डाले गये जिसके आधार पर तकनिकी जानकारी के अनुसार आरोपी अंकुश सिंह यादव एवं योगेन्द्र अहिरवार की जानकारी प्राप्त हुई साथ ही इनका निवास एमपी के नौरा ग्राम में होना। पता चला जो थाना टेहरका क्षेत्र में होना पता चला तब थाना टेहरका से संपर्क करने पर पुरे गाँव में साइबर अपराध में संलग्न होने की जानकारी एवं पकड़ने जाने पर पुलिस को हिंसक तरीके से खदेड़ने की परम्परा की जानकारी हुई तब थाना टेहरका के स्टाफ की सकारात्मक मदद से आरोपियों को दबिश देकर अभिरक्षा में लिया गया जिसने सम्बंधित मोबाइल, सिम, कंप्यूटर आदि बरामद किये गये जिसने पूछताछ अभी भी जारी है। अब तक आरोपियों के 10 अलग अलग बैंको में 15 खाते का पता चला है जिसमे केवल विगत 02 वर्षो के भीतर आरोपी अंकुश के 05 खातो में करीबन 1.21 करोड़ का लेन देन हुआ है एवं आरोपी योगेन्द्र के 02 खातो से 8.5 लाख का लेन देन हुआ है। जिनमे से बैंक खातो में रखे 7 लाख रूपये सीज किये जा चुके है एवं जिरोधा शेयर ऐप में करीबन 5 लाख रुपये होने की जानकारी मिली है जिसकी जांच जारी है ,आरोपियों द्वारा छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिसा, मप्र आदि राज्यों में लोगो को फोन पर झांसा देकर रकम ठगी करने का कार्य कर रहे थे जिन्हें बामुश्किल हिरासत में लिया गया मामले के अन्य पहलुओ पर जांच जारी है।    

प्रकरण को सुलझाने में थाना प्रभारी यू.एन. शांत कुमार साहू, एएसआई शीतला त्रिपाठी, आरक्षक वीरेन्द्र साहू, आरक्षक प्रशांत महिलांगे, आरक्षक कृष्णा कपूर एवं साइबर सेल से आरक्षक दीपक एवं विकास राम की प्रमुख भूमिका रही।