सरगुज़ा में ब्लाइंड मर्डर का खुलासा: प्रेमिका को रास्ते से हटाने के लिए प्रेमी ने दिया था कॉन्ट्रैक्ट, जानें- वारदात की पूरी कहानी

सरगुजा पुलिस ने डेढ़ साल पहले हुए एक महिला के अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाने में सफलता हासिल की है। पुलिस ने हत्या के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है, इनमें से एक मृतिका का प्रेमी है जिसने दूसरे युवक को प्रेमिका को मारने के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया था। फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।

दरअसल मामला 1 जून 2020 का है, जिले के लुंड्रा थाना क्षेत्र के सेमरपारा में एक पुराने आरईएस के क्वार्टर में रहने वाली महिला सुषमा पैकरा (30 वर्ष) की लाश बिस्तर में पड़ी हुई मिली थी। घटना की सूचना मिलने पर लुंड्रा थाना में अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर मामले की जांच की जा रही थी। वही मामले की नए सिरे से जांच के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला के मार्गदर्शन में एसडीओपी अखिलेश कौशिक के नेतृत्व में टीम गठित कर आरोपी की पतासाजी शुरू की गई।

घटना स्थल निरीक्षण के दौरान तत्कालीन जांच अधिकारियों को मृतिका का मोबाईल फोन प्राप्त नहीं हुआ था। उक्त मोबाईल फोन को सायबर सेल सरगुजा के माध्यम से सर्विलांस में रखा गया। इसके अतिरिक्त मुख्य संदेही अमित सिंह जो कि मृतिका का प्रेमी था उस पर भी नजर रखी जा रही थी। इसी बीच सायबर सेल से जानकारी प्राप्त हुई की ग्राम लुण्ड्रा के एक व्यक्ति दिनेश भुईहर के द्वारा मृतिका का मोबाईल इस्तेमाल किया जा रहा है जिस पर उसे हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया।

पूछताछ में दिनेश भुईहर के द्वारा बताया गया कि अमित सिंह का मृतिका सुषमा के साथ अवैध संबंध था और मृतिका अमित सिंह के उपर शादी का दबाव डाल रही थी। जिस कारण मुख्य आरोपी अमित सिंह के द्वारा मृतिका को अपने रास्ते से हटाने के लिए एक सोची समझी रणनीति के तहत् साजिश रचकर दिनेश भुईहर को एक लाख रूपये देने का लालच देकर मृतिका को मारने के लिए प्रेरित किया। जिस पर दिनेश भुईहर के द्वारा 31 मई 2020 की रात को मृतिका के घर के पीछे दरवाजे से अंदर घुसकर मृतिका का मुह तथा गला तकिये से दबाकर हत्या कर भाग गया। प्रकरण के आरोपी दिनेश भुईहर एवं अमित सिंह को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेज दिया गया।

इस कार्यवाही में उप पुलिस अधीक्षक ईमानुएल लकड़ा, थाना लुण्ड्रा प्रभारी निरीक्षक दिलबाग सिंह, विजय प्रताप सिंह, उनि. रश्मि सिंह, सउनि अजित मिश्रा, सरफराज फिरदौसी, भुपेश सिंह, प्रआर कृष्णा सिंह, सुधीर सिंह, प्रवीण राठौर, आरक्षक अशोक यादव, रूपचंद, विकास सिंह, राकेश शर्मा, सुयश पैकरा, विरेन्द्र पैकरा, विकास पाण्डेय का अहम योगदान रहा।