लॉकडाउन की वापसी? कोरोना के नए ओमीक्रॉन वेरिएंट मिलने के बाद यहां धारा 144 लागू, बड़े आयोजनों पर पाबंदी

कर्नाटक और गुजरात के बाद अब महाराष्ट्र और दिल्ली में भी कोरोना के नए ओमीक्रॉन वेरिएंट ने अपने पांव पसार लिए हैं। आज (5 दिसंबर, रविवार) दिल्ली में एक ओमीक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित व्यक्ति पाया गया। इस तरह से देश भर में ओमीक्रॉन के पांच केस मिलने की पुष्टि हो चुकी है। इससे पहले शनिवार को मुंबई के पास डोंबिवली के 33 साल का युवक ओमिक्रॉन संक्रमित पाया गया। वह केपटाउन से दुबई होते हुए दिल्ली आया और फिर दिल्ली से मुंबई आया था। 23 नवंबर को मुंबई आकर वह अपने घर डोंबिवली गया।

शनिवार को ही गुजरात के जामनगर में भी एक 72 साल के बुजुर्ग ओमीक्रॉन से संक्रमित पाए गए। संबंधित मरीजों में सौम्य लक्षण होने की वजह से महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने लोगों को सलाह दी कि वे अनावश्यक रूप से ना घबराएं, लेकिन साथ ही उन्होंने सतर्कता बरतते हुए कोरोना नियमों का पालन करने की अपील की है।

महाराष्ट्र में ओमीक्रॉन का पहला केस पाए जाने के बाद एक तरह से भय का वातावरण बन गया है। ऐसे में प्रशासन द्वारा तरह-तरह से सावधानियां और सतर्कता बरतनी शुरू हो गई हैं। इन्हीं सावधानियों से संबंधित उपायों के तहत अकोला की जिलाधिकारी नीमा अरोरा ने जिले में फौजदारी संहिता 1973 की धारा 144 लागू कर दी है। यह आदेश 5 दिसंबर की आधी रात  यानी 12 बजे के बाद से लागू किया गया है। जिलाधिकारी ने अपना यह आदेश 4 दिसंबर को जारी किया।

5 दिसंबर की आधी रात से अगले आदेश तक अकोला जिले में किसी भी प्रकार की रैली, धरना, आंदोलन, मोर्चे आदि का आयोजन नहीं किया जा सकेगा। लेकिन इस जमावबंदी के काल में जिले में कोरोनारोधी वैक्सीनेशन का काम नियमित रूप से शुरू रहेगा। जिलाधिकारी के आदेश में धारा 144 के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई किए जाने की घोषणा की गई है।

ओमीक्रॉन को लेकर इतनी सतर्कता की वजह यह है कि कोरोना का यह नया वेेरिएंट पहले वाले डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले पांच से सात गुना ज़्यादा तेजी से फैलता है। इसीलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मुख्य विशेषज्ञ डॉ. सौम्या स्वामिनाथन का मत है कि जल्दी ही दुनिया भर में यह डेल्टा वेरिएंट की जगह ले लेगा। हालांकि यह बताया जा रहा है कि ओमीक्रॉन वेरिएंट वेक्सीनेशन किए हुए लोगों को भी संक्रमित कर सकता है।

लेकिन बावजूद इसके वैक्सीनेशन इसके खिलाफ एक सही सुरक्षा कवच प्रदान करता है। कम से कम कंप्लीट वैक्सीनेशन वाले लोगों पर यह घातक असर नहीं डाल पा रहा है। एक जरूरी जानकारी यह भी सामने आई है कि महाराष्ट्र और गुजरात में पाए गए ओमीक्रॉन संक्रमित व्यक्तियों ने वैक्सीन नहीं ली थी।