कमाई का जरिया बना जिस्मफरोसी…. पुलिस सरंक्षण मे जारी है,धंधा

रोमी सिद्दिकी…

अम्बिकापुर – शहर मे ईन दिनो राते रंगीन बनाने के लिए जिस्मफरोसी का धंधा चरम सीमा पर है। यही नही इस धंधे को शहर पुलिस के कुछ नुमाईंदे का बकायदा सरंक्षण भी प्राप्त है,, यही कारण है कि शहर के नामी गिरामी होटलो मे रात की रानी ,,चोरो के राजाओ के साथ रात रंगीन कर रही है,, और पुलिस मूक दर्शक बनी हुई है,,

पुलिस रिकार्ड और सूत्रो की माने तो पिछले कुछ वर्षो मे शहर मे यह धंधा अपना पांव काफी तेजी से पसार रहा है। इसके दलाल भी काफी तेजी से सक्रिय हो गए है। पहले इन दलालो की संख्या ऊंगलियो मे गिनी जा सकती थी,, लेकिन मेट्रो शहरो के आमदरफद से दलालो की संख्या भी बढी है। हांलाकि शहर मे आज भी इस गंदे कारोबार का केन्द्र सिर्फ एक ही स्थान है , जिसे राजनैतिक हस्तियो और पुलिस का संरक्षण प्राप्त है। जिसे लगभग सभी जानते और पहचानते भी है। लेकिन उनके कद वा पंहुच के आगे उनके गिरेबान पर आज तक कोई हाथ नही डाल पाया है,, इसे एक शब्द मे पुलिस का निक्कमापन ही कहेगे। बहरहाल शहर मे जिस्मफरोसी का पर्दाफाश पहली बार 2011 मे जिले के तात्कालिक आईजी पीएन तिवारी के द्वारा किया गया था। जिसमे पुलिस ने नवापारा इलाके के एक दो मंजिला भवन मे छापा मार कारवाही की थी ,और एक महिला और 6 युवतियो को रंगे हाथो पकडा था। इतना ही नही पुलिसिया छानबीन मे एक डायरी का भी जिक्र आया था। जिसमे ग्राहको की एक लंबी फेहरिस्त मिली थी,, जिस डायरी मे शहर के बडे व्यवसायी, ठेकेदार, पुलिस और प्रशासन के कई आला अधिकारी के नाम भी सामने आए थे। लेकिन राजनैतिक दबाव मे पुलिस पंगु बन गई ,, और मामले से उस डायरी का जिक्र ही दफन कर दिया गया।

पुलिस महानिरीक्षक की इस कारवाही के बाद शहर मे जिस्मफरोसी का ये काला कारोबार मानो रुक सा गया था। लेकिन कुछ महीनो के बाद शहर पुलिस ने शहर खरसिया रोड स्थित एक नामी होटल मे छापामार करते हुए, शहर के बडे युवा ठेकेदार व देवीगंज रोड मे रहने वाले एक व्वसायी को कलकत्ता की दो युवतियो के साथ धर दबोचा। पहले तो नगर कोतवाल अपने इन चेहेते आरोपियो को मामले से निकाल कर मामले को ठंडे बस्ते मे डालना चाहती थी। लेकिन मीडिया की दखल के बाद कारवाही करना पुलिस के लिए मजबूरी बन गया। और फिर शाम के अंधेरे मे जिस्मफरोसी मे लिफ्त दोनो युवतियो और दो युवको को एसडीएम न्यायालय मे पेश किया गया,, जंहा से सभी को जमानत भी मिल गई थी।

उस समय से आज तक जिस्मफरोसी का धंधा शहर के कई होटलो और फार्म हाउसो मे ढडल्ले से जारी है। जिस्मफरोसी का ये कारोबार दिल्ली, कलकत्ता, नागपुर, रायपुर ,बिलासपुर की वेश्याओ के बलबूते खूब फल फूल रहा है। इस धंधे को शहर मे पुलिस और राजनैतिक संरक्षण प्राप्त दलाल आसानी से अंजाम दे रहे है। इस धंधे के लिए अय्याशो के मंगलवार का दिन काफी सूकून भरा होता है। क्योकि इस दिन सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहते है।

सूत्रो के मुताबित जिस्मफरोसी के लिए जिन लडकियो को शहर मे बुलाया जाता है। उनकी उम्र 16 से 24 वर्ष की होती है। और उनकी एक रात की कीमत 5 हजार से 25 हजार तक होती है। यही नही दिल्ली और कलक्ता से आने वाली युवतियां इसके लिए शहर मे बैठे दलालो से हवाई किराया भी अलग से लेती है। और रायपुर से अंबिकापुर तक आने के लिए ट्रेन मे बकायदा एसी कोच मे भी इनका आरक्षण होता है। शहर के रेल्वे स्टेशन और बस अड्डो मे उतरने के बाद इन्हे शहर के चर्चित दलाल  काली, सफेद और लाल कार से लेकर होटलो और फार्म हाऊसो मे सप्लाई करता है। यही नही इस धंधे की कमाई देखकर कुछ वर्दीधारियो की नीयत भी डोल चुकी है,, खबर तो ये भी है कि वो अब इन दलालो को संरक्षण देते है,, और दलाल कमाई का मोटा हिस्सा उन तक पंहुचा रहा है।

जिस्मफरोसी के इस कारोबार मे पुलिस ने कमाई का एक नया जरिया भी खोज निकाला है। जानकारो की माने तो पूर्व नगर निरीक्षक के द्वारा कुछ काल गर्लो को अंबिकापुर मे बुलाकर ग्राहको के पास भेजा जाता था। और जब वो काल गर्ल अपने ग्राहक के साथ ठिकाने पर पंहुच जाती थी,, तब पुलिस वंहा पंहुच कर ग्राहक को अपने कब्जे मे ले लेती थी। और कारवाही की धमकी देकर मोटी रमक ऐँठ लेती थी। लेकिन ये परंपरा उनके जाने के बाद भी जारी है,, जिसे उनके कुछ वफादार अधीनस्त कर्मचारी आज भी अंजाम देकर अपनीजेब गर्म कर रहे है।