गरीबो के हक पर रहीशो का डाँका…..

निगम मे वर्षो से कुंडली मार बैठे अधिकारीयो ने बुना ताना बांना

अमितेष पाण्डेय

अंबिकापुर- अपने कार्यो के लिए छत्तीसगढ के श्रेष्ठतम निगम का दर्जा हासिल कर चुके,, अंबिकापुर नगर पालिक निगम की असल करतूत अगर बापर्दा होने लगे ,,, तो शायद तमगा देने वालो को सर भी शर्म से झुक जाएगा। क्योकि यंहा कभी लखपतियो को गरीबी रेखा का कार्ड दे दिया जाता है,, तो कभी गरीबो के हक पर यंहा के पार्षद, अधिकारी, नेता और निगम अधिकारियो के चहेते व्यापारी अतिक्रमण कर लेते है। ऐसा ही एक बडा मामले का खुलासा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत हुआ है,, जिसमे ये पता चला है कि जिस मुख्यमंत्री स्वाबलंबन योजना की दुकाने गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालो को आबंटित की जानी थी, वो पार्षद के रिश्तेदारो, नेताओ, अधिकारियो और व्यापारियो के नाम आबंटित कर दी गई है।

 

अम्बिकापुर, बनारस रोड के गांधीनगर इलाके मे बैरियर के कुछ ही कमद पहले निगम द्वारा मुख्यमंत्री स्वाबलंबन योजना के तहत वर्ष 2008-09 मे 22 दुकानो का निर्माण कराया गया था। जिन दुकानो का बंदरबाँट नियमो को ताक मे रखते हुए,, निर्माण के दौरान ही कर लिया गया। और इस बंदरबांट मे कई पार्षद , निगम के अधिकारी, व्यापारी और कुछ नेता भी शामिल है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री स्वाबलंबन योजना के तहत दुकानो का निर्माण गरीबी रेखा के नीचे या उसके आसपास जीवन यापन करने वाले उन जरुरतमंदो के लिए होता है। जो उन दुकानो की छत के नीचे छोटा मोटा धंधा कर अपने परिवार की परवरिश कर सकें। लेकिन अंबिकापुर मे जो हो रहा है ,, उससे ये नही लगता है कि उनकी सुध लेने वाला भी कोई है। ऐसा हम नही कह रहे है,, ऐसा कह रहा सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त वो दस्तावेज जिसमे ये स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री स्वाबलंबन योजना के तहत बनारस रोड के किनारे स्थित दुकानो का बिना किसी संवैधानिक प्रकिया के ही आबंटन कर दिया गया है। और इस आबंटन और दुकानो के स्वामी की प्राप्त सूची मे शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो ,, जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करता हो।

 

जानकारी और दुकान आबंटन की प्राप्त सूची के आधार पर यह एक दम साफ हो जाता है । कि नगर पालिक निगम के पार्षद एंव एमआईसी सदस्य मुरारी लाल बंसल के दोनो पुत्रो के नाम से दुकान क्रमांक 5 और 6 आंबटित की गई है, इसके अलावा नगर निगम मे पदस्थ राजस्व प्रभारी अमरेश सिंह के रिश्तेदारो के नाम से दो दुकाने आबंटित है,, इतना ही नही महापौर के एकदम करीबी माने जाने वाले ठेकेदार शशिभूषण सिंह के पुत्र गौरव सिंह एंव पुत्री गरिमा सिंह के नाम से दुकान क्रमांक 9 और 10 आबंटित कर दी गई है , साथ ही व्यापारी सत्यनारायण अग्रवाल के पुत्र अनुज अग्रवाल , व्यवसायी सरजू गुप्ता के पुत्र अनिल गुप्ता के नाम से भी दुकाने आबंटित की गई है। जानकार सूत्रो की माने तो निगम द्वारा निर्मित कोई भी दुकान उपकिराए मे देने का कोई प्रावधान नही है,, लेकिन उसके बावजूद इनमे से कई दुकानो से दुकान के मालिक मोटी रकम वसूल रहे है। जबकि नियम के मुताबिक उपकिराएदारी मे दी गई दुकानो का आबंटन को निरस्त करने का प्रावधान अनुबंध मे साफ उल्लेखित होता है। पर समस्त जानकारी के बावजूद नगर निगम ना जाने क्यो मौन है ??

श्री डी.के.सोनी (अधिवक्ता)   आरटीआई कार्यकर्ता……सभी दुकानो के आबंटन निरस्त करते हुए जरुररतमंद लोगो को दुकानो का आबंटन कराया जाए, और इस बडे फर्जीवाडे मे शामिल और दोषी अधिकारीयो, नेताओ एंव लाभ प्राप्त करने वाले कथित हितग्राही के खिलाफ कानूनी कारवाही की जाए।

श्री शफी अहदम, नेता प्रतिपक्ष ,नगर पालिक निगम…… नगर निगम अंबिकापुर द्वारा मुख्यमंत्री स्वाबलंबन योजना के तहत बनी दुकानो का बंदरबांट किया गया है, भाजपा के कुछ प्रभावशाली लोगो को दुकानो का आबंटन कर दिया गया है, जिस संबध मे धरना प्रदर्शन कर जिला प्रशासन के जांच की मांग भी की गई थी ,लेकिन पूरा तंत्र शासन के दबाव मे काम कर रहा है ,जिस कारण अब तक निष्पक्ष जांच नही हो पाई है। इसके उपरांत इस मामले को लेकर अंबिकापुर विधायक टी.एस.सिंहदेव ने विधानसभा मे प्रश्न भी किया था, इसके बावजूद अभी तक कोई जांच ठंडे बस्ते मे है।